केन्द्रीय ग्रामीण विकास, पंचायती राज मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने आज राज्य सरकार से आग्रह किया कि एक विकसित देश के लक्ष्य की प्राप्ति हेतु ग्रामीण विकास योजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाई जाये। केन्द्रीय मंत्री ने यह बात जम्मू व कश्मीर राज्य में ग्रामीण विकास के तहत विभिन्न योजनाओं को लागू करने की समीक्षा करते हुए कही।ग्रामीण विकास मंत्री अब्दुल हक खान, आरएंडबी के आयुक्त सचिव संजीव वर्मा, समाज कल्याण आयुक्त सचिव सज्जाद अहमद खान, अतिरिक्त सचिव राकेश बडयाल, समन्वयक-मिशन निदेषक बक्षी जावेद हिमायुन, ग्रामीण विकास निदेशक कश्मीर और जम्मू आर.के. भट्ट और सईद गजनफर अली, ग्रामीण स्वच्छता एवं पंचायती राज निदेशक नजीर अहमद शेख, वित्त निदेशक एस.एल. पंडिता, संयुक्त निदेशक योजना सईद शब्बीर, राज्य पोशण अधिकारी तुफेल अहमद राठौर और अन्य वरिश्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।मंत्री ने कहा कि देश का विकास गावों के विकास से जुडा है क्योंकि अधिकतर लोग ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं। उन्होंने अधिकारियों से रोज़गार सृजन, सड़क सम्पर्क, कौशल विकास एंव आवास से सम्बंधित योजनाओं पर विषेश बल देने के साथ विभिन्न आरडीडी योजनाओं को अक्षशः लागू करने के लिए कहा।मंत्री ने विभिन्न योजनाओं को लागू करने पर संतुश्टि जताई तथा सरकार से बेहतर परिणामों के लिए कार्य की गति में तेजी लाने के लिए कहा।नरेन्द्र तोमर ने कहा कि बेरोज़गारी आज के समय में एक बड़ी चुनौती है तथा बड़ी बेरोज़गारी से निपटने के लिए कौशल विकास एक प्रमुख मार्ग है। उन्होंने कहा कि राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन कौषल युवा को विकसित कर एक अदभुत कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि वह दिल्ली में कुछ कश्मीरी युवाओं से मिलकर बहुत खुश हुए जो विभिन्न क्षेत्रों में कौशल विकास प्रशिक्षण लेने के बाद विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि ग्रामीण ढांचे के विकास के साथ साथ मनरेगा जैसे कार्यक्रम और हिमायत के तहत कौशल विकास ग्रामीण गरीबों के जीवन में बदलाव लाने के अतिरिक्त उनकी आमदनी में बढ़ोतरी ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं को लागू करने के लिए केन्द्र सरकार वित्तीय और तकनीकी सहायता सहित राज्य को प्रत्येक सहायता देगी।उन्होंने पीएमजीएसवाई कार्यों की समीक्षा भी की तथा कहा कि सडकों का निर्माण समृद्धि का मार्ग है तथा उन्होंने राज्य सरकार से प्रधानमंत्री ग्राम सडक योजना और अन्य सम्बंधित योजनाओं को लागू करने पर बल दिया। उन्होंने राज्य सरकारों से केन्द्र नीधि का लाभ उठाने हेतु सडक परियोजनाओं को समय पर पूरा करने का आग्रह किया।मंत्री ने बताया कि पीएमजीएसवाई के चरण 10 तक 2410 सडकों और 108 पुलों का निर्माण 8132.38 करोड़ रु. की मंजूर राशि से किया गया है जिसमें से इस वर्श के जनवरी तक 4085.92 करोड़ रु. खर्च हुए हैं।मंत्री ने बताया कि राज्य में पीएमजीएसवाई शुरू होने से पहले राज्य में ग्रामीण सम्पर्क 58 प्रतिशत था जो बढ़कर अब तक 86.13 प्रतिशत हो गया है।इससे पूर्व ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अब्दुल हक खान ने केन्द्रीय मंत्री को बताया कि विभाग ने ग्रामीण सम्पर्क को एक मुख्य चुनौती के ऊपर चिन्हित किया है तथा पिछले कुछ वर्शों में ग्रामीण सम्पर्क पर बल दिया है और इस समयावधि के दौरान 679 पुलों, 2283 पुलियों और 31337 सड़कों का निर्माण किया है। उन्होंने कहा कि विभाग ने 2696 तालाब, 885 चैक डैम, 3617 जल संचयन टैंेक, 561 खेल के मैदान, 72 मछली पालन तालाब, 55 आंगनवाडी केन्द्र भी बनाये हैं और 4622 पारम्परिक जलस्रोतों के नवीनीकरण तथा 20143 लद्यु सिंचाई कार्य किये हैं जबकि 23.90 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाये हैं।उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं के आत्मविश्वास को बढ़ाने हेतु राज्य में उम्मीद योजना की सबसे बड़ी सफलता यह है कि इसने राज्य के 68 ब्लाकों में योजना के अतर्गत 2.08 लाख महिलाओं को 22270 स्वसहायता समूहों से जोड़ है। इसके अतिरिक्त उन्होंने बताया कि जेकेएसआरएलएम को हिमायत योजना के तहत 3 वर्शो की समयावधि के लिए 1601.51 करोड़ रु. के आवंटन के साथ 124 लाख राज्य के युवाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार देने की जिम्मेदारी भी सोंपी गई है।इससे पूर्व अब्दुल हक ने कार्यक्रम के समन्वयक, एसआरएलएम के निदेशक बक्षी जावेद हिमायुन और विभाग के अन्य वरिश्ठ अधिकारियों के साथ केन्द्रीय मंत्री का स्वागत किया।