उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के कालिदास ऑडिटोरियम में चार दिवसीय शास्त्रीय संगीत समारोह का आगाज शुक्रवार शाम 6 बजे हुआ। उद्घाटन समारोह के दौरान उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक फुरकान खान ने कहा कि शास्त्रीय संगीत की विरासत ,विशेषकर पटियाला घराने को पुनर्जीवित करने और उसे आगे बढ़ाने के लिए केंद्र का यह एक विनम्र प्रयास है जो पटियाला कलाप्रेमी जनता के सहयोग से ही सफल हो पाएगा।
प्रो.अमनदीप का दिलरूबा वादन - राग यमन ठुमरी की प्रस्तुति दी
चार दिवसीय शास्त्रीय संगीत समारोह के पहले दिन प्रो.अमनदीप सिंह दिलरूबा ने यमन राग की प्रस्तुति से शुरुआत करी। प्रो. अमनदीप ने बताया कि यमन राग को रात्रि के प्रथम प्रहर या संध्या समय गाया-बजाया जाता है। इसके आरोह और अवरोह में सभी स्वर प्रयुक्त होते हैं। इस राग की विशेषता है कि इसमें तीव्र मध्यम का प्रयोग किया जाता है।
बाक़ी सभी स्वर शुद्ध लगते हैं। प्रो.अमनदीप ने ठुमरी गायन संबंधी जानकारी देते बताया कि ठुमरी भारतीय शास्त्रीय संगीत की एक गायन शैली है। इसमें श्रृंगार रस की प्रधानता होती है साथ रागों के मिश्रण की वजह से इसे अर्ध-शास्त्रीय गायन के अंतर्गत रखा जाता है। बता दें कि प्रोफेसर अमनदीप सिंह दिलरूबा पंजाबी यूनिवर्सिटी के गुरमत संगीत के प्राध्यापक हैं ।
आपने हिंदुस्तानी संगीत और गुरमत संगीत की तन्ति वाद्ययंत्र वादन की परंपरा को पुनर्जीवित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्रोफेसर अमनदीप सिंह ने नई पीढ़ी को तन्ति साज़ों को सिखाने और उनकी रुचि बढ़ाने में बहुत योगदान दिया है। प्रो.अमनदीप अनेक पुरस्कारों और अवार्ड से नवाज़े गए हैं और देश के विभिन्न क्षेत्रों के अलावा विदेशों में भी आपने अपनी प्रस्तुति दी है
अंजना नाथ की गायकी में राग जैजैवंती रहा आकर्षण
समारोह के पहले दिन कोलकाता की विदुषी अंजना नाथ ने राग जैजैवंती, जो कि पटियाला घराने के उस्ताद बड़े गुलाम अली खान का पसंदीदा राग है, की प्रस्तुति से समारोह में शामिल हुए लोगों का मन मोह लिया। उसके बाद विदुषी अंजना नाथ ने सदारंग जी की विलम्बित एकताल बंदिश "लाल मोसे प्रीत न जाण्यो..." और स्वरचित बंदिश प्रस्तुत की गई। जिसे आडिटोरियम में बैठे लोगों ने काफी पसंद किया।
बता दें कि विदुषी अंजना नाथ की प्रारंभिक तालीम उस्ताद बड़े गुलाम अली खान की शिष्या, विदुषी मीरा बनर्जी और शिष्य पंडित ललित मोहन सान्याल के पास हुई । बाद में पटियाला घराने के पंडित अजय चक्रवर्ती की देखरेख में आपने स्वयं को अपनी मेहनत और लगन से पटियाला घराने की स्थापित गायिका के रूप में स्थान बनाया । "गिरिजा देवी पुरस्कार" और भारत रत्न पंडित भीमसेन जोशी पुरस्कार" के साथ इन्हें भारत सरकार की स्कालरशिप से भी नवाजा गया है। इन्होंने इंग्लैंड,स्पेन जर्मनी, कनाडा और स्विट्जरलैंड में भी अपनी प्रस्तुतियां दी है।
आज सितार वादक अदनान और गायक राहुल मिश्रा,रोहित मिश्रा देंगे प्रस्तुति
समारोह संबंधी जानकारी देते उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक फुरकान खान ने बताया कि शनिवार को प्रसिद्ध सितार वादक अदनान और बनारस के गायक राहुल मिश्रा व रोहित मिश्रा अपनी प्रस्तुति देंगे । 24 दिसंबर को झारखंड के केडिया बंधु की सरोद और सितार की जुगलबंदी के साथ साथ प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक मोहम्मद अमान खान की भी प्रस्तुति होगी । समारोह के अंतिम दिन 25 दिसंबर को ग्रैमी अवार्ड विजेता पद्मभूषण विश्व मोहन भट्ट, मोहन वीणा और पंडित सलिल भट्ट सात्विक वीणा की जुगलबंदी प्रस्तुत करेंगे और शास्त्रीय गायक हरीश तिवारी अपनी प्रस्तुति देंगे।