नाईटइनगेल कालेज आफ नर्सिंग, नारंगवाल द्वारा चौथी वार्षिक राष्ट्रीय कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। इंडो पैसेफिक एकेडमी आफ फोरेंसिक नर्सिंग साईंस के सहयोग से आयोजित इस कांफ्रेंस में देश भर से आए डाक्टरों व बुद्धिजीवियों ने फोरेंसिक नर्सिंग में आज के समय में आ रहे बदलावों व शख्शियत के विकास विषय बारे विचार व्यक्त किए। चार भागों में आयोजित इस राष्ट्रीय कांफ्रेंस के पहले सत्र में डा किरनदीप कौर धालीवाल, एसोसिएट प्रो, सरकारी कालेज पटियाला व सचिव इंडो पैसेफिक एकेडमी आफ फोरेंसिक नर्सिंग साईंस ने फोरेंसिक नर्सिंग के क्षेत्र, जिम्मेदारी व समय के अनुसार इसमें आ रहे बदलावों संबंधी जानकारी उपस्थित अतिथियों के साथ शेयर की। दूसरे सत्र में कम समय में ही अपना अहम स्थान बना चुके सोशल मीडिया के फोरेंसिक नर्सिंग में समय का साथी बनते हुए इसकी महत्ता व इससे क्षेत्र में पडऩे वाले अच्छे बुरे असर संबंधी इंडो पैसेफिक एकेडमी के प्रेसिडेंट डा आर के गोरिया ने जानकारी शेयर की। दोपहर बाद तीसरे सत्र में डा भुल्लर, प्रो, सरकारी फोरेंसिक कालेज पटियाला ने कामकाज के संस्थानों पर महिलाओं से होने वाली छेड़छाड़ जैसे गंभीर विषय बारे जानकारी शेयर करते हुए उपस्थित मैडिकल माहिरों से जानकारी शेयर की। जबकि दिल्ली के फोरेंसिक क्राईम विभाग के इंस्टेंट डायरेक्टर डा सरबजीत सिंह जिनसी छेडछाड़ की तफतीश के दौरान फौरेंसिक अधिकारी द्वारा उठाए जाने वाले कदमों व उस दौरान होने वाले प्रेशर संबंधी जानकारी शेयर की।
चौथे सत्र में फौरेंसिक तफतीश में मनोरोगी केसों में पेश आने वाली मुख्य प्रेशानियों व उनके समाधान संबंधी जानकारी शेयर की गई। इसके साथ ही जीवन में तरक्की के लिए शख्शियत के विकास संबंधी भी जानकारी शेयर की गई।इस अवसर पर डा सरबजीत सिंह, प्रेसिडेंट नाईटइनगेल कालेज आफ नर्सिंग ने आए अतिथियों का अभिनंदन करते हुए अपने संबोधन में कहा कि बेशक फौरेंसिक साईंस नर्सिंग में बेहद तेजी से बढ़ रहा क्षेत्र है, परंतु इस दौरान फौरेंसिक माहिरों को भारी प्रेशर व थका देने वाली जटिल प्रक्रियों से गुजरना पड़ता है। इस दौरान शैक्षिक संस्थाओं में भी इस क्षेत्र की शिक्षा हासिल कर रहे छात्रों को समय का साथी बनाते हुए आधुनिक जानकारी देना जरूरी हो जाता है। नाईटइनगेल कालेज के प्रिंसीपल जगदीश आईपी सिंह ने इस अवसर पर कहा कि इस तरह की कांफ्रेंस न सिर्फ छात्रों को अहम जानकारी प्रदान करतीं हैं बल्कि फौरेंसिक माहिरों व छात्रों के मध्य एक पुल का काम भी करतीं हैं। इस अवसर पर देश के विभिन्न हिस्सों से आए कई माहिरों ने भी अपने विचार