श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संतोष कुमार गंगवार ने कल नई दिल्ली में ईपीएफओ के 66वां स्थापना दिवस समारोह का उद्घाटन किया। उन्होंने भविष्य निधि, पेंशन एवं बीमा के संबंध में ईपीएफओ लाभार्थियों के दावों का निपटारा करने के काम में तेजी लाने के लिए सेवाओं का डिजिटलीकरण करने के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि सरकार असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा के तहत लाने के लिए पूरी निष्ठा से काम कर रही है। इस अवसर पर उन्होंने ईपीएफओ के 117 जिला कार्यालयों को डिजिटल रूप से एकीकृत करके ‘दावा रसीद प्रविष्टि’ की ऑनलाइन सुविधा का भी उद्घाटन किया। इससे सदस्यों को दावा जमा करने के लिए लंबी दूरियों की यात्रा करनी पड़ती थी अब उनमें कमी आएगी और वे अपने दावों के संबंध में हुई प्रगति की भी ऑनलाइन जांच कर सकेंगे।श्री गंगवार ने कहा कि प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना (पीएमआरएवाई) के अच्छे परिणाम प्राप्त हो रहे हैं।
इस योजना से लगभग 85 लाख नए कर्मचारियों को लाभ पहुंचा है और इस योजना में सरकार ने 2405 करोड़ रुपये का अंशदान किया है। यह योजना नए रोजगार देने के लिए नियोक्ताओं को प्रेरित करने के लिए शुरू की गई है। सरकार नए कर्मचारियों को तीन साल के लिए नियोक्ता का 12 प्रतिशत अंशदान (8.33 ईपीएस+3.67 ईपीएफ) दे रही है।श्रम और रोजगार मंत्रालय के सचिव हीरालाल सामरिया ने बताया कि अब कर्मचारियों को सभी दावे ऑनलाइन प्राप्त हो रहे हैं। नियोक्ता उनके अंशदान ऑनलाइन जमा कर रहे हैं और पेंशनभोगी अपने जीवन प्रमाण पत्र डिजिटली प्राप्त कर रहे हैं। ईपीएफओ ने कामकाज को आसान बनाने में देश की रैंकिंग में सुधार करने में योगदान दिया है। केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त श्री सुनील बर्थवाल ने पिछले साल के दौरान ईपीएफओ के प्रयासों और उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ईपीएफओ सामाजिक सुरक्षा की पहुंच और गुणवत्ता को बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है। ऑनलाइन दावे की सुविधा का कर्मचारियों ने जोरदार स्वागत किया है और एक साल में ऑनलाइन दावे पांच प्रतिशत से बढ़कर पचास प्रतिशत से भी अधिक हो गए हैं। समारोह के दौरान 17 श्रेणियों में सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाले ईपीएफओ कार्यालयों को पुरस्कृत किया गया।