तुर्की के राष्ट्रपति रेसेफ तईप एर्दोगन ने शनिवार को कहा कि सऊदी पत्रकार जमाल खाशोगी की मौत से जुड़ी रिकॉर्डिग सऊदी अरब, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस को सौंप दिए गए हैं। वाशिंगटन पोस्ट के स्तंभकार और सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के आलोचक, खाशोगी की इस्तांबुल स्थित सऊदी वाणिज्यदूतावास में दो अक्टूबर को उस समय हत्या कर दी गई थी, जब वह अपनी शादी के लिए कागजी कार्रवाई पूरी करने वहां गए थे। प्रथम विश्वयुद्ध के स्मरणोत्सव में भाग लेने पेरिस रवाना होने से पहले एर्दोगन ने कहा, "हमने रिकॉर्डिग्स सौंप दी है। हमने इसे सऊदी अरब, अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन को दे दिए हैं।" हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि रिकॉर्डिग्स में क्या है। उन्होंने कहा, "यहां जो बातचीत हुई है, उसे उन्होंने सुने हैं।" किसी अन्य देश ने कथित रिकॉर्डिग के सुने जाने की बात नहीं स्वीकारी है।
एर्दोगन ने कहा कि हत्यारे या हत्यारों को वे 18 संदिग्ध जानते हैं, जिनकी पहचान तुर्की प्रशासन ने की है। इनमें 15 वे लोग शामिल हैं, जो खाशोगी की मौत से थोड़े ही समय पहले सऊदी अरब से यहां पहुंचे थे। उन्होंने एक बार फिर सऊदी अरब से इस बात का जवाब मांगा कि खाशोगी और उनके शव का क्या हुआ। उल्लेखनीय है कि सऊदी प्रशासन प्रारंभ में खाशोगी के बारे में किसी तरह की जानकारी होने से इंकार कर रहा था, लेकिन बाद में उसने स्वीकार किया कि वाणिज्यदूतावास में एक झगड़े में दुर्घटनावश खाशोगी मारे गए। हालांकि सऊदी ने इस बात से इंकार किया कि इस हत्याकांड में शाही परिवार की कोई संलिप्तता रही है।