चण्डीगढ़ ग्रुप आफ कालजिज के झंजेड़ी कैंपस में अंतरराष्ट्रीय डिपलोमैट मीट -2023 का आयोजन किया गया। इस इवेंट में जिबावे,कीनिया, सुडान, नामीबिया, ज़ैंबिया, अफगानिस्तान, रोआन, आईवरी-कोस्ट समेत कुल ग्यारह देशों के डिपलोमैट ने हिस्सा लिया। इस मीट का मुय उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा के स्तर में आ रहे बदलावों पर चर्चा करना था।
इस के साथ ही यह भी चर्चा का प्रमुख विषय रहा कि झंजेड़ी कैंपस को अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के लिए ओर बेहतर कैसे बनाया जा सकता है।जब कि विदेशी विद्यार्थियों को भारत में आने वाली तकलीफ़ों पर भी चर्चा की गई। ज़िकरेखास है कि झंजेड़ी कैंपस में एशिया, अफ्रीका और यूरोप के विद्यार्थी शिक्षा हासिल कर रहे हैं। इस दौरान दूसरे कालेजों के विद्यार्थियों ने भी बड़े स्तर पर इस मीट में हिस्सा लिया। जिस कारन झंजेड़ी कैंपस किसी विदेशी कैंपस की तरह नज़र आ रहा था। डिपलोमैटस के कैंपस पहुँचने पर सी जी सी के प्रैज़ीडैंट रछपाल सिंह धालीवाल ने गुलदस्ता भेंट करके उनका स्नेहपूर्ण स्वागत किया।
इस मौके पर पंजाब विधानसभा के स्पीकर कुलतार सिंह सिंधवा मुय मेहमान थे।इस दौरान उच्चायोग लेसोथो देश के प्रथम सचिव, महमूद एएम इज्वेली, बोह्लोकी तल्हाकु मोरोजेले अकादमिक अटैची, मोहमद ए.एम अगलौवावी, लीबिया के दूतावास के प्रथम सचिव, पीटर होबवानी उप राजदूत, जिबावे दूतावास, सिद्धार्थ राजहंस राजनयिक और संयुक्त राष्ट्र नीति निर्माता, एस्तेर करीमा मटुआ केन्या दूतावास, पॉल मालेश बेंजामिन एजुकेशन एंड कल्चरल अटैच दक्षिण सूडान दूतावास, थॉमस केनेथ उप राजदूत, दक्षिण सूडान दूतावास, जियानौ गुइरो एजुकेशन विंग दूतावास आइवरी कोस्ट, पाउला ओकौ दूतावास आइवरी कोस्ट, सहार सेदिकुल्ला दूतावास अफगानिस्तान, जेवियर संसीरा, होला इंडिया संगठन के अध्यक्ष ने अपने अपने देशों के विद्यार्थियों की शिक्षा से सबन्धित ज़रूरतों और ज़रुरी बदलावों पर रौशनी डाली।
इस दौरान में भारत में पढ़ रहे अ़रीकी विद्यार्थियों को भाषा की रुकावट, खाने पीने, वातावरण में बदलावों, बिगाने देश में सामाजिक सुरक्षा, नये लोगों में अपने आप को एडजस्ट करना और सांस्कृतिक बदलावों जैसे मुद्दे मुय रहे।अ़रीकी डिपलोमैट का कहना था कि अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के संस्कृति, मौसम और भाषा अलग होने के कारण उनको नये लोगों और नयी जगह पर सेटल में बहुत मुश्किल आती है।
इसके साथ ही अफ्रीकन देशों के विद्यार्थी गरीब होते हैं, इस लिए भारतीय शिक्षा थोड़ी सस्ती होनी चाहिएं , जिससे भारत में अधिक से अधिक अ़रीकी विद्यार्थी शिक्षा हासिल करने आये । नॉर्वे के बुलारे ने बताया कि उनके देश की क्फ् के करीब कंपनियाँ भारत में काम करती हैं। इन सभी कंपनियाँ को वह विद्यार्थी पहल हैं जिन्होंने भारत में ही शिक्षा हासिल की हो।
इस तरह नॉर्वे के विद्यार्थी भारत में ही शिक्षा हासिल करके बेहतरीन नौकरी के मौके ढूँढ सकते हैं। अफगानिस्तान के वक्तो बुलारे ने कहा कि उनके देश में बदले हालत के चलते उनके विद्यार्थी बड़े स्तर पर भारत आकर शिक्षा हासिल करना चाहते हैं। जबकि पुराने विद्यार्थी भी सुरक्षा पक्ष से वापस न जाकर यहाँ ही आगे शिक्षा हासिल करना चाहते हैं।
सी जी सी के प्रैज़ीडैंट रछपाल सिंह धालीवाल ने अलग अलग देशों के प्रवक्तो की तरफ से दिए गए विचारो को संपूर्ण तौर पर मानते हुए कहा कि योंकि झंजेड़ी कैंपस में बड़ी संया में विदेशी विद्यार्थी पढ़ते हैं इस लिए उनकी मुश्किलों को ध्यान के साथ सुनते हुए जल्दी से जल्दी निपटाा जाता है। इस लिए कैंपस में एक अलग डिपार्टमैंट भी काम करता है। इसके साथ कमज़ोर परन्तु पढ़ाई में अच्छी प्रतिभा देने वाले विद्यार्थियों को स्कालरशिप प्रदान की जाती है। इस साल भी पाँच करोड़ की स्कालरशिप दी गई। जिस का फ़ायदा भारतीय और विदेशी विद्यार्थियों ने लिया।
मुय मेहमान कुलतार सिंह सिंधवा ने अपने विचार पेश करते हुए कहा कि सी जी सी झंजेड़ी कैंपस उारी भारत के उन बेहतरीन कैंपस में से एक माना जाता है जिसको बेहतरीन शिक्षा के साथ साथ विद्यार्थियों के लिए डिगरी पूरी होने से पहले नौकरी दिलाने का मान प्राप्त है। उन्होंने आगे कहा कि इस पंजाब निवासियों के लिए ख़ुशनसीबी की बात है कि सी जी सी उन के प्रदेश में शिक्षा प्रदान कर रहा है। इसके साथ ही विदेशी विद्यार्थियों का इतने बड़े स्तर पर यहाँ शिक्षा हासिल करने आना हमारे सूबे को अंतरराष्ट्रीय गर्व महसूस कराता है।
स्पीकर कुलतार सिंह सिंधवा ने प्रैज़ीडैंट धालीवाल की तरफ से की जा रही पहल की सराहना की। इस मौके पर सी जी सी के छात्रों ने भारतीय लासिक डांस, वेस्टर्न डांस और पंजाब की शान भागड़े की ख़ूबसूरत पेशकारी की गई। आखिर में प्रैज़ीडैंट धालीवाल ने मुय मेहम कुलतार सिंह सिंधवा और विदेशी मेहमानों को यादगारी चिह्न भी भेंट किये गए।