'पंजाब जैसे संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्रों वाले राज्यों के लिए ड्रोन जैसी उभरती हुई तकनीकों को अपनाना समय की मांग है, ताकि देश का माहौल खराब करने वाले असामाजिक तत्वों पर समय रहते काबू पाया जा सके।' ये शब्द पंजाब के मुख्यमंत्री स. भगवंत मान ने कहे। वह चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, घड़ूआं में पंजाब के पहले डीजीसीए द्वारा स्वीकृत ड्रोन ट्रेनिंग सेंटर का उद्घाटन करने पहुंचे थे। उन्होंने यूनिवर्सिटी कैंपस में स्थित कल्पना चावला सेंटर फॉर रिसर्च इन स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी में मानव रहित एरियल व्हीकल सेंटर का भी उद्घाटन किया और नागरिक उड्ठयन महानिदेशालय द्वारा स्वीकृत ड्रोन फ्लाइंग साइट का भी दौरा किया। मुख्यमंत्री ने ड्रोन फ्लाइंग साइट पर विभिन्न ड्रोनों की लाइव उड़ान की भी समीक्षा की, जिस दौरान यूनिवर्सिटी के छात्रों ने ड्रोन (3 फीट), कृषि ड्रोन डेमो 16 लीटर पेलोड के साथ, 150 किमी प्रति घंटे की दूरी के साथ तेज ड्रोन और निगरानी ड्रोन उड़ाने का अनुभव प्राप्त किया। इस मौके पर हलका चमकौर साहिब से विधायक डॉ. चरणजीत सिंह, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के चांसलर स. सतनाम सिंह संधू और सीजीसी कॉलेज के प्रेसिडेंट डॉ. रशपाल सिंह धालीवाल सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।
छात्रों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री स. भगवंत मान ने कहा कि अत्याधुनिक तकनीक को अपनाने का समय आ गया है। उन्होंने कहा, 'हमारी सुरक्षा एजेंसियों को हमारी सीमाओं के पार ड्रग्स और हथियारों की तस्करी को रोकने के लिए ड्रोन जैसी तकनीक अपनाने की जरूरत है।' उन्होंने विज्ञान की सफलता का उल्लेख करते हुए कहा कि आज के युग में विज्ञान ने अपनी कमियों को जानकर वर्तमान परिस्थितियों के अनुरूप स्वयं को ढाल लिया है। उन्होंने कहा कि आज के युग में तकनीक ने पूरी दुनिया को एक छोटे से गांव जैसा बना दिया है। उन्होंने कहा कि पंजाब की व्यवस्था को सुनियोजित ढंग से सुधार कर प्रदेश में नई मल्टीनेशनल कम्पनियां लाई जाएंगी और प्रदेश के युवाओं को गलत दिशा में जाने से बचाने के लिए रोजगार का नया माहौल तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर हमारे युवाओं को उनकी योग्यता के अनुसार रोजगार मिल गया, तो कोई भी पंजाब की पवित्र भूमि को छोड़कर विदेश नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के सबसे युवा देशों में से एक है, लेकिन इसके युवाओं की ऊर्जा को सही दिशा में निर्देशित करने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने छात्रों को अपनी जड़ों से जुड़े रहने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि 'शिक्षक रनवे के रूप में छात्रों को आसमान तक पहुंचने का मौका देते हैं, लेकिन यह छात्रों पर निर्भर करता है कि उन्हें अपनी मंजिल तक कितनी तेजी से जाना है। भागदौड़ भरी जिंदगी में किसी के व्यक्तित्व को ऊंचा करने के लिए कड़ी मेहनत और लगन सबसे महत्वपूर्ण चीज है। उन्होंने छात्रों को कभी हार न मानने के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा कि गूगल जैसी प्रतिष्ठित कंपनी की शुरुआत एक छोटे से गैरेज से हुई थी। उन्होंने कहा कि 'शीर्ष पर पहुंचना थोड़ा आसान है, लेकिन शीर्ष पर बने रहना चुनौतीपूर्ण है, इसलिए अपनी ओर से हमेशा अच्छा काम करते रहें। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों की आकांक्षाओं/ अभिलाषाओं ने हमारी जिम्मेदारी बढ़ा दी है और इसलिए पंजाब को फिर से समृद्ध बनाना ही हमारा मुख्य और प्राथमिक उद्देश्य है।उल्लेखनीय है कि चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, घड़ूआं में स्थापित ड्रोन ट्रेनिंग हब नागरिक उड्ठयन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा स्वीकृत होने वाला राज्य का पहला सेंटर है।
इसके अलावा, यूएवी ड्रोन के लिए उत्कृष्टता केंद्र डीजीसीए द्वारा स्वीकृत ड्रोन पायलटिंग कोर्स प्रदान करने के लिए एक ट्रेनिंग सेंटर के रूप में कार्य करेगा, जहां प्रशिक्षुओं को हाइड्रोजन संचालित ड्रोन, निगरानी ड्रोन, ड्रोन प्रौद्योगिकी और कृषि आदि में इनके प्रयोग के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा तथा आपदा प्रबंधन, उपग्रह परीक्षण, सर्वेक्षण और भारी पेलोड ड्रोन पर शोध कार्य शुरू किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यूनिवर्सिटी के शीर्ष उपलब्धियां हासिल करने वालों को भी सम्मानित किया और उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।1 करोड़ रुपए की लागत से स्थापित, यह अत्याधुनिक ट्रेनिंग सेंटर 2 से लेकर 3 महीने तक की अवधि के कई डीजीसीए-प्रमाणित प्रशिक्षण कोर्स प्रदान करेगा, जो कि किसी भी व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए आवश्यक है। इनमें फ्लाइंग ड्रोन- मल्टीरोटर और हाइब्रिड फिक्स्ड विंग दोनों शामिल होंगे। यह हब ड्रोन कार्यशालाओं, ड्रोन निर्माण ट्रेनिंग और कई अन्य विशिष्ट कोर्सों जैसे सर्वेक्षण और मानचित्रण, निरीक्षण, कृषि आदि की सुविधा प्रदान करेगा, यह सब आम जनता के लिए खुला है तथा इस कोर्स की फीस 50 हजार से 1 लाख रुपए तक है।इस अवसर पर बोलते हुए, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के चांसलर स. सतनाम सिंह संधू ने कहा कि यूनिवर्सिटी अपने छात्रों को भविष्य के लिए तैयार करने हेतु ऐसी नई तकनीकों को विकसित करने पर भारी निवेश कर रही है।