भाखड़ा बांध के समर्पण की स्वर्ण जयन्ती समारोह आज नंगल टाउनशिप में 22 अक्तूबर, 2013 को हर्षोल्लासपूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर माननीय जल संसाधन मंत्री, भारत सरकार, श्री हरीश रावत मुख्य अतिथि थे। श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, मुख्यमंत्री, हरियाणा, सम्माननीय अतिथि थे। इस अवसर पर श्री जनमेजा सिंह सेखों, माननीय सिंचाई मंत्री, पंजाब सरकार, श्री परमिन्दर सिंह ढींडसा, माननीय वित्त मन्त्री पंजाब, डॉ. धनीराम शाण्डिलया, माननीय समाज भलाई मंत्री, हिमाचल प्रदेश सरकार, श्री अविनाश राय खन्ना, माननीय संसद सदस्य (राज्यसभा) तथा श्री रवनीत सिंह बिट्टू, माननीय संसद सदस्य (आनन्दपुर साहिब) भी समारोह में उपस्थित थे। श्री प्रदीप कुमार सिन्हा, सचिव, विद्युत, भारत सरकार तथा पंजाब, हरियाणा, राजस्थान तथा हिमाचल प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों एवं भारत सरकार के सेवा-निवृत्त वरिष्ठ अधिकारियों ने भी समारोह की शोभा बढ़ाई। मुख्य समारोह का आयोजन क्रिकेट ग्राऊंड, नंगल में किया गया जिसमें सभी गणमान्य व्यक्ति जन-समूह को सम्बोधित किया। इस अवसर पर बोलते हुए माननीय जल संसाधन मंत्री, श्री हरीश रावत ने कहा कि हमारे देश के जल संसाधनों का विकास हमारे प्रिय और महान दूरदर्शी नेता पंडित जवाहर लाल नेहरू का प्यारा सपना था जिन्होंने भाखड़ा बांध को प्यार से 'आधुनिक भारत का मंदिर' कहा था। पंडित जवाहर लाल नेहरू जी के अथक प्रयासों ने देश में जल सुरक्षा पर ज़ोर दिया था जिसने "हरित क्रांति" का मार्ग प्रशस्त किया और पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों को भारत के अन्न भंडार में तबदील कर दिया। माननीय केन्द्रीय मंत्री ने बीबीएमबी परियोजनाओं के सुचारु परिचालन एवं रखरखाव में बीबीएमबी की भूमिका की सराहना की। तत्पश्चात उन्होंने स्वर्ण जयन्ती के इस अवसर पर बीबीएमबी में कार्यरत सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को दो महीने का वेतन देने की घोषणा की। श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, माननीय मुख्यमंत्री, हरियाणा ने अपने सम्बोधन में बीबीएमबी द्वारा किए जा रहे परिचालन एवं अनुरक्षण के कार्यो की सहराना की तथा बीबीएमबी अस्पताल के आधुनिकीकरण हेतू 51 लाख रूपये देने की घोषणा की। श्री जनमेजा सिंह सेखों, माननीय सिंचाई मन्त्री पंजाब, श्री परमिन्दर सिंह ढींडसा, माननीय वित्त मन्त्री पंजाब तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने इस अवसर पर भाखड़ा बॉंध से होने वाले प्रगति के बारे में अपने-अपने विचार व्यक्त किए।
इससे पहले श्री ए.बी. अग्रवाल, अध्यक्ष, बीबीएमबी ने मुख्य अतिथि, सम्माननीय अतिथियों तथा विशिष्ट अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि भाखड़ा बांध के 50 वर्ष पूरे होने का उत्सव मनाने में बीबीएमबी गोर्वान्वित महसूस कर रहा है जिसने सम्पूर्ण राष्ट्र का भाग्य बदल दिया। बाढ़ और अकाल के अभिशाप से बचाने के अलावा इसने देश को भोजन और फल भण्डार, औद्योगिक विस्तार और घरेलू खपत के लिए ऊर्जा दी है। उन्होंने आगे कहा कि हम पांच दशकों से देश की अनवरत सेवा का उत्सव मनाने में गर्व अनुभव करते हैं और इस अवसर पर उन्होंने बीबीएमबी के सभी कर्मचारियों के एकजुट कार्य की प्रशंसा की, जिन्होंने अपने कार्य को स्वयं से पहले रखा और इस अवधि में अनुकरणीय प्रतिबद्धता दिखाई। बीबीएमबी आने वाले समय में अपने लिए निर्धारित उत्कृष्टता के इस स्तर में बढ़ोत्तरी करने हेतु अग्रसर रहेगा। भाखड़ा बांध, भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू द्वारा 22 अक्तूबर, 1963 को राष्ट्र को समर्पित किया गया। इसमें कोई शक नहीं है कि भाखड़ा बाँध एक टेक्नोलॉजिकल चमत्कार है। यह वास्तव में उन भारतीय इंजीनियरों की क्षमता और विश्वास को एक श्रद्धांजलि है जिन्होंने 1948 में इतना बड़ा कार्य हाथ में लिया। पं. जवाहरलाल नेहरू को इस परियोजना पर इतना गर्व था कि परियोजना के निर्माण के दौरान उन्होंने अनेक विदेशी dignitaries को इस परियोजना के बारे में बताया, जिनमें कई राष्ट्राध्यक्ष भी शामिल थे। पं. नेहरू ने स्वयं भी इस परियोजना का निर्माणकाल के दौरान कार्य के निरीक्षण हेतु 13 बार दौरा किया। पं. नेहरू ने इस परियोजना की साइट पर ही पंचशील समझौते पर चीनी प्रधान मंत्री श्री चाऊ इन लाई के साथ बातचीत की थी। नंगल टाउनशिप के अपस्ट्रीम लगभग 13 किलोमीटर पर बिलासपुर के भाखड़ा गांव में स्थित भाखड़ा बांध विश्व के सबसे ऊँचे कंक्रीट स्ट्रेट ग्रेविटी बॉंधों में से एक है। सिक्ख गुरू, गुरू गोबिंद सिंह जी के नाम से इसकी "गोबिंद सागर" झील लगभग 96.56 कि.मी. लम्बी है और लगभग 168.35 वर्ग कि.मी. क्षेत्र में फैली हुई है। यह भारत में सबसे बड़ा जलाशय है। इसका catchment area 56,980 वर्ग कि.मी. है। भाखड़ा बांध की सबसे गहरी नींव से ऊंचाई 225.55 मीटर (740 फीट) है जो प्रसिद्ध "कुतुब मीनार" की ऊंचाई से तीन गुना है। इस आधुनिक मंदिर अर्थात् भाखड़ा बांध का निर्माण 245.28 करोड़ रुपए (1963 का मूल्य सूचकांक) की लागत से किया गया। भाखड़ा बॉंध और इसके downstream नहरें, भाखड़ा ब्यास प्रबन्ध बोर्ड के सम्पूर्ण सिंचाई सिस्टम का एक महत्वपूर्ण भाग हैं। इनसे 135 लाख एकड़ कृषि भूमि की सिंचाई होती है जो देश के कुल सिंचाई क्षेत्र का 8% है। अकेली भाखड़ा नंगल परियोजना से ही पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में 65 लाख एकड़ भूमि की सिंचाई होती है। यह भाखड़ा बॉंध ही था जिसकी वजह से उत्तरी क्षेत्र में हरित तथा श्वेत क्रान्तियां शुरू हुईं और क्षेत्र का तेजी से उद्योगीकरण हुआ। इस समय भाखड़ा पावर हाउस की कुल अधिष्ठापित क्षमता 1361 मेगावाट है। यह उत्तरी ग्रिड के दिन-प्रतिदिन के परिचालन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। केन्द्र सरकार ने भाखड़ा बॉंध के योगदान और इसकी विरासत की प्रशंसा की है और इसके प्रति आभार प्रकट करते हुए बॉंध के सम्मान में नंगल में समारोह के दौरान दूसरा स्मारक टिकट जारी किया। भाखड़ा बॉंध भारत की आज़ादी के बाद का ऐसा इकलौता स्ट्रक्चर है जिसे दूसरे स्मारक टिकट का सम्मान दिया गया है। पहला स्मारक टिकट 15 दिसम्बर, 1988 को रिलीज़ किया गया था। इससे पूर्व श्री हरीश रावत, माननीय जल संसाधन मंत्री, भारत सरकार नंगल में इंडोर स्टेडियम की आधारशिला रखी तथा भाखड़ा बांध पर यादगार शिला का अनावरण किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि द्वारा भाखड़ा बॉंध पर स्वर्ण जयंती स्मारिका और कॉफी टेबल बुक भी रिलीज़ की गई। समारोह के दौरान भाखड़ा बॉंध के निर्माण काल के दौरान कार्यरत पूर्व कर्मचारियों को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। इस समारोह में श्री अशोक थापर, सदस्य, विद्युत, बीबीएमबी, श्री एस.एल. अग्रवाल, सदस्य, सिंचाई, श्री भारत भूषण, वित्तीय सलाहकार एवं मुख्य लेखा अधिकारी, श्री ए.के. बाली, मुख्य अभियंता, भाखड़ा बांध, श्री के.के. कौल, प्रमुख अभियन्ता, उत्पादन तथा बीबीएमबी के अन्य वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारी तथा क्षेत्र के आम जन उपस्थित थे।