Friday, 10 May 2024

 

 

खास खबरें ओबराय के प्रयासों से तरनतारन जिले के युवक का शव भारत पहुंचा लोकसभा चुनाव एवं विस उपचुनाव बेईमानी और ईमानदारी के बीच एक जंगः सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू चंडीगढ़ में भी आम आदमी पार्टी हुई मजबूत, अकाली दल बादल को लगा बड़ा झटका! सनौर निर्वाचन क्षेत्र ने हमेशा हमारे परिवार को पूरा समर्थन दिया है - प्रणीत कौर भगवंत मान ने लुधियाना लोकसभा से आप उम्मीदवार अशोक पराशर पप्पी के लिए जगराओं में किया चुनाव प्रचार भगवंत मान ने शाहकोट में जालंधर से उम्मीदवार पवन कुमार टीनू के लिए किया प्रचार, कहा - धोखेबाजों को जालंधर की जनता जवाब देगी केंद्र में अगली सरकार AAP के समर्थन से बनेगी : मीत हेयर विजय इंदर सिंगला ने पंजाब और अपने निर्वाचन क्षेत्र आनंदपुर साहिब के लिए एक उज्जवल भविष्य का वादा किया लोकसभा के गैरहाजिर रहने वाले को वोट मांगने का अधिकार नहीं:एन.के.शर्मा अकाली दल छोड़ भाजपा में शामिल हुए मंडलाध्यक्ष एवं दर्जनों कार्यकर्ता वार्ड 13 के कांग्रेस उपाध्यक्ष नरेश पिनाणा अपने समर्थकों सहित भाजपा में शामिल किसानों के सवाल कहां उठाए, वो बताएं आप नेता : गुरजीत सिंह औजला मोदी ने किसानों, जवानों को विफल किया : प्रताप सिंह बाजवा कांग्रेस के लोकसभा उम्मीदवार अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने अपने चुनाव प्रचार को दी गति कांग्रेस ने हर नए स्नातक को पहली नौकरी की गारंटी का वादा किया : अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग तख्त श्री केसगढ़ साहिब और माता नैना देवी मंदिर में नतमस्तक हो डा. सुभाष शर्मा ने शुरू किया चुनावी अभियान राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का शुभारम्भ किया पंजाब पुलिस ने अंतर-राज्यीय हथियार तस्करी रैकेट का किया पर्दाफाश; 6 पिस्तौलों समेत 2 व्यक्ति काबू राजभवन में मनाया गया विश्व रेडक्रॉस दिवस बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी (बिमटेक) के 36वें दीक्षांत समारोह का गरिमापूर्ण आयोजन व्यय पर्यवेक्षक द्वारा चंडीगढ़ में आम चुनाव की तैयारियों की समीक्षा

 

परम्परागत किस्मों के संरक्षण अधिनियम से किसानों को मिले लाभ: कुलपति

बौद्धिक सम्पदा अधिकार पर द्वितीय-कार्यशाला आयोजित

Listen to this article

5 Dariya News (मनोज रतन )

पालमपुर , 30 Mar 2019

चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अशोक कुमार सरयाल की अध्यक्षता में आज बौद्धिक सम्पदा अधिकार पर द्वितीय-कार्यशाला का आयोजन हुआ। अपने अध्यक्षीय भाषण में कुलपति  प्रो. सरयाल ने कहा कि भारत विश्व  के आठ जैव-विविधता केन्द्रों में शामिल है और विश्व के 34 जैव विविधता स्थलों में तीन जैव विविधता स्थल भारत में मौजूद हैं जिसमें हिमाचल प्रदेश अत्यन्त समृद्ध है। हिमाचल प्रदेश के कुल भोगोलिक क्षेत्र के 11 प्रतिशत भाग में खेती कार्य होते हैं तथा यहां किसान ही सही मायने में स्थानीय जैव-प्रजातियों व जर्मप्लाज़म के संरक्षक हैं जो उन्होंने सदियों से सहेज रखी हैं, अतः उनके इन कार्यों की पहचान करना और उन्हें सम्मानित करना अत्यन्त आवश्यक है।  कुलपति ने स्थानीय प्रजातियों के संरक्षण में किसानों की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि उन्हें विश्वविद्यालय में स्थापित बौद्धिक सम्पदा अधिकार की सेवाओं का लाभ उठाना चाहिए ताकि परम्परागत फसलों की प्रजातियों का पंजीकरण हो सके। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने हाल ही में चम्बा के किसानों की मक्का फसल की परम्परागत तीन किस्मों को पंजीकृत करवाने में भी मदद की थी। प्रो. सरयाल ने कहा कि कि कई कम्पनियां परम्परागत किस्मों के ट्रेड नाम से काफी मुनाफा कमा रही हैं लेकिन इनके असली संरक्षक देय लाभ से बंचित रह रहे हैं। उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों से कहा कि वे किसानों व अन्य सम्बन्धित लोगों को बौद्धिक सम्पदा अधिकार के बारे में जागरूक करें ताकि परम्परागत किस्मों के संरक्षक बौद्धिक सम्पदा अधिकार अधिनियम से लाभान्वित हो सकें।

कृषि विश्वविद्यालय तथा हिमाचल प्रदेश कांऊसिल फार साइ्र्रंस टैक्नोलोजी एण्ड एनवायरनमैंट, शिमला के संयुक्त तत्वाधान में इस कार्यशाला का आयोजन हुआ जिसमें शिमला से सुश्री रितिका कंवर व मीतांक्षी शर्मा ने भाग लिया। इस अवसर पर राष्ट्रीय कृषि नवोन्मेषी परियोजना के पूर्व समन्वयक तथा भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद् में बौद्धिक सम्पदा अधिकार के भूतपूर्व सहायक महानिदेशक डा. सुधीर कोछड़ ने बौद्धिक सम्पदा अधिकार पर अपने विचार रखे।इस अवसर पर शोध निदेशक डा. डी.के. वत्स ने वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं से आहवान किया कि वे इस कार्यशाला में  बौद्धिक सम्पदा अधिकार के बारे में पूर्ण ज्ञान अर्जित करके ज्यादा से ज्यादा बौद्धिक सम्पदा अधिकार पंजीकरण करें तथा करवायें।कार्यक्र्रम में फसल सुधार विभाग के विभागाध्यक्ष तथा विश्वविद्यालय के बौद्धिक सम्पदा अधिकार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डा. हरीन्द्र कुमार चैधरी ने बौद्धिक सम्पदा प्रकोष्ठ की गतिविधियों तथा उपलब्धियों की विस्तार से जानकारियां दी तथा बौद्धिक सम्पदा के सभी पहलुओं और आयामों के महत्व को देखते हुए इन परम्परागत फसलों की किस्मों, आनुवांशिकी सम्पदाओं के पंजीकरण पर बल दिया ताकि किसानों के हित में इन सम्पदाओं का लाभकारी व्यापारिक दोहन हो सके। इस अवसर पर बौद्धिक सम्पदा अधिकार के अन्य सदस्यों डा. के.डी. शर्मा, डा. वाई.एस. धालीवाल एवं मधुमीत सिंह ने भी अपने विचार रखे। 

 

Tags: Agriculture

 

 

related news

 

 

 

Photo Gallery

 

 

Video Gallery

 

 

5 Dariya News RNI Code: PUNMUL/2011/49000
© 2011-2024 | 5 Dariya News | All Rights Reserved
Powered by: CDS PVT LTD