मनरेगा के तहत प्रदेश में विभिन्न विकास खण्डों के अन्तर्गत निर्मित सड़कों के रख-रखाव के लिए वर्ष 2017-18 के बजट में 20 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। यह जानकारी आज ग्रामीण विकास पंचायती राज एवं पशुपालन मंत्री श्री अनिल शर्मा ने ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार एवं ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के संयुक्त तत्तावधान में पीटरहाफ मे आयोजित इंटर स्टेट एक्सचेंज प्रोग्राम के समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में मनरेगा के तहत जल संरक्षण सम्बन्धी कार्य अधिकता में किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे लोगों द्वारा नकदी तथा गैर मौसमी फसलों का उत्पादन कर अपनी आजीविका में बढ़ोतरी की जा रही है।उन्होंने बताया कि मनरेगा के तहत जल संग्रहण के लिए पक्के टैंकों तथा ढांचों के निर्माण के लिए सामग्री घटक की पूर्ति के लिए प्रदेश सरकार द्वारा प्रति वर्ष 20 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जा रहा है। केन्द्र सरकार द्वारा मनरेगा के तहत गैर अनुसूचित तथा अनुसूचित क्षेत्रों में तय मजदूरी दरों को राज्य सरकार द्वारा बढ़ाकर 210 व 263 रुपये की दर से अधिसूचित किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आवारा पशुओं की समस्याओं को देखते हुए चारा उत्पादन के क्षेत्र में मनरेगा के तहत योजना केन्द्र के लिए प्रस्तावित की जाएगी।
उन्होंने कहा कि मनरेगा कार्यों के विकास और गुणवत्ता बनाए रखने के उद्देश्य से विभाग द्वारा अलग से तकनीकी शाखा खोलने पर विचार किया जा रहा है।प्रधान सचिव श्री ओंकार शर्मा ने अपने सम्बोधन में कहा कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य मनरेगा के तहत किए जा रहे कार्यों का निरीक्षण कामगारों से वार्तालाप, पंचायती राज प्रतिनिधियों से चर्चा तथा सरकार द्वारा मनरेगा कार्यान्वयन में अपनाये जा रहे सुयोग्य कार्यों का अध्ययन करना है। उन्होंने बताया कि 3 जुलाई से 5 जुलाई तक सात राज्यों से आये प्रतिनिधियों एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार के अधिकारियों ने ऊना, हमीरपुर, कुल्लू, मण्डी, बिलासपुर, सिरमौर, सोलन और शिमला सहित आठ जिलों का दौरा कर मनरेगा से जुड़े कार्यों का सघन अध्ययन किया। उन्होंने बताया कि इन प्रतिनिधियें द्वारा कार्यक्रम के दौरान प्रदेश में मनरेगा के तहत किए जा रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड, असम, जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश, मेद्यालय, नागालैंड, झारखंड के अतिरिक्त ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार के लगभग 35 अधिकारियों ने प्रदेश में मनरेगा कार्यों का जायजा लिया।