गृह राज्य मंत्री हंसराज गंगाराम अहीर ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) को अवधारणा चरण से ही स्मार्ट सिटी परियोजना में शामिल किया जाना चाहिए। आज एनडीएमए के 12 वें स्थापना दिवस के कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए हंसराज अहीर ने कहा कि इन परियोजना में एनडीएमए के योगदान से शहरों में बाढ़ आने जैसी आपदाओं को रोकने में मदद मिलेगी। इस तरह की बाढ़ की घटनाओं ने अभी हाल में चेन्नई और हैदराबाद जैसे शहरों में भारी तबाही मचाई थी।हंसराज अहीर ने एनडीएमए का आह्वान किया कि वह आईआईटी जैसे प्रख्यात संस्थानों के छात्रों अपने कार्यों में शामिल करें, क्योंकि इन छात्रों ने अभी हाल में दक्षिण भारत में आई बाढ़ के दौरान निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित रूप से बाहर निकालने में काफी मदद की थी।
भारत द्वारा नवम्बर 2016 में मेज़बानी किए जाने वाले आपदा जोखिम कम करने पर एशियाई मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (एएमसीडीआरआर)-2016 का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हमें प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदाओं के कारण पैदा हुई आपात स्थिति से निपटने में वायरलेस और उपग्रह संचार जैसे संचार नेटवर्क सहित अतिआधुनिक बुनियादी ढांचे का प्रदर्शन पूरे एशिया से आने वाले प्रतिनिधियों के सामने प्रस्तुत करना चाहिए। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के प्रतिनिधियों और गैर सरकारी संगठनों की भागीदारी का स्वागत करते हुए श्री हंसराज अहीर ने एनडीएमए से फसलों की महामारी से निपटने की रणनीति विचार-विमर्श करने का आह्वान किया। यह उल्लेख करते हुए कि भारत विविध भूगोल वाला एक घनी आबादी वाला देश है।
मंत्री महोदय ने प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए देश की बेहतर स्थिति पर संतोष व्यक्त किया।एनडीएमए के सदस्य श्री आर के जैन ने संबोधित करते हुए कहा कि गर्मी की लहर की एक उभरती चुनौती के रूप में पहचान की है, क्योंकि इसके कारण पिछले वर्ष 2,400 से अधिक लोगों की मृत्यु हुई। पिछले वर्षों में यह संख्या बाढ़ या अन्य किसी प्राकृतिक आपदा में मरने वाले लोगों की तुलना में बहुत अधिक है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष पहली जून को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा इस साल के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना (एनडीएमपी) की शुरूआत से आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में भारत ने काफी प्रगति की है। इससे भारत आपदा जोखिम कम करने के लिए सेंडाइ फ्रेमवर्क की अपनी राष्ट्रीय योजना के अनुरूप अग्रिम पंक्ति का देश बन गया है।
जैन ने कहा कि एनडीएमए ने देश के 50 शहरों में भूकंप आपदा जोखिम आकलन और इन शहरों में भूकंप आपदा जोखिम सूचकांक संबंधी कार्यों का जल्दी ही प्रकाशन किया जाएगा। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन सेवाओं के तहत सभी राज्यों और 80 से अधिक शहरों में पहले चरण के दौरान सुरक्षित संचार स्थापित किया गया है, जिसका बाद में अन्य जिलों में भी विस्तार किया जाएगा। इस अवसर पर हंसराज अहीर ने एनडीएमए के समाचार पत्र 'संवाद' के विशेष अंक का विमोचन किया। एनडीएमए के सदस्य डॉ डी एन शर्मा और लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) एन सी मारवाह, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशक श्री आर के पचनंदा, और एनडीएमए की संयुक्त सचिव श्रीमती ममता कुंद्रा और गृह मंत्रालय, एनडीएमए, एनडीआरएफ, रक्षा मंत्रालय और 16 राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया।