पंजाब राज्य भुवन पंजाब पोर्टल लांच करने वाला देश का अग्रणीय राज्य बन गया है।यह पोर्टल आज यहां अंतरीक्ष तकनीक पर आधारित विभिन्न विधियां उत्साहित करने के लिए रखी पंजाब स्टेट मीट दौरान लांच किया गया जोकि लोगों को राज्य के साथ संबंधित विभिन्न प्रकार की जन सेवाओं की सम्पूर्ण जानकारी मुहैया करवाएगा।पंजाब रिमोट सैनसिंग सैंटर /पी आर एस सी/ द्वारा भारतीय पुलाड़ अनुसंधान संस्था /इसरो/ और अंतरिक्षविभाग भारत सरकार के सहयोग से करवाई स्टेट मीट की शुरूआत करते पी आर एस सी के निदेशक बरिजैदरा पतरेआ ने कहा कि ऐसे युग में योजनाओं और भविष्य की चुनोतियों के संदर्भ में अंतरिक्ष तकनीक प्रत्येक क्षेत्र में बहुत ही प्रभावशाली और कारगर सिद्ध हो रही है। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष तकनीक और भूगौलिक जानकारी विधि (जी आई एस) द्वारा प्राकृतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक भिविन्नताओं को समझने में सहायक होने के साथ-साथ भविष्य की चुनौतियों के लिए उचित प्रारूप तैयार किए जा सकते हैं।
इस अवसर पर पंजाब के खजाना और योजना मंत्री श्री परमिंदर सिंह ढींडसा ने अंतरिक्ष तकनीक को ऐसे युग का बहुत ही अह्म अंग बताते कहा कि प्रशासनिक कार्यों और विकास के क्षेत्र में ऐसी तकनीकें समय की मुख्य मांग है। उन्होंने वैज्ञानिकों, संबंधित विभागों के अतिरिक्त देश के राज्यों को ऐसी तकनीकी कदम उठाने और साधन जुटाने की आवश्यकता पर बल दिया जिनसे गरीब, आम और जरूरतमंद लोगों को भरपूर लाभ पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि ऐसी तकनीकें कृषि, ग्रामीण और शहरी विकास की योजनाओं को नए रूप दे सकते हैं।उद्घाटनी भाषण दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव (विकास) श्री सुरेश कुमार ने अंतरिक्ष तकनीक को खेतीबाड़ी, प्राकृतिक स्त्रोतों प्रबंधक और शहरी विकास के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण क्षेत्र बताया। उन्होंने कहा कि इस तकनीक द्वारा प्रशासनिक और अच्छे फैसले लेने की प्रक्रियाएं बहुत ही सरल हो सकती हैं। उनके आई सी टी और अंतरिक्ष तकनीक को संगठित करने की आवश्यकता पर बल देते कहा कि इसके साथ सरकार को लोगों के लिए आवश्यक व स्वीकृत नीतियां बनाने में ओर आसानी हो सकती है।सचिव विज्ञान, तकनॉलोजी और वातावरण श्री जसपाल सिंह ने अंतरिक्ष और भूगौलिक जानकारी को प्रोसैस करने, एकत्र करने आदि संबंधी विज्ञान की प्रशासनिक कार्यों में जरूरत संबंधी सैशन की प्रधानगी की। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष तकनीक हर किस्म की योजना सरगर्मी और स्त्रोतों के प्रबंधन की कुंजी है। उन्होंने बताया कि पंजाब जी आई एस वैब एप्लीकेशऩ प्रोजेक्ट जिसमें विभिन्न विभागों से संबंधित डाटा मौजूदा है को पी आर एस सी द्वारा जी आई एस तहत लाया जा रहा है जोकि योजनाबंदी के क्षेत्र में बहुत लाभदायक सिद्ध होगा।इसी दौरान डा.बी एस गोहील और डा.पी जी दिवाकर, दोनों वैज्ञानिक इसरो, ने अंतरिक्ष तकनीक संबंधी अह्म विचार रखे।