वन एवं पर्यावरण मंत्री चौ. लाल सिंह ने कहा कि सरूईंसर और मानसर सबसे प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में से हैं तथा कहा कि राज्य सरकार इन्हें प्रचारित कर राज्य में पर्यटक क्षमता को बढ़ावा देने हेतु वचनबद्ध है।मंत्री ने यह बात आज नागरिक सचिवालय में अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।वन एवं पर्यावरण आयुक्त सचिव सौरभ भगत, मुख्य वन्यजीव संरक्षक मनोज पंत, संरक्षक ईस्ट सर्कल ख्वाजा कमरूदीन, क्षेत्रीय निदेषक वन्यजीव डॉ. वी.एस. सिंथिल कुमार, वन विभाग के तकनीकी सचिव रामेष कुमार, वित्त निदेशक के अतिरिक्त वन एवं वन्यजीव विभाग के वरिश्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।सरूईंसर और मानसर में पर्यटक सुविधाओं को बढ़ाने हेतु मंत्री ने वन्यजीव विभाग को सरूईंसर झील के लिए एक 4 सीटर और मानसर झील के लिए 10 सीटर स्टीमर खरीदने के निर्देश दिये जिसके लिए सरकार ने 34 लाख रु. निर्धारित किये हैं।मंत्री ने अधिकारियों को बसोहली के थीन डैम, कठुआ के जसरोटा तालाब, सांबा में मानसर झील और जम्मू में सरूईंसर झील में पर्यटक सुविधाओं को बढ़ाने हेतु ढांचागत योजना तैयार करने के निर्देश दिये ताकि पर्यटक सभी ढांचागत सुविधाओं का पूरा आनंद उठा सकें।मंत्री ने वन विभाग से बसोहली में थीम डैम के 10 किलोमीटर तक के क्षेत्र में सजावटी और फलों के पौधे लगाने के लिए कहा तथा अतिक्रमणों को रोकने हेतु क्षेत्र की तारबंदी करने के लिए भी कहा।मंत्री ने बताया कि सरकार ने लेह में पंगोंग तसो तथा तसोमुरारी के वैटलैंड के संरक्षण हेतु 1.27 करोड़ रु. की राशि निर्धारित की है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे पर्यटकों की सुविधा के लिए इन परियोजनाओं को पूरा करने हेतु अपनी कार्यक्षमता को बढ़ायें।चौ. लाल सिंह ने कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था का तभी विकास हो सकता है जब राज्य में जम्मू, कश्मीर और लददाख के सभी तीनों क्षेत्रों के प्राकृतिक संसाधनों की ओर उचित ध्यान केन्द्रित किया जाये। कश्मीर घाटी की अधिक पर्यटन क्षमता को बताते हुए मंत्री ने कहा कि आकर्शित स्थलों से सम्पन्न इस ‘धरती पर स्वर्ग’ का तत्काल उन्नयन करने की आवश्यकता है। उन्होंने घाटी के टिकाऊ पर्यटन विकास हेतु एक सही निति बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।