मणिुपर के मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी ने अंतत: इस बात का निर्णय ले निया है कि किसी मंत्री को मंत्रिमंडल से बाहर करना है और किस असंतुष्ट विधायक को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाना चाहिए। पार्टी नेताओं से मुलाकात कर शुक्रवार को दिल्ली से लौटे इबोबी ने रविवार को राज्यपाल वी. षणमुगनथन से राजभवन में मुलाकात की।माना जा रहा है कि राज्यपाल के साथ अपनी 15 मिनट की मुलाकात में इबोबी ने उन्हें उन मंत्रियों व विधायकों की सूची सौंपी, जिन्हें पद से हटाया जाएगा और जिन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा।पार्टी सूत्रों ने बताया कि शपथ ग्रहण की तारीख तय नहीं की गई है, क्योंकि मंत्रियों और असंतुष्ट खेमे से यानी दोनों तरफ से कुछ रुकावटें हैं।मुख्यमंत्री के एक नजदीकी सूत्र ने बताया, "अगर अड़चनें दूर कर ली गईं तो शपथ ग्रहण समारोह मंगलवार को होगा।"
लेकिन अगर समस्याएं तत्काल दूर नहीं की जा सकीं तो शपथ ग्रहण 13 अप्रैल के बाद होने की संभावना है।अटकलें लगाई जा रही हैं कि पांच मंत्री जिनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है, उन्हें हटाया जा सकता है। पार्टी नेतृत्व ने 10-12 मंत्रियों को हटाने की मांग नामंजूर कर दी है।असंतुष्ट चाहते थे कि 'एक व्यक्ति एक पद' की नीति लागू की जाए।इसी के अनुसार, उप मुख्यमंत्री गैखनगम को हटाकर उनकी जगह टी.एन. हाओकिप को मणिपुर कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया है।कांग्रेस के 48 विधायकों में से 25 ने मंत्रिमंडल में फेरबदल और पार्टी अध्यक्ष को बदलने की मांग की थी।मंत्रियों ने संकेत दिया है कि अगर उनमें से किसी को भी हटाया गया तो वे सभी इस्तीफा दे देंगे। यह स्पष्ट नहीं है कि वे कांग्रेस में ही रहेंगे या फरवरी 2017 विधानसभा चुनाव से पहले किसी और पार्टी का दामन थाम लेंगे।इतना ही नहीं असंतुष्ट खेमा भी इस बात को लेकर नाराज है कि सभी 10 मंत्रियों को नहीं हटाया जा रहा।