आम आदमी पार्टी के सीनियर नेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील एच.एस. फूलका ने आज 1984 कत्लेआम के लिए जिम्मेदार कांग्रेसी नेता जगदीश टायटलर और सज्जण कुमार की तुरंत गिरफ्तारी की मांग की। चण्डीगढ़ में पत्रकारों को संबोधन करते फूलका ने कहा कि सीबीआई ने 2 दिन पहले जगदीश टायटलर से कत्लेआम के सम्बन्ध में करीब 4 घंटे पूछताछ की। इसी तरह ही गुरचरण सिंह जिसको कत्लेआम के दौरान जलते ट्रक में फैंक दिया गया था केस सम्बन्धित सज्जण कुमार को भी तलब कर उससे पूछताछ की गई है। फूलका ने कहा कि सरकारी सरप्रस्ती कारण यह नेता बचते आए हैं परंतु उनके अत्याचार को देखते हुए उनकी तुरंत गिरफ्तारी लाजिमी है।फूलका ने कहा कि गुरचरण सिंह ने कत्लेआम के दौरान भले ही बच गए थे परंतु 1984 से 2009 तक वह चलने फिरन से असमर्थ बिस्तर पर पड़े रहने के लिए मजबूर हो गया था। उसके बार -बार पुलिस के समक्ष ब्यान दिए जाने के बावजूद भी पुलिस ने सरकारी दबाव अधीन सज्जण कुमार के खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं किया। माननीय अदालत के कहने पर 21 अगस्त 1999 को सज्जण कुमार के खिलाफ केस शुरू किया गया परंतु एसआईटी ने अब तक इस केस सम्बन्धित कोई कार्यवाही नहीं की।
फूलका ने बताया कि पुलवंगस गुरुद्वारा साहिब जलाने और गुरचरण सिंह, संतोख सिंह और बादल सिंह के कत्ल सम्बन्धित भी जगदीश टायटलर के खिलाफ केस दर्ज किया गया था परंतु पहले 2007 में इस केस को बंद किया गया और अनथक यत्नों के बाद इस केस को माननीय अदालत के दखल के साथ फिर से चालू करवाया गया परंतु 2009 में फिर से इस केस सम्बन्धित कलोजर रिपोर्ट दाखिल करके इसको बंद कर दिया गया। कांग्रेस सरकार के बाद अब दिसंबर 2014 में मोदी सरकार जिसमें कि बीबी हरसिमरत कौर बादल मंत्री हैं ने भी कालीन चिट्ट देकर केस बंद करने का यत्न किया परंतु 4 दिसंबर 2015 को माननीय अदालत के दखल के साथ एक बार फिर इस केस को शुरू करवाया गया और माननीय अदालत ने सीबीआई को सख्त हिदायत करते हुए 3 महीने में रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा। करीब एक साल बीत जाने के बाद भी सीबीआई ने अभी तक इस केस सम्बन्धित कोई रिपोर्ट दाखिल नहीं की है। इससे यह सिद्ध होता है कि कांग्रेस, बीजेपी और अकाली दल मिलकर टायटलर और सज्जण कुमार को बचाने में लगे हुए हैं।फूलका ने कहा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद अरिंवद केजरीवाल में 1984 के कत्लेआम के मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था परंतु आम आदमी पार्टी द्वारा सरकार छोडऩे और फरवरी 2015 में सरकार बनाने से 1 दिन पहले केंद्र सरकार ने एसआईटी बना कर दिल्ली सरकार द्वारा बनाई एसआईटी को खत्म कर दिया।
उन्होंने मांग की है कि या तो केंद्र सरकार इन मामलों सम्बन्धित जांच करआरोपियों को सजा दे नहीं तो दिल्ली सरकार को इसके अधिकार दिए जाएं।अकाली दल पर बरसते फूलका ने कहा कि बादलों ने हमेशा 1984 के मुद्दे को राजनैतिक लाभ के लिए इस्तेमाल किया है जब कि अनेकों बार केंद्र सरकार में हिस्सेदार की भूमिका निभा चुके हैं और अब भी वह केंद्र सरकार का हिस्सा हैं। यदि वह चाहते तो केंद्र सरकार को इस सम्बन्धित कार्यवाही करने के लिए कहते।इस मौके कंवर संधू ने कहा कि केंद्र और बादल सरकार ने हमेशा दोहरी नीति अपनाई है जिसके अंतर्गत सभी सबूत होने के बावजूद भी सज्जण कुमार और टायटलर के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई जब कि मलेरकोटला में धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी के मामले में एक आरोपी के ब्यानों के आधार पर ही ग्रिफतार कर लिया गया था। गुलशन छाबड़ा ने कहा कि क्यों जो यह केस दिल्ली के क्षेत्र में हुए हैं इस लिए दिल्ली सरकार को इन मामलों की जांच करने का हक दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेसी नेता कैप्टन अमरिन्दर सिंह समेत बीजेपी और अकाली नेता 1984 के कत्लेआम के आरोपियों को बचाने में लगे हुए हैं और उनको कालीन चिट्ट दे रहे हैं।