कहते हैं पुस्तकें इंसान की सबसे अच्छी दोस्त हैं जो जानकारी देने के साथ साथ उसे अपनेा भविष्य बनाने के लिए भी रास्ता दिखाती हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए ओकरेज इंटरनेशनल स्कूल द्वारा अपने छात्रों को पुस्तकों से जोडऩे के उद्देश्य से स्कूल में एक दिवसीय सैमिनार का आयोजन किया गया। इस दौरान स्कूल के सभी छात्रों को लाईब्रेरी में एकत्र करके टैक्नोलाजी से दूर रखते हुए किताबों के लाभ व उनकी कैटेगिरी वाईज जानकारी दी गई। इसके साथ ही छात्रों ने नोटिस बोर्ड पर किताबों संबंधी उनकी सोच को उकेरने का अवसर दिया। जिसमें छात्रों ने विस्तारपूर्वक जानकारी लिखी।
इस अवसर पर स्कूल के प्रिंसीपल रमनजीत घुम्मन ने जानकारी देते हुए बताया कि इस सैमिनार का मकसद आज की युवा पीढ़ी को पुस्तकों की महत्ता बताते हुए उनके साथ जोडना था। उन्होंने आगे कहा कि अकसर देखा गया है कि बच्चे पढ़ाई की पुस्तकों से अलावा अन्य पुस्तकों को पढऩे की आदत डालने की बजाए टैक्नोलाजी से जुड कर असल जीवन से दूर होते जा रहे हैं। जिस कारण बच्चे सीमित जानकारी तक सिमट कर रह जाते हैं। अगर बच्चों को शुरू से ही पुस्तकें पढऩे की आदत डाली जाए तो उनकी जानकारी में बढौत्तरी होने के साथ साथ सोच में भी साकारात्मक बदलाव आते हैं, जो भारत के उज्जवल भविष्य के लिए बेहद जरूरी हैं। प्रिंसीपल घुम्मन ने छात्रों को पुस्तकों के साथ साथ थोड़ा समय अखबार पढऩे की आदत डालने के लिए भी प्रेरित किया।