वर्षों की लोगों की सेवाओं के साथ सोहाना अस्पताल अब तक एक प्रमुख सुपर-स्पेशियलिटी अस्पताल के रूप में उभरा है। अब मानवता की सेवा करते हुए, भाई जसबीर सिंह जी खालसा खानेवाले और भाई दविंदर सिंह जी खालसा के मार्गदर्शन से सोहाना अस्पताल आटोमेटिक रोबोटिस घुटने और जोड़ बदलने की तकनीक और और क्ब् अत्याधुनिक ऑपरेशन थिएटर उन लोगों को समर्पित कर रहा है, जो घुटने और जोड़ बदलने की तकनीक से गुजर चुके हैं।
इस सेवा का उद्घाटन संत बाबा अवतार सिंह जी द्वारा किया गया । संस्था के ट्रस्टी सुखदीप सिंह ने इस संबंध में जानकारी साझा करते हुए बताया कि इन विश्व स्तरीय ऑपरेशन थिएटरों को बनाने में लगभग एक साल का समय लगा है जो अस्पताल को बहुत ही जटिल ऑपरेशन और प्रक्रियाओं को आसानी और दक्षता के साथ करने में सक्षम बनाता है।
सुखदीप सिंह ने कहा कि इन ऑपरेशन थियेटरों में प्रत्येक ओटी. एयर कंडीशनिंग के लिए अलग एयर हैंडलिंग यूनिट्स के साथ इसका आधुनिक एर्गोनोमिक डिज़ाइन, एच इ पी ए फिल्टर से लैस एक लैमिनर एयर लो सिस्टम, एंटीबैटीरियल कोटिंग के साथ टच-फ्री स्टील और ग्लास पैनल इसे सब से अलग करते हुए इसे बहुत सुरक्षित ऑपरेशन थियेटर के रूप में जाना जाता है।
उन्होंने कहा की अभी तक इस तकनीक का इस्तेमाल सिर्फ मुंबई के बड़े अस्पताल ही कर रहे हैं, जिसमें इस ओटी में संक्रमित हवा के संचलन को खत्म करने वाले दरवाजों को भली भांति बंद करके सील कर दिया गया है। इसके अलावा, आधुनिक एल ई डी जर्मन रोशनी का उपयोग डॉटरों और सर्जनों को ऑपरेटिंग क्षेत्र का एरिया छाया मुक्त देखने का अनुभव देता है।
इसके साथ ही सोहाना अस्पताल में घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी के लिए उार भारत के पहले पूरी तरह से आटोमेटिक रोबोटिस का भी उद्घाटन किया गया।सोहाना अस्पताल के रोबोटिक ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सेंटर के प्रमुख डॉ. गगनदीप सिंह सचदेवा ने इस संबंध में जानकारी साझा करते हुए इस घुटने की तकनीक को साझा करते हुए कहा कि आटोमेटिक रोबोटिस पूरे उार भारत में आर्थोपेडिक सर्जरी के इतिहास में एक मील का पत्थर है।
डॉ. गगनदीप सिंह सहदेव अब तक सोहाना अस्पताल में क्भ्, से अधिक घुटना बदलने के ऑपरेशन किए हैं। । डॉ. सचदेवा ने कहा कि इस तरह की सर्जरी आर्थोपेडिक सर्जनों के विशेषज्ञ ज्ञान और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सुमेल है, जिसके जरिए किसी भी सर्जरी को बेहद सटीक तरीके से किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि रोबोटिक सर्जरी में बहुत कम कट लगाने कि जरूरत होती है जिससे कम से कम खून निकलता है, और मरीज जल्दी ठीक हो जाता है।
डॉ. सचदेवा के अनुसार, इस नवीनतम तकनीक से ख़राब घुटने के जोड़ों, गंभीर उम्र से संबंधित गठिया संबंधी मुश्कलों के रोगियों को बहुत लाभ होगा।सोहाना अस्पताल के मुय प्रशासक आदर्श सूरी ने मानवता की सेवा के लिए सोहाना अस्पताल द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी साझा करते हुए कहा कि सोहाना अस्पताल का मिशन हमेशा मानवता रहा है ।
उन्होंने कहा कि 1995 में श्री गुरु हरकृष्ण साहिब चैरिटेबल आई हॉस्पिटल ट्रस्ट के संकलप से शुरू हुआ सोहाना अस्पताल एक ऐसी संस्था है जो बिना किसी भेदभाव के देश भर में लाखों मरीजों की सेवा कर मानवता के कल्याण के लिए काम कर रहा है।ट्रस्ट के सचिव गुरमीत सिंह जी ने इस उपलधि के लिए सभी को बधाई दी। उन्होंने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि मानवता की सेवा के उद्देश्य से काम करते हुए सोहाना अस्पताल हमेशा आधुनिक तकनीकी इलाज़ में सबसे आगे रहेगा।