पूर्व सांसद प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने आज कहा कि जीरा में भूमिगत जल प्रदूषण के खिलाफ शांतिपूर्ण आंदोलन को कुचलने के लिए आम आदमी पार्टी ने जिस तरह से शराब माफिया से मिलीभगत की है, उससे साबित हो गया है कि किस ‘‘ खास आदमी ’’ के साथ है।
यहां एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रो. चंदूमाजरा ने कहा कि जीरा में शराब की भटटी के खिलाफ शांतिपूर्ण आंदोलन को दबाने के तरीके की निंदा करते हुए कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बारह घंटे के भीतर अपना रूख बदल दिया और शांति से प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हो गए।
उन्होने कहा, ‘‘ ‘‘मुख्यमंत्री ने शराब के कारखाने के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के साथ मीटिंग कर उन्हे आश्वासन दिया था कि उनकी सभी मांगे पूरी की जाएंगीं। उन्होने इस काम के लिए अपने मंत्री कुलदीप धालीवाल को भी नियुक्त किया था, जबकि इसके बारह घंटे के भीतर उन्होने प्रदर्शन करने वालों के टेंट उखाड़ने, उन्हे घेरने और यहां तक कि उनके धरना स्थल छोड़ने के लिए बल प्रयोग करने का फैसला करना बेहद निंदनीय है’’।
प्रो. चंदूमाजरा ने कहा कि मुख्यमंत्री पंजाबियों को बताएं कि उन्होने किसके दबाव में इस मुददे पर यू टर्न लिया है। प्रो. चंदूमाजरा ने कहा कि पहले भी आप पार्टी की सरकार शराब माफिया के खिलाफ नरम रही है और पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान अवैध शराब के कारखाने और बॉटलिंग प्लांट स्थापित करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नही की गई।
उन्होने कहा, ‘‘ इस तरह के कृत्यों के कारण आम आदमी का आप पार्टी की सरकार पर से विश्वास उठ गया है और राज्य में गैंगस्टरों और जबरन वसूली करने वालों का बोलबाला बढ़ गया है’’।अकाली नेता ने जीरा में शराब के कारखाने का विरोध कर रहे किसानों का समर्थन करते हुए कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि आप पार्टी की सरकार भूमिगत जल प्रदूषण के मुददे पर आंखे मूंदे हुए है।
उन्होने कहा कि भूमिगत जल प्रदूषण पंजाब में एक गंभीर समस्या है, क्योंकि इससे न केवल फसलों को नुकसान पहुंच रहा है, बल्कि लोगों की आजीविका को भी नुकसान पहुंचा रहा है, क्योंकि वे अपने अस्तित्व के लिए कृषि पर निर्भर हैं।