ज्वालामुखी के चंगर इलाके के लोग अपनी उपेक्षा से परेशान हैं। लोगों का आरोप है कि सत्तारूढ़ दल इस इलाके की उपेक्षा कर रहा है। जिससे यहां मूलभूत सुविधाओं का भी टोटा है। खुंडियां से देहरा ब्लाक समिति के पूर्व सदस्य संजय राणा ने कहा कि ज्वालामुखी के चंगर क्षेत्र में 22 पंचायतें है व इस इलाके को नेता वोट बैंक के तौर पर ही इस्तेमाल करते रहे हैं। यहां सुविधाओं के नाम लोलीपोप ही दिये जाते रहे हैं, चाहे सडक़ हो शिक्षा या फिर स्वास्थय सुविधा ।उन्होंने कहा कि कहने को तो चंगर के खंडियां में जमा दो स्कूल है,लेकिन यहां पर स्टाफ की कमी है यही हाल स्थानीय अस्पताल का है। इलाके में रात को चलने वाली बसों को बंद कर दिया गया है। वहीं कई सडक़ें अपना वजूद खो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार के समय से मे चंगर में नाहलियां बारी से सियोरबाला ,सपडालू व सुरानी बस को बंद कर दिया गया है।बग्गी से कुराल खुंडियां सपंर्क सडक़ का काम पिछले 4 साल मे काम पूरा नहीं हो सका है। कुराल से बग्गी कोके सडक़ भी बदहाल है ।
इन बदहाल सडक़ों की कोई सुध नहीं ल रहा।जिससे लोगों में नाराजगी है। इस इलाके में मरीजों को आज भी पालकी में गांव से बाहर लाना पड़ता है। खुंडियां को भले ही तहसील का दरजा मिल गया हो, लेकिन स्थानीय लोग आज भी बस अड्डे की बाट जोह रहे हैं। यहां रोजाना करीब दो सौ वाहन आते जाते हैं। लेकिन खुङ्क्षडया बाजार में जगह न होने की वजह से हर समय जा लगा रहता है। यहां से एक ओर पालमपुर को रास्ता जाता है तो दूसरी ओर सुजानपुर से यह लिंक सडक़ मिलती है। उन्होंने आरोप लगाया कि चंगर के लोगों से सत्तारूढ़ दल विकास के मामले में भेदभाव बरत रहा है। जिससे विकास के मामले में यह इलाका पिछड़ता जा रहा है। संजय राणा ने ने कहा कि नई सरकार को बने साढ़े तीन साल से अधिक समय बीत जाने के बावजूद आज तक खुडियां में बस अड्डे को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया है। हालांकि इस मामले में बड़े बड़े दावे किये जाते रहे हैं।