उपराज्यपाल के सलाहकार के के शर्मा ने आज जम्मू प्रांत में बहुत बडे पैमाने पर हार्टीकल्चर के विकास के लिए सम्बंधित गतिविधियो हेतु विभिन्न सरकारी प्रयासों के माध्यम से उठाये जा रहे कदमों की कार्यान्वयन के तहत जानकारी दी।इस के अतिरिक्त सलाहकार ने जम्मू डिविजन में बागवानी विभाग के कामकाज की भी समीक्षा की।इस अवसर पर निदेषक बागवानी जम्मू राम सेवक, निदेषक बागवानी योजना और विपणन, जम्मू कश्मीर के इमाम-उ-दीन ने भी बैठक में भाग लिया। बैठक मे निदेषकों ने अपने अपने विभागों में की जाने वाली विभिन्न गतिविधियों की संक्षिप्त में जानकारी दी। इसके अतिरिक्त विकास एवं उपज के विपणन से सम्बंधित अवसरों एवं चुनौतियों के बारे में भी बताया।बैठक में इस बात की जानकारी दी गई कि जम्मू प्रांत में कंडी, प्लेन और पहाडी क्षेत्रों में अत्याधिक बागवानी एवं वृक्षारोपण की संभावनाएं नही है। अतिरिक्त सेब, कीवी, आडू, अंगूर और अखरोट के लिए उच्च घनतत्व और अल्ट्रा उच्च घनतत्व वृक्षारोपण की क्षमता पर विस्तार से चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि किश्तवाढ, डोडा, पुंछ, राजोरी और उधमपुर, रियासी, रामबन और कठुआ जैसे पहाडी क्षेत्रों में इन सभी फलों की अत्यत संभावना है।इस अवसर पर सलाहकार ने क्षेत्र में धीमी गति के कारणों को संमेकित करने के लिए निदेषक बागवानी को निर्देश दिये।निदेशक बागवानी ने बैठक में इस बात की जानकारी दी कि उनके लिए बारिश से सम्बंधित पानी पर अधारित सभी क्षेत्र सबसे बडी चुनौती का कारण है क्यांकि पानी की तलाश मुख्य कारण है। इससे सम्बंधित सलाहकार ने मुद्दे की देखरेख हेतु निदेशक को आश्वासन दिया।सलाहकार ने मंडियों के लिए यातायात हेतु अच्छी सडके और आने जाने वाली परिवहन व्यवस्था तथा निकास पर जोर देते हुए कहा कि इन की व्यवस्थापित व्यवस्था होने से मंडियों का विकास आधुनिकीकरण से होगा।अतिरिक्त फल और सब्जी मंडियों के बुनियादी ढांचे के उन्नयन पर विचार करते हुए सलाहकार ने कहा कि अति आवश्यक सुविधाओं के साथ इन मंडियों को आधुनिक लाइनों पर विकसित करने के लिए समन्वित दृश्टिकोण अपनाया जाये।