जि़ला स्तरीय कारोबारी सुधारों पर ध्यान केन्द्रित करने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए उद्योग एवं वाणिज्य और निवेश प्रोत्साहन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, श्रीमती विनी महाजन ने राज्य स्तर पर लागू हो चुके सभी सुधारों को लागू करने के लिए समयबद्ध कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं।मंगलवार को मगसीपा में उनकी अध्यक्षता अधीन हुई राज्य स्तरीय वर्कशॉप की समाप्ति के बाद मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए श्रीमती विनी महाजन ने बताया कि इन सुधारों के लागू करने के आधार पर हरेक जि़ले की दर्जाबन्दी उपभोगताओं द्वारा दिए फीडबैक के आधार पर की जायेगी।इस बात को दोहराते हुए कि व्यापार करने को आसान बनाना पंजाब सरकार की मुख्य प्राथमिकता है, श्रीमती विनी महाजन ने कहा कि यह पंजाब उद्योग और व्यापार विकास नीति, 2017 का मुख्य केंद्र है जिसको कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व में पिछले हफ़्ते हुए प्रगतिशील पंजाब निवेशक सम्मेलन 2019 के दौरान और बल मिला है। इस सम्बन्धी हुई प्रगति पर संतुष्टि ज़ाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य उद्योग और वाणिज्य विभाग के नेतृत्व और 14 विभागों और एजेंसियों के सहयोग से डी.पी.आई.आई.टी. द्वारा सुझाए 187 सुधारों के लागूकरण के लिए सक्षम हुआ है।
डी.पी.आई.आई.टी. ने एक जि़ला स्तरीय कारोबारी सुधार योजना साझा की है जिसमें कारोबार शुरू करने, शहरी स्थानीय इकाई, लैंड रिफार्म इनेबलर, भू प्रशासन एवं सम्पत्ति रजिस्ट्रेशन इनेबलर, निर्माण के लिए मंज़ूरी लेना, कर अदा करना, अन्य फुटकल खर्चे, शिकायत निवारण /पेपरलैस अदालतें और कानून व व्यवस्था जैसे 8 सुधार क्षेत्रों के अंतर्गत 218 सिफारिशें शामिल हैं। इन सुधारों के 18 विभागों द्वारा लागू किये जाने की उम्मीद है।वर्कशॉप के दौरान, प्रोजैक्ट मैनेजर श्री गिरधारी लाल के नेतृत्व वाली डी.पी.आई.आई.टी. टीम द्वारा भागीदारों को जि़ला स्तरीय कारोबार सुधार कार्य योजना के लागूकरण की रूप-रेखा संबंधी जानकारी दी गई। प्रवक्ता के अनुसार यह वर्कशॉप सम्बन्धित विभागों को डी.पी.आई.आई.टी. के प्रस्तावों संबंधी अवगत करवाने के लिए लगाई गई और उनको इस सम्बन्धी व्यापक रणनीति पेश करने के निर्देश दिए गए हैं।वर्कशॉप में दूसरों के अलावा उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के डायरैक्टर श्री सिबिन सी., विशेष सचिव राजस्व, श्री मनसवी कुमार, आई.जी. पुलिस श्री ए.के. पांडे के अलावा सम्बन्धित विभाग के नोडल अधिकारी, उद्योग और वाणिज्य विभाग के सभी अतिरिक्त /ज्वाइंट /डिप्टी डायरैक्टर /जी.एम, डी.आई.सीज़, पी.बी.आई.पी. में रेगुलेटरी विभाग के सभी सैक्टर अधिकारी /नोडल अधिकारी उपस्थित थे।