समाज कल्याण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी वएआरआई प्रशिक्षण मंत्री सज्जाद गनी लोन ने ने सोमवार को राज्य में सभी आंगनवाड़ी केंद्रों में ‘नन्हें कदम’ नामक एक विशेष पूर्व-स्कूल पाठ्यक्रम का शुभारंभ किया।राज्य के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों में क्रियाकलाप पुस्तक और आयु के विशिष्ट बाल आकलन कार्ड शामिल किए जाने वाले पाठ्यक्रम लागू होंगे।इस अवसर पर मंत्री ने ‘प्रारंभिक बचपन और देखभाल शिक्षा’ (ईसीसीई) पर 3 दिवसीय कार्यशाला का भी उद्घाटन किया।समाज कल्याण, स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री असिया नक्काश भी उपस्थित थी।यूनिसेफ के सहयोग से आईसीडीएस डिपार्टमेंट के मिशन निदेशालय द्वारा 3 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है। कार्यशाला का उद्देश्य आईसीडीएस के क्षेत्रीय कर्मचारियों को बच्चों को आधुनिक बुनियादी शिक्षा और पोषण कैसे प्रदान किया जाए के प्रति संवेदनशील बनाना है।
देश के प्रसिद्ध शिक्षा विशेषज्ञ कार्यशाला में भाग ले रहे हैं और राज्य के बच्चों को बुनियादी शिक्षा और पोषण प्रदान करने के बारे में क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं को संवेदनशील बनाने के विषय पर व्याख्यान देगें। इस अवसर पर बोलते हुए, समाज कल्याण मंत्री ने कहा कि बच्चों को निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा (आरटीई) का अधिकार अधिनियम 2010, तीन साल से अधिक के बच्चों को उनकी गुणवत्ता प्राथमिक और निःशुल्क पूर्व-विद्यालय शिक्षा का अधिकार, जो स्कूल की तैयारी के लिए सबसे महत्वपूर्ण है, की गारंटी देता है।मंत्री ने कहा कि केंद्र ने पहले ही 2013 में राष्ट्रीय बाल देखभाल और शिक्षा (ईसीसीई) नीति को मंजूरी दी है, जिसमें ईसीसीई के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम ढांचा और गुणवत्ता मानक शामिल हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में बुनियादी आधुनिक शिक्षा प्रदान करने में, जो समय की आवश्यकता है, बच्चों की मदद करने के लिए अब नीति लागू की जा रही है,।मंत्री ने इस तरह के एक प्रशंसनीय उद्यम के आयोजन के लिए आईसीडीएस के प्रयासों की सराहना की।
उन्होंने पूर्व-विद्यालय प्रणाली के सर्वोत्तम मॉडल का अध्ययन करने और धीरे-धीरे इन्हें राज्य में आंगनवाड़ी केन्द्रों को शामिल करने की की आवश्यकता पर बल दिया।ईसीईसीई के महत्व को उजागर करते हुए, समाज कल्याण, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री आसिया नाकाश ने कहा कि यह उन घटकों में से एक है, जिसका लक्ष्य बच्चों के मनोवैज्ञानिक-सामाजिक विकास और स्कूल की तत्परता को विकसित करना है। उन्होंने कहा कि बचपन में हस्तक्षेप का भविष्य में सामाजिक समायोजन और आर्थिक सफलता पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ता है और बाद की पीढ़ियों को भी पारित किया जा सकता है।आयुक्त/ सचिव समाज कल्याण सजाद अहमद खान ने भी इस अवसर पर संबोधित किया। आईसीडीएस के राज्य मिशन निदेशक तलत परवेज रोहुला ने आईसीडीएस की मौजूदा पहल पर केंद्रित ईसीईसी के विभिन्न पहलुओं पर एक व्यापक प्रस्तुति दी।