भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तथा पंजाब के इंचार्ज दुष्यंत गौतम ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर अपनी सरकार की चार वर्ष की उपलब्धियां बताते हुए बड़े वित्तीय चुनाव वायदों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है। पंजाब भाजपा की दो दिन की प्रदेश कार्यकारणी के समापन सत्र तो सम्बोधित करते हुए श्री गौतम ने मुख्यमंत्री के दावों को झूठ का पुलिंदा बताते हुए इसकी कड़ी आलोचना की है।गौतम ने कैप्टन अमरिंदर को सवाल किया कि उन्होंने चुनाव से पहले किए गए आर्थिक फायदा देने वाले चुनावी वायदों पर चुप्पी बनाए रखी। मुख्यमंत्री की, केंद्र द्वारा पास तीन कृषि कानूनों के बारे की टिप्पणी, ‘तुसीं होर किनें किसानां नू मारना चाहूंदे हो’ पर गौतम ने कहा कि यह कितनी सितम जरीफी है कि ऐसा बयान उसकी व्यक्ति द्वारा दिया जा रहा है, जिनके चार वर्ष के कार्यकाल में 1232 किसानों ने आत्महत्या की हों। उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह अपने राजनीतिक फायदे के लिए किसानों के आंदोलन को उकसा रहे हैं, जिस कारण पंजाब में सभी कारोबार बंद होने की कगार पर हैं।कैप्टन अमरिंदर सिंह के दावे कि उन्होंने कभी भी पंजाब में से पूरी तरह ड्रग माफिया खत्म करने की बात नहीं की, पर प्रतिक्रम जाहिर करते हुए श्री गौतम ने कहा कि 2017 के विधानसभा चुनाव के चुनाव मैनीफेस्टो में स्पष्ट शब्दों में इसका जिक्र है कि ‘कांग्रेस सरकार चार हफ्तयां विच नशा खोरी अते नशेयां दी समगलिंग खत्म कर दित्ती जावेगी।’
भारतीय जनता पार्टी के नेता ने कैप्टन अमरिंदर द्वारा अनुसूचित जातियों को नजरअंदाज करने की आलोचना करते हुए कहा कि कैप्टन सरकार ने अनुसूचित जातियों के विद्याॢथयों के पोस्ट मैट्रिक वजीफों सहित बहुत सारे मुद्दों जैसे सभी बेघरों को मकान देने जैसे वायदों प्रति बिल्कुल आंखे मूंदे हुई हैं।श्री गौतम ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर ने बड़ी चालाकी के साथ सरकार की असफलता का कोविड के कारण आॢथक मदंहाली बताया है, जबकि कोविड महामारी उनके कार्यकाल के चौथे वर्ष में आई है। उन्होंने सवाल किया कि कांग्रेस सरकार प्रदेश में तीन साल क्या करती रही है?उन्होंने कहा कि तिरंगे के अपमान संबंधी केस में दिल्ली पुलिस को वांछित लक्खा सिधाना ने पंजाब के महिराज गांव में रैली को संबोधन किया, पर पंजाब पुलिस ने उसको गिरफ्तार नहीं किया। श्री गौतम ने कहा कि मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि उनके राज्य में पुलिस अच्छा काम कर रही है।मुख्यमंत्री की इस टिप्पणी कि ‘ईवीएम का विरोध करने वाले वह पहले व्यक्ति हैं’ बारे श्री गौतम ने कहा कि 2017 के विधानसभा चुनाव, 2019 के लोकसभा चुनाव तथा अब म्यूसिंपल कार्पोरेशन जीतने के बाद यह साफ जाहिर होता है कि ईवीएम की भरोसे योगयता पर सवाल करके मुख्यमंत्री उनकी अपनी पार्टी की जीत पर प्रश्न चिन्ह लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वास्तव में कैप्टन अमरिंदर सिंह को 2022 के विधानसभा चुनावों में अपनी पार्टी की हार नजर आ रही है।