उपराज्यपाल के सलाहकार बसीर अहमद खान ने कोविड-19 के दौरान घर से बाहर जाने पर रोक लगाने हेतु एवं आगामी धार्मिक अवसरों के दौरान लिये जाने वाले कदमों पर बातचीत करने के लिए सभी धार्मिक प्रतिनिधित्तवों की बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने शब-ए-कदर, जुमात-उल-विदा तथा ईद-उल-फितर के धार्मिक अवसरों के दौरान लोगों को घरों में रहने हेतु सरकार को अपना सहयोग देने की मांग की।बैठक में उपायुक्त श्रीनगर डॉ शाहिद इकबाल चौधरी, सचिव वक्फ बोर्ड शोकत अहमद बेग, प्रो तैयब कामिली, खतीब नकशबंद साहब, मौलवी हुसैन कादरी, इमाम सैयद याकूब साहब सोनवार, मौलवी मुश्ताक अहमद, जामा मस्जिद मुनवराबाद, मौलवी आब हामिद नइमे खतीब सैयद मंसूर साहब जलदगर, मौलवी गुलाम मोहि उद दीन, इमाम सैयद कासिम शाह निशात के अतिरिक्त अन्य भी उपस्थित थे। इस अवसर पर घाटी में कोविड-19 महामारी के बढ़ते हुए सलाहकार ने सभी संबंधित इमामों और खातिबों से उनका सहयोग मांगा और उन्हें अपने पदों का उपयोग करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि इस महामारी के मध्यनजर आप सभी लोगों को घर पर रहने और आगामी त्यौहार के अवसर पर घरों के अंदर रह कर ही प्रार्थना करने के लिए अपना अपना संदेश जारी करें। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से मामलों की संख्या में बढोतरी देखते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है चूंकि लोगों को बचाना धार्मिक उत्तरदायित्वों का भी फर्ज है।सलाहकार ने रमजान के पवित्र महीने के दौरान घर में प्रार्थना करने के लिए जनता के बीच संदेश जुटाने में इमामों और खतीबों की भूमिका की सराहना की चूंकि टी वी, रेडियो और प्रिंट मीडिया के माध्यम से लोगों को जागरूक किया गया। उन्होंने मस्जिदों में स्पीकर द्वारा नमाज पढे जाने के लिए भी मनाही की चूंकि इससे बीमार और बच्चों को परेषानी होती है।इस अवसर पर उपायुक्त श्रीनगर ने लोगों को उपलब्ध करवाये जाने वाले जरूरत के समान के साथ डील करने हेतु बनाई गई टीम की भी जानकारी दी जो लोगों को साफ और सुरक्षित चीजे उपलब्ध करवायेंगे।