‘मेरी माटी मेरा देश‘ के पहले चरण के सफल समापन के बाद, मुख्य सचिव डॉ. अरुण कुमार मेहता ने 1 सितंबर से 30 अक्टूबर तक शुरू होने वाले कार्यक्रम के आगामी दूसरे चरण की तैयारियों की समीक्षा की।बैठक में सचिव पर्यटन एवं संस्कृति के अलावा, आयुक्त सचिव आरडीडी, आयुक्त सचिव उद्योग एवं वाणिज्य, सचिव परिवहन एवं अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
शुरुआत में, मुख्य सचिव ने इस कार्यक्रम के अन्य पहलुओं में शीर्ष पर रहने के अलावा रिकॉर्ड संख्या में शिलाफलकाम बनाने के मामले में उनके असाधारण प्रदर्शन हेतु संभागीय और जिला प्रशासन की भूमिका की सराहना की।डॉ. मेहता ने कहा कि इस राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम के पहले चरण के दौरान, पूरे केंद्र शासित प्रदेश में एकता और देशभक्ति का जीवंत प्रदर्शन हुआ, जिसके परिणामस्वरूप अधिकांश राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की तुलना में कम आबादी के बावजूद यह देश में शीर्ष प्रदर्शन करने वालों में से एक बन गया।
इस कार्यक्रम के दूसरे चरण के संबंध में मुख्य सचिव ने सभी संबंधितों को एक-दूसरे के साथ समान उत्साह के साथ काम करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने उनसे पहले चरण के समान वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण की भावना से एक टीम के रूप में काम करने को कहा।
उन्होंने उन्हें इस चरण के तहत किए जाने वाले सभी आयोजनों के लिए पूर्व व्यवस्था करने का निर्देश दिया।
कार्यक्रम के सफल संचालन में युवा क्लबों, एसएचजी, पीआरआई और यूएलबी सदस्यों के अलावा समाज के अन्य जिम्मेदार नागरिकों को भी शामिल करने को कहा। संस्कृति विभाग को राष्ट्रीय स्तर के समारोहों में भाग लेने के लिए दिल्ली जाने वाले युवा स्वयंसेवकों के लिए आवश्यक व्यवस्था करने के लिए जम्मू-कश्मीर रेजिडेंट कमिश्नर, दिल्ली के साथ संपर्क करने का निर्देश दिया।
उन्होंने उनसे श्रीनगर और जम्मू दोनों स्थानों पर यूटी स्तर के कार्यक्रम के संचालन के लिए विशेष व्यवस्था करने को भी कहा। उपायुक्तों को पंचायत/नगर पालिका स्तर के कार्यक्रमों की निगरानी करने के लिए कहा।बैठक में सचिव पर्यटन एवं संस्कृति सैयद आबिद रशीद शाह ने जानकारी देते हुए बताया कि यूटी ने मेरी माटी मेरा देश कार्यक्रम के पहले चरण के दौरान उल्लेखनीय काम किया है।
उन्होंने बताया कि यूटी में पंचायतों और यूएलबी की 100 प्रतिषत भागीदारी के साथ 20000 से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए गए थे। उन्होंने यह भी बताया कि पहले चरण के दौरान 6000 से अधिक अमृत वाटिकाओं के अलावा 8000 से अधिक शिलाफलकाम स्थापित किए गए और जम्मू-कश्मीर के जिलों में 3000 से अधिक बहादुर दिलों को सम्मानित किया गया। इस प्रदर्शन ने जम्मू-कश्मीर को केंद्रशासित प्रदेशों में शीर्ष प्रदर्शनकर्ता बना दिया है और इसे देश में समग्र रैंकिंग में छठे स्थान पर रखा है।
इसके अतिरिक्त बताया गया कि दूसरा चरण इस साल 1 सितंबर से 30 अक्टूबर के बीच आयोजित किया जाएगा। ऐसा कहा गया कि इस चरण को प्रत्येक गांव के घरों से अमृत कलश में मिट्टी या चावल एकत्र करके चिह्नित किया जाता है, जो स्थानीय परंपराओं के अनुसार काफी उत्सव का अवसर होगा। ‘मिट्टी‘ और चावल संग्रह के समय पंच प्रण प्रतिज्ञा लेना भी कार्यक्रम का हिस्सा है।
जम्मू और श्रीनगर की दोनों राजधानियों में यूटी स्तर पर इसी तरह के कार्यक्रम जिला स्तर के कार्यक्रमों के बाद होंगे। 26 अक्टूबर को राष्ट्रीय स्तर के समारोहों में भाग लेने के लिए उपराज्यपाल द्वारा अमृत कलश यात्रा को हरी झंडी दिखाई जाएगी। युवा स्वयंसेवक ‘मेरी माटी मेरा देश‘ कार्यक्रम के समारोह में अपने क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने के लिए अपने संबंधित अमृत कलशों के साथ राष्ट्रीय राजधानी की यात्रा करेंगे।