जम्मू और कश्मीर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन द्वारा प्रायोजित परियोजनाओं के तहत अब तक की गई प्रगति का जायजा लेने हेतु एक समीक्षा बैठक में, मुख्य सचिव, डॉ. अरुण कुमार मेहता ने आज निगम को जम्मू-कश्मीर में परियोजनाओं में तेजी लाकर अपने लक्ष्यों को पूरा करने हेतु जोर दिया।
बैठक में प्रमुख सचिव पीडीडी, प्रमुख सचिव एचएंडयूडीडी, प्रमुख सचिव आई-सी, प्रमुख सचिव, पीडब्ल्यूडी प्रमुख सचिव शिक्षा, आयुक्त सचिव सूचना और आईटी, आयुक्त सचिव वन, आयुक्त सचिव समाज कल्याण, सचिव स्वास्थ्य, सचिव, पर्यटन, निदेशक वित्त जेकेआईडीएफसी, महाप्रबंधक जेकेआईडीएफसी और विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में कश्मीर के कुछ अधिकारियों ने वीडियो लिंक के माध्यम से भाग लिया। डॉ. मेहता ने अधिकारियों से स्वीकृत समय सीमा के भीतर उन्हें दिए गए लक्ष्यों को प्राप्त करने का आह्वान किया। उन्होंने उनसे बाधाओं को दूर करने में अपने सभी कौशल का उपयोग करने का आग्रह किया ताकि जेकेआईडीएफसी द्वारा वित्त पोषित प्रत्येक परियोजना जल्द से जल्द पूरी हो सके।
उन्होंने पूरी की गई परियोजनाओं को तत्काल जनता को समर्पित करने को कहा। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को शेष परियोजनाओं को पूरा करने हेतु मिशन मोड में काम करने और नियमित अंतराल पर व्यय को बुक करने हेतु बिल तैयार करने के लिए कहा।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा की गई इस पहल का मूल उद्देश्य बिना किसी अनुचित देरी के सार्वजनिक बुनियादी ढांचे का निर्माण करना है। इसलिए यह हमारा सामूहिक प्रयास होना चाहिए कि प्रत्येक परियोजना को कम से कम समय में पूरा करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देकर इस उद्देश्य को साकार किया जाए क्योंकि इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए धन आसानी से उपलब्ध है।
डॉ. मेहता ने प्रत्येक विभाग से कहा कि वे गैर-शुरूआत परियोजनाओं की सूची निगम निधि से बाहर कर दें और उन परियोजनाओं की सूची प्रस्तुत करें जिन्हें 31 मार्च, 2023 से पहले पूरा किया जाना है। बैठक में बताया गया कि निगम ने अब तक 2504 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से लगभग 1507 परियोजनाओं को पूरा करने की उपलब्धि हासिल की है।
इसका ई-संग्रह शीघ्र ही सार्वजनिक डोमेन में डाल दिया जाएगा। यह भी पता चला कि निगम द्वारा 2750 करोड़ रुपये का ऋण लिया गया था, जिसमें से 2730.81 करोड़ रुपये पहले ही 1990 की कुछ परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए वितरित किए जा चुके हैं।
इस वर्ष विभिन्न विभागों के कुल 180 प्रोजेक्ट पूरे किए गए। बैठक में अवगत कराया गया कि निगम अपनी स्थिरता के लिए कुछ राजस्व उत्पन्न करने वाली परियोजनाओं का भी पता लगाने की परिकल्पना करता है। यह अपने वित्त पोषण हेतु विभिन्न वित्तीय संस्थानों के साथ रुचि की अभिव्यक्ति को अंतिम रूप देने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी मोड की संभावना पर गौर करेगी।
इसके अतिरिक्त बैठक में सूचित किया गया कि निगम ने कंपनी अधिनियम, 2013 के अनुसार सभी आवश्यक अनुपालन पूरा कर लिया है। इसके अलावा इसने वित्तीय वर्ष 2020-21 तक वित्तीय विवरण पूरा कर लिया है और वित्त वर्ष 2020-21 के लिए वैधानिक लेखापरीक्षा भी बंद कर दी गई है।