वन, मत्स्य पालन और जनजातीय विकास मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी ने कहा है कि मध्य हिमालय जलागम विकास परियोजना के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न जिलों के किसानों व बागवानों की तकदीर बदल रही है। वन मंत्री बुधवार को मणिकर्ण घाटी के गाँव कसोल में मध्य हिमालय जलागम विकास परियोजना और दैनिक समाचार पत्र दिव्य हिमाचल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किसान बागवान मेले में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि परियोजना के माध्यम से वनीकरण, जल संरक्षण, भू संरक्षण, कृषि, बागवानी और पशुपालन के अलावा जीविकोपार्जन गतिविधियों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। इन गतिविधियों में कई स्वयं सहायता समूह बहुत ही अच्छा काम कर रहे हैं। इन समूहों को सरकार बड़े पैमाने पर प्रोत्साहित करेगी। वन मंत्री ने जलागम परियोजना के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे ऐसे समूहों के उत्पादों के विपणन के लिए हरसंभव कदम उठाएं। उन्होंने किसानों-बागवानों विशेषकर युवाओं व महिलाओं से अपील की कि वे स्वयं सहायता समूह बनाकर कृषि, बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन, हथकरघा और दुग्ध उत्पादन आदि स्वरोजगार के साधनों से अपनी आय बढ़ाएं।
इस मौके पर वन मंत्री ने कृषि-बागवानी में सराहनीय उपलब्धियों के लिए आठ किसान-बागवानों व समूहों को किसान श्री पुरस्कार भी प्रदान किए। ये पुरस्कार पाने वालों में पुंथल के पूर्ण चंद, धारा के लाल चंद, लटीपरी के जीतराम, मंगलौर के हेमराज, कराड़सू के कर्ण पाल, काईस के मोहर सिंह, कोट ढलयास मंडी जिला के वेदराम और अन्य शामिल रहे।किसान मेले के दौरान पूर्व बागवानी मंत्री सत्य प्रकाश ठाकुर और प्रधान मुख्य अरण्यपाल एवं मध्य हिमालय जलागम विकास परियोजना के मुख्य परियोजना निदेशक अवतार सिंह ने भी इस परियोजना की उपलब्धियों की जानकारी दी। दिव्य हिमाचल कुल्लू जिला ब्यूरो की टीम ने वन मंत्री, अन्य अतिथियों और सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया। कई किसानों, बागवानों, पशुपालकों और परियोजना से लाभान्वित अन्य लोगों ने भी अपने महत्वपूर्ण अनुभव साझा किए। इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस महासचिव सुंदर सिंह ठाकुर, वन अरण्यपाल बीएल नेगी, मत्स्य पालन विभाग के उपनिदेशक विजय पुरी, अन्य अधिकारी, मणिकर्ण वैली होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष किशन ठाकुर और बड़ी संख्या में किसान-बागवान उपस्थित थे।