मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने सोमवार को कहा कि देश को नेताओं के बजाय प्रभावोत्पादक आदर्शो की जरूरत है। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से केंद्र की सत्ता से भारतीय जनता पार्टी को बेदखल करने के लिए इन सिद्धांतों के आधार पर एक वैकल्पिक ताकत पैदा करने की अपील की। उन्होंने कार्यकर्ताओं से 'सत्ताधारी दल के दमन' से छुटकारा पाने के लिए देशभर में मजबूती के साथ जनांदोलन चलाने का आह्वान किया। येचुरी ने यहां पार्टी के 25वें राज्य सम्मेलन का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा, "हमें देश के विकास के लिए नेताओं की नहीं बल्कि नए आदर्शो की जरूरत है। हमें मौजूदा केंद्र सरकार का विकल्प तैयार करना होगा, जो वैकल्पिक सिद्धांतों के आधार पर होगा, जिससे हम उनको सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा सकें।"उन्होंने कहा, "अगर हम देश के शासकों के खिलाफ जनांदोलन को मजबूत नहीं करेंगे तो हम न तो खुद को जारी अत्याचार से मुक्त करा पाएंगे और न ही वर्तमान व आने वाली पीढ़ियों को बेहतर जिंदगी दे पाएंगे।"
उन्होंने कहा कि देश में आर्थिक व सामाजिक उत्पीड़न बढ़ रहे हैं। बेरोजगारी के मसले का समाधान करने के लिए मौजूदा सरकार को परिसंपत्तियों की लूट को रोकना होगा, कृषि सुधार और बुनियादी ढांचागत विकास पर जोर देना होगा।येचुरी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, "मौजूदा दौर में देश में संसाधनों की कमी नहीं है लेकिन संसाधनों की लूट हो रही है। गरीबों को और गरीब बनाया जा रहा है जबकि अमीर ज्यादा समृद्ध हो रहे हैं। देशभर में आर्थिक व सामाजिक उत्पीड़न रोज बढ़ते जा रहे हैं।"उन्होंने देश के साम्यवादी आंदोलन में बंगाल के योगदान को याद किया और कहा कि प्रदेश के वामपंथी नेताओं और कार्यकर्ताओं का दायित्व है कि वे जनांदोलन की जमीन तैयार करें और इसे आगे ले जाएं क्योंकि बंगाल की भागीदारी के बगैर साम्यवादी आंदोलन आगे नहीं बढ़ सकता है।