मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने नाहन के समीप धौला कुआं में भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) सिरमौर के दीक्षांत समारोह के अवसर पर आज आईआईएम स्नातकों से समाज के वंचित वर्ग के साथ-साथ ग्रामीण व पहाड़ी क्षेत्रों के विकास पर विशेष ध्यान देने का आग्रह किया ताकि उनकी विशेषज्ञता आर्थिक गतिविधियों के विकास और विस्तार में मद्दगार साबित हो सके । उन्होंने कहा कि कुशल प्रबंधन पर्यावरणीय स्थिरता, ऊर्जा सुरक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और सतत् विकास से संबंधित जटिल मुद्दों को सरल बनाने में सहायक सिद्ध हो सकता है। उन्होंने कहा कि भारत और चीन के विश्व में प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के रूप में उभरने से बड़े पैमाने पर व्यापारिक अवसरों और सक्षम प्रबंधकों की आवश्यकता्ओं का मार्ग प्रशस्त हुआ है। वीरभद्र सिंह ने संस्थान के संकाय से देश में प्रबंधन की जरूरतों के मद्देनजऱ व्यापक और समावेशी दृष्टिकोण अपनाने का आग्रह किया, जिससे न केवल उद्योग की चुनौतियों का सामना किया जा सकेगा बल्कि राष्ट्र के विकास में भी प्रबंधन का महत्वपूर्ण योगदान हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इन संस्थानों को नि:शुल्क भूमि उपलब्ध करवाई है और इन संस्थानों को संचालित करने के लिए अन्य प्रभावी कदम उठाकर संस्थाओं की स्थापना में अपनी सक्रिय भूमिका निभाई है।श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि आईआईएम, धौला कुआं सिरमौर के स्थायी परिसर की स्थापना के लिए राज्य सरकार ने 200 एकड़ जमीन नि:शुल्क उपलब्ध करवाई है।उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में देश के नामी शिक्षण संस्थान स्थापित किए गए हैं जिनमें आरवीटीआई शिमला, आईआईएम सिरमौर के अलावा आईआईटी मंडी, एनआईटी हमीरपुर, निफ्ट कांगड़ा, आईआईआईटी ऊना, सीआईपीईटी बद्दी जैसे सभी प्रमुख तकनीकी शिक्षा संस्थान शामिल हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुसंधान, विकास व प्रशिक्षण के साथ उन्नति के लिये निरंतर विकास अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने शिक्षा तथा जन स्वास्थ्य क्षेत्र में अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने कहा कि भारतवर्ष केवल कुशल एवं ऊर्जावान युवाओं के सहयोग से ही एक सुदृढ़ राष्ट्र बन सकता है। आईआईएम सिरमौर के चेयरमैन अजय श्रीराम ने इस अवसर पर स्वागत करते हुए आईआईएम के लिये राज्य सरकार के समर्थन व सहयोग की सराहना की।
उन्होंने कहा कि भारतवर्ष में सतत् वृद्धि के चलते अनेक क्षेत्रों में विविध अवसर सृजित हो रहे हैं। नया जीएसटी युग देश की आर्थिकी में बदलाव लाएगा। उन्होंने कहा कि लाखों शिक्षित युवाओं को रोजगार प्रदान करना एक बड़ी चुनौती है। आईआईएम के निदेशक नीलू रोहमित्रा ने युवाओं से प्राप्त किए गए रोजगार में गुणवत्ता सुनिश्चित बनाने का आह्वान करते हुए कहा कि गुणवत्ता प्राप्त हासिल करने के लिये अनुसंधान विकास व प्रशिक्षण अनिवार्य हैं। इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने स्नात्तकोत्तर कार्यक्रम में प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिये रोज़ीवाला सुरज हीरा लाल को जबकि सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिये अनस अहमद को पुरस्कृत किया।सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री श्रीमती विद्या स्टोक्स, मुख्य संसदीय सचिव श्री विनय कुमार, विधायक श्री किरनेश जंग, हिमफेड के अध्यक्ष श्री अजय बहादुर, अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम के उपाध्यक्ष श्री तपिन्द्र सैनी, जिला परिषद के अध्यक्ष श्री दिलीप चौहान, योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष श्री गंगू राम मुसाफिर, जिला अधिकारी, आईआईएम संकाए एवं विद्यार्थियों सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।