ऊर्जा और बहुउददेश्यीय परियोजनाएं मंत्री अनिल शर्मा ने कहा है कि सैंज घाटी में विभिन्न जलविद्युत परियोजनाओं से प्रभावित लोगों की सभी समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। शुक्रवार को लारजी में जलविद्युत परियोजनाओं के प्रभावितों की जनसुनवाई के दौरान अनिल शर्मा ने यह आश्वासन दिया।उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में जलविद्युत उत्पादन की अपार संभावनाएं हैं और यहां 17000 मैगावाट से अधिक विद्युत उत्पादन की संभावना है, लेकिन अभी तक केवल साढे दस हजार मैगावाट का ही दोहन हो पाया है। अनिल शर्मा ने कहा कि हिमाचल की आर्थिकी में जलविद्युत परियोजनाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। इन परियोजनाओं से प्रदेश को बहुत आय होती है और इनसे गांव-गांव में खुशहाली आई है। ऊर्जा मंत्री ने लोगों से जलविद्युत परियोजनाओं और उद्योगों में अनावश्यक बाधा न डालने का आग्रह किया तथा कहा कि इनसे युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार मिलता है।प्रदेश में सौर ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ावा देने की चर्चा करते हुए अनिल शर्मा ने बताया कि अनुसूचित जनजाति बाहुल 250 गांवों को सौर ऊर्जा से जोड़ा जाएगा। अगर इन क्षेत्रों के विधायक 40-40 हजार रुपये का योगदान करते हैं तो प्रत्येक गांव में 20-20 सौर लाइटें लगाई जाएंगे।
इसी प्रकार अगर अन्य विधायक या पंचायतीराज संस्थाओं के जनप्रतिनिधि 80-80 हजार रुपये का सहयोग करेंगे तो अन्य गांवों को भी सौर लाइटें दी जाएंगी।अनिल शर्मा ने बताया राज्य विद्युत उपभोक्ताओं को बिल में राहत प्रदान करने के लिए सरकार ने अभी तक 500 करोड़ रुपये की सब्सिडी जारी की है। बिजली के पुराने खंभों, घरों के लिए सर्विस तार और मीटरों को बदलने के लिए 300 करोड़ रुपये की योजना तैयार की जा रही है।इस अवसर पर बंजार के विधायक सुरेंद्र शौरी ने ऊर्जा मंत्री का स्वागत किया तथा सैंज घाटी की जलविद्युत परियोजनाओं के प्रभावितों की समस्याओं की चर्चा की। पूर्व सांसद महेश्वर सिंह ने भी प्रभावितों की समस्याओं के निवारण के संबंध में महत्वपूर्ण सुझाव रखे।इसके बाद अनिल शर्मा ने एनएचपीसी की पार्वती जलविद्युत परियोजना-द्वितीय व तृतीय चरण तथा एचपीपीसीएल की सैंज जलविद्युत परियोजना का निरीक्षण भी किया तथा इन परियोजनाओं के उच्च अधिकारियों के साथ व्यापक चर्चा की।