भारत ने सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उन आरोपों को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने कहा है कि भारत ने विकसित देशों से 'करोड़ों अरबों' की धनराशि के लिए पेरिस जलवायु समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। नई दिल्ली ने कहा कि कहा कि देश 5,000 वर्षो से जलवायु संरक्षण के लिए काम कर रहा है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्रंप के आरोपों पर कहा, "यह पूरी तरह सच नहीं है।"उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि पेरिस समझौते से अमेरिका के हट जाने का भारत और अमेरिका के बीच संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।उल्लेखनीय है कि ट्रंप ने हाल ही में पेरिस जलवायु समझौते से अमेरिका के हटने की घोषणा की है।सुषमा ने यहां पत्रकारों से कहा, "भारत ने किसी तरह के लालच के चलते पेरिस जलवायु समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए। हम जलवायु संरक्षण को लेकर प्रतिबद्ध हैं और हमारी प्रतिबद्धता 5,000 वर्षो से कायम है। हम प्रकृति की पूजा करते हैं। यह भारतीय मूल्यों में शामिल है। मैं दोनों ही आरोपों को सिरे से खारिज करती हूं।"अमेरिका द्वारा अपने एच-1बी वीजा नियमों में प्रस्तावित बदलाव के चलते भारतीय पेशेवरों पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर सुषमा ने कहा कि भारत इस संबंध में अमेरिकी संसद और ट्रंप प्रशासन के संपर्क में है।सुषमा ने कहा, "हां, इसे लेकर थोड़ी चिंता तो है।" सुषमा ने साथ ही कहा कि अब तक वीजा नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है।सुषमा ने यह भी कहा कि अमेरिका द्वारा अपनी नीतियों में प्रस्तावित बदलाव के चलते भारत से उसके संबंध प्रभावित नहीं होंगे।उन्होंने कहा कि ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद भारत के अमेरिका के साथ संबंध उसी तेजी से बढ़ रहे हैं, जिस तेजी से पिछले राष्ट्रपति बराक ओबामा के शासनकाल में बढ़ रहा था।