पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कठिन समय में किसानों की मदद के लिए अपनी सरकार की दृढ़ वचनबद्धता को दोहराते हुये कृषि और किसान कल्याण मंत्री रणदीप सिंह नाभा के साथ तीन काले खेती कानूनों के खि़लाफ़ संघर्ष के दौरान जानें गंवाने वाले किसानों के 27 पारिवारिक सदस्यों को आज सरकारी नौकरियों के नियुक्ति पत्र सौंपे।किसानों को राज्य के आर्थिक ढांचे की रीढ़ की हड्डी बताते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पीडि़त परिवारों की भलाई को यकीनी बनाने के लिए हमेशा हर संभव कदम उठाऐगी।जि़क्रयोग्य है कि राज्य सरकार ने अब तक किसानों के करीब 407 परिवारों को 5-5लाख रुपए का मुआवज़ा दिया है जो कि खेती कानूनों के विरुद्ध साल भर चले आंदोलन के दौरान जानें गंवा चुके थे और बाद में केंद्र द्वारा यह कानून रद्द कर दिए गए हैं। इसके इलावा राज्य सरकार ने इन मृतक किसानों के 169 वारिसों को नौकरियाँ भी दीं।
एक सरकारी प्रवक्ता के अनुसार राज्य सरकार को सभी जिलों में से मृतक किसानों के कुल 407 केस मिले हैं जहाँ उनके पारिवारिक सदस्यों को सरकारी नौकरियाँ मुहैया करवाई जा सकती हैं। राज्य स्तरीय कमेटी की तरफ से आज भी मृतक किसानों के वारिसों के 120 नामों को हरी झंडी दी गई है, जिनमें से 27 उम्मीदवारों को नौकरी के पत्र मुहैया करवा दिए गए हैं और बाकी 93 को अगले कुछ दिनों में जारी कर दिए जाएंगे।प्रवक्ता ने आगे बताया कि यह एक निरंतर प्रक्रिया है और जैसे ही सरकार को जि़ला स्तर से तस्दीक रिपोर्ट मिलती है, योग्य पारिवारिक सदस्यों को उनकी योग्यता के अनुसार नियुक्ति पत्र जारी किये जा रहे हैं।पंजाब सरकार ने पहले ही एक अहम फ़ैसला लिया है कि मृतक किसानों के माता, पिता, विवाहित भाई या बहन, विवाहित बेटी, बहु और पोते-पोतियों को तरस के आधार पर एक बार के मौके के अंतर्गत नौकरी के लिए योग्य माना जायेगा।आज नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले कुल 27 व्यक्तियों में से 15 पटियाला जिले से, तीन अमृतसर से, दो एस.ए.एस. नगर (मोहाली) और 7 फतेहगढ़ साहिब के हैं।