कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को अपना कार्यभार संभाला। उन्होंने कहा कि वह वकीलों के मेडिकल बीमा के प्रावधानों में तेजी लाने और दूरदराज के क्षेत्रों में काम करने वाले वकीलों को मूलभूत सुविधाओं को मुहैया कराने के लिए काम करेंगे।प्रसाद ने कहा कि मंत्रालय वकीलों की कार्यस्थिति को बेहतर बनाने के लिए सक्रिय ढंग से काम करेगा। इस वर्ष फरवरी में विभिन्न राज्यों के वकीलों ने अपने कल्याण के लिए केंद्रीय बजट में 5,000 करोड़ रुपये आवंटित करने की मांग की थी।बार कौंसिल ऑफ इंडिया(बीसीआई) ने देशव्यापी बंद बुलाया था। बीसीआई के अनुसार वकीलों को चैंबर, सुविधा, आवास, पुस्तकालय, ई-लाइब्रेरी और मेडिकल बीमा की जरूरत है।आम चुनाव से पहले कानून मंत्रालय ने वकीलों के मेडिकल बीमा के लिए एक समिति गठित की थी।समिति का काम बीमा योजना का ढांचा तैयार करना और उसके बाद वकीलों के लिए एक समग्र योजना विकसित करना था। समिति को शुरुआती चर्चा के बाद रिपोर्ट दाखिल करना है।फरवरी में, कानून मंत्री ने राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान कहा था कि सरकार वकीलों की मांग पर खुले दिल से विचार करेगी।बीसीआई के अध्यक्ष मनन मिश्रा ने आईएएनएस को बताया, "हम कानून मंत्री के आश्वासन का स्वागत करते हैं। हमें वकीलों के कल्याण के लिए गठित समिति में शामिल किया गया था और हमने इसके समक्ष अपनी मांगों को रख दिया है। वकीलों का एक प्रतिनिधिमंडल अगले हफ्ते मंत्री से मुलाकात करेगा। यह काफी सकारात्मक कदम है और मैं वकील समुदाय की तरफ से इसका स्वागत करता हूं।"