सांबा के उपायुक्त अभिषेक शर्मा ने अवैध खनन गतिविधियों से निपटने और प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने पर ध्यान केंद्रित करने हेतु समितियों की कई महत्वपूर्ण बैठकों की अध्यक्षता की।बैठक में खनन कार्यों की निगरानी हेतु एक बहु-विभागीय जिला स्तरीय टास्क फोर्स कमेटी के गठन, डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट वार्षिक कार्य योजना, गौण खनिजों की दरों में संशोधन हेतु जिम्मेदार समिति, विभिन्न प्रकार के अनापत्ति प्रमाणपत्रों के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम के कार्यान्वयन पर भी चर्चा गई।
बैठक के दौरान, डीएमएफटी और एमडीडीएलटीएफसी के सदस्य सचिव ने विस्तृत पॉवरपॉइंट प्रस्तुति के माध्यम से विभागों की उपलब्धियों और जिम्मेदारियों का व्यापक अवलोकन प्रस्तुत किया।इस अवसर पर अतिरिक्त जिला विकास आयुक्त, अतिरिक्त उपायुक्त, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, सहायक राजस्व आयुक्त, मुख्य योजना अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला पंचायत अधिकारी, मुख्य कृषि अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी, सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी तथा गणमान्य षामिल हुए।
चर्चा मुख्य रूप से खनन नियमों के सख्त अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए नियंत्रण और नियामक उपायों को मजबूत करने पर केंद्रित थी। प्रतिभागियों ने प्रधान मंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना के तहत प्राथमिकता क्षेत्र के संबंध में व्यापक विचार-विमर्श किया, जो डीएमएफटी से धन का उपयोग करता है जिसमें 2023 के लिए डीएमएफटी योजना में पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, क्षमता निर्माण और पर्यावरण संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर खर्च करने की परिकल्पना की गई है।
इसके अलावा, बैठक ने दरों में संशोधन और सीएफटी से एमटी में बिक्री माप के रूपांतरण का समाधान किया। यह निर्णय लिया गया कि कोई दर वृद्धि लागू नहीं की जाएगी और मौजूदा दरें यथावत लागू रहेंगी।प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने हेतु बैठक में सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम के कार्यान्वयन पर भी जोर दिया गया। अधिकारियों को जम्मू और कश्मीर पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण द्वारा तैयार प्रारूप के आधार पर आवश्यक एनओसी प्रदान करने का निर्देश दिया गया।
त्वरित कार्रवाई और नई प्रणाली का पालन सुनिश्चित करने के लिए एक समयरेखा निर्धारित की गई।उपायुक्त ने बैठक के परिणामों के बारे में अपनी आशा व्यक्त की और खनन नियमों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए जिला प्रशासन की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने जोर देकर कहा कि बहु-विभागीय टास्क फोर्स और समितियों के ठोस प्रयासों से खनन विनियमन में वृद्धि, डीएमएफटी फंड के माध्यम से विकास पहलों को बढ़ावा देने और जिले में खनन संबंधी गतिविधियों के लिए एक अधिक सुव्यवस्थित प्रशासनिक प्रक्रिया की सुविधा की उम्मीद है।