निदेशक, सामाजिक सुरक्षा तथा महिला एवं बाल विकास विभाग पंजाब तथा डिप्टी कमिश्नर होशियारपुर कोमल मित्तल के दिशा-निर्देशानुसार तथा जिला प्रोग्राम अधिकारी होशियारपुर हरदीप कौर के नेतृत्व में 1 अगस्त से 7 अगस्त तक मनाए जा रहे मां के दूध के महत्व सप्ताह के तहत बाल विकास परियोजना अधिकारी मुकेरियां मंजू बाला द्वारा कालसां गांव में इस संबंध में ब्लॉक स्तरीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन कर ब्लॉक की आंगनबाडी कार्यकर्ताओं को मां के दूध के प्रसार के महत्व के बारे में जागरूक किया गया।
सीडीपीओ कुमारी मंजू बाला ने आंगनबाडी कार्यकर्ताओं को बताया कि हर परिस्थिति में बच्चे के जन्म के एक घंटे के अंदर स्तनपान कराना जरूरी है, चाहे प्रसव सामान्य हो या सिजेरियन और इसके साथ ही मां का पहला गाढ़ा दूध भी पिलाना है। किसी भी स्थिति में शिशु की रक्षा करें, क्योंकि यह शिशु को संक्रमण से बचाता है और उसकी रोगों से लड़ने की शक्ति को बढ़ाता है तथा माँ और शिशु के बीच एक भावनात्मक बंधन स्थापित होता है।
इसके अलावा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मां को दूध पिलाते समय मां और बच्चे की सही स्थिति के बारे में भी जानकारी दी गई और बताया गया कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को यह सब समझाना है। विशेष रूप से निजी अस्पतालों में जाकर उन्हें जागरूक करने को कहा गया कि जन्म के समय डिब्बाबंद दूध नहीं देना चाहिए।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 6 महीने तक केवल स्तनपान और 6 महीने के बाद 2 साल तक ऊपरी आहार के बारे में भी जागरूक किया गया। इसके साथ ही परिवार के बाकी सदस्यों जैसे पति, सास, ननद आदि को नर्सिंग मां का समर्थन करने के लिए समाज को शिक्षित करने के लिए कहा गया।
इसके अलावा एनीमिया मुक्त पंजाब माह के तहत आंगनवाड़ी केंद्रों में आयुर्वेदिक पौधे लगाए गए, पोषण वाटिका का निर्माण किया गया और आंगनवाड़ी केंद्रों में रोपण के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सुहांजना, करी पत्ता, नींबू आदि पौधे वितरित किए गए।