शहीद भगत सिंह (Bhagat Singh) को आतंकवादी बताने के बाद अब सिमरनजीत सिंह मान के नेतृत्व वाली शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) ने गोल्डन टेंपल के केंद्रीय सिख संग्रहालय से उनकी तस्वीर हटाने की मांग की है। सिमरनजीत सिंह मान के बेटे ईमान सिंह मान के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने SGPC अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी को एक ज्ञापन दिया जिसमें कहा गया कि भगत सिंह खुद को नास्तिक मानते थे, इसलिए उनकी तस्वीर संग्रहालय से हटाई जानी चाहिए।
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सिमरनजीत सिंह (Simranjit Singh Mann) मान हमेशा से अपने बयानों के चलते विवाद में रहते हैं। सांसद बनने के बाद से ही वो विवादों में रहे हैं। अकाली दल (अमृतसर) के सुप्रीमो सिमरनजीत सिंह मान ने महान क्रांतिकारी भगत सिंह को आतंकवादी बताने के बाद सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद दिल्ली भाजपा के एक नेता ने मान के खिलाफ शिकायत दर्ज की। शिकायत में कहा गया कि स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह की कथित तौर पर एक आतंकवादी से तुलना की गई है।
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मान ने कहा था कि वह अपने शब्दों पर अभी भी कायम हैं और वह माफी नहीं मांगेंगे। लेकिन जब मामला तूल पकड़ लिया तो मान ने उनके शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया और दिल्ली में ही काउंटर एफआईआर दर्ज कराई। उन्होंने अपने नाना द्वारा जनरल डायर को सिरोपा सौंपने को भी जायज ठहराया था। उन्होंने कहा था कि उनके नाना ने जनरल डायर को शांत करने के लिए ऐसा किया था। चूंकि वह हरमंदिर साहिब पर हमला करना चाहता था। उनके नाना ने उस समय सिखों के हितों की रक्षा की थी।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कुछ दिन पहले करनाल में पत्रकारों से बातचीत के दौरान सिमरनजीत सिंह मान से जब पूछा गया था कि उन्होंने अभगत सिंह को एक आतंकवादी क्यों बताया था। जब कि वह एक महान शहीद हैं? तो मान ने कहा था कि क्या लोगों को मार देना और पार्लियामेंट में बम फेंकना शराफत की बात है? जब उनसे कहा गया कि भगत सिंह आजादी के लिए अंग्रेजों से लड़े थे तो उन्होंने कहा कि यह आपकी सोच है। उन्होंने कहा कि कुछ भी हों वे आतंकवादी तो हैं।