पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय, बठिंडा (सीयूपीबी) में कुलपति प्रो. राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी के संरक्षण में भारत की आजादी के 75 वर्षों को समर्पित 75-सप्ताह अवधि समारोह 'आज़ादी का अमृत महोत्सव' के उद्घाटन समारोह को चिह्नित करने हेतु भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें अंतरराष्ट्रीय प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता और आभासी पटल के माध्यम से एक वेबिनार विशिष्ट व्याख्यान सम्मिलित है। आजादी का अमृत महोत्सव का प्रारम्भ 12 मार्च, 2021 को भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस '15 अगस्त, 2022' से 75 हफ्तों पहले किया गया। विशिष्ट व्याख्यान हेतु कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़ के कुलपति प्रो. बल्देव भाई शर्मा, मुख्य वक्ता के रूप में सम्मिलित हुए।कार्यक्रम की शुरुआत प्रो. हरपाल सिंह पन्नू,चेयर प्रोफेसर, श्री गुरु गोबिंद सिंह जी चेयर, के स्वागत भाषण से हुई, जहां उन्होंने विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला।विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में भारत के 27 से अधिक राज्यों और 14 अन्य देशों से कुल 2051 प्रतिभागियों ने सहभागिता हेतु पंजीकरण करवाया। आभासी पटल पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के दौरान, डॉ. फेलिक्स बास्ट द्वारा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से संबंधित 75 प्रश्न पूछे गए। श्री सूरज शर्मा (जवाहर लाल नेहरू कॉलेज, फरीदाबाद), श्री अमित कुमार सिंह (इलाहाबाद विश्वविद्यालय) और श्री कार्तिकेयन स्वामीनाथन (पी.एस.जी. कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी, कोयंबटूर) ने इस प्रतियोगिता में पहला, दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त किया और उन्हें क्रमशः 5000 / - रुपये, 3500 / - और 2500 / - रुपये, के नकद पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
अपने अध्यक्षीय संबोधन में प्रो. तिवारी ने कहा कि भारत की आजादी के 75 वर्ष को समर्पित 75 सप्ताह तक चलने वाले 'आजादी का अमृत महोत्सव' के उद्घाटन समारोह को मनाने के लिए आज पूरा देश माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एकजुट है। उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और हमारे देशभर के स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति आभार व्यक्त किया जिन्होंने राष्ट्र के स्वतंत्रता संग्राम में अमूल्य योगदान दिया। उन्होंने युवा पीढ़ी से स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को याद करने, एकजुट रहने, एक जिम्मेदार नागरिक की तरह काम करने और आत्मनिर्भर राष्ट्र के निर्माण की दिशा में काम करने की अपील की।प्रो. बल्देव भाई शर्मा ने अपने संबोधन में ‘राष्ट्र निर्माण में नागरिकों का दायित्व बोध’ विषय पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि हमें अपनी स्वतंत्रता के महत्व को समझना चाहिए और गर्व से स्वतंत्रता संग्राम के अपने इतिहास को साझा करना चाहिए। उन्होंने युवाओं को भारतीय ज्ञान परंपरा द्वारा दिए गए हमारे प्राचीन मूल्यों के साथ गहराई से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया, जिसकी जड़ें विश्वबंधुत्व और वसुधैव कुटुम्बकम् में हैं। उन्होंने कहा कि हमारे वेदों और हमारे गुरुओं ने हमें समाज की सेवा करने और अपने प्राकृतिक परिवेश की देखभाल करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने प्रतिभागियों से समाज के प्रति अपने कर्तव्य का पालन करने और भारत को विश्वगुरु के रूप में पुनः स्थापित करने के लिए आग्रह किया।अंत में, डॉ. राजेंद्र कुमार सेन और डॉ. सुमेधा दत्ता ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी को धन्यवाद किया। इस कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के संकाय, कर्मचारी सदस्य और छात्र शामिल हुए।