जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने रविवार को राज्य में स्थायी निवासी प्रमाणपत्र (पीआरसी) जारी करने की प्रक्रिया में प्रस्तावित बदलावों पर चिंता व्यक्त की है। अपनी चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने अपने ट्विटर खाते पर राज्य के राज्यपाल को संबोधित करते हुए एक पत्र पोस्ट किया है। उन्होंने कहा, जम्मू एवं कश्मीर में स्थायी निवासी प्रमाणपत्र नियमों में प्रस्तावित बदलावों की रिपोर्ट के बारे में राज्यपाल को नेशनल कांफ्रेंस की ओर से हमारी चिंता दर्ज कराता हुआ मेरा पत्र। अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि वह राज्यपाल कार्यालय को पत्र फैक्स करने का प्रयास कर रहे थे। लेकिन, वहां की फैक्स मशीन काम नहीं कर रही है, इसलिए उन्होंने ट्विटर पर पत्र की प्रति पोस्ट की है।
उन्होंने एक अन्य पोस्ट में कहा, मैंने राज्यपाल को पत्र फैक्स करने का प्रयास किया लेकिन वहां की फैक्स मशीन अभी भी काम नहीं कर रही है। फोन ऑपरेटर ने कहा कि फैक्स ऑपरेटर रविवार होने के कारण आज छुट्टी पर है। कल फिर इस समय प्रयास करूंगा। फिलहाल मैं सोशल मीडिया के माध्यम से पत्र जारी करने को लेकर मजबूर हूं। राज्य संविधान के अनुच्छेद 35 ए में निहित शक्तियों के तहत राज्य विधायिका द्वारा परिभाषित पीआरसी जम्मू एवं कश्मीर के स्थायी निवासियों को जारी किया जाता है। इस अनुच्छेद को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है।