फ्रांस के शहर सेंट त्रोपे के डिप्टी मेयर व इंचार्ज पर्यटन श्री हेनरी प्रेवोस्त एलार्ड ने आज चंडीगढ़ में स्थित पर्यटन विभाग के कार्यालय में स. सोहन सिंह ठंडल पर्यटन मंत्री पंजाब के साथ मुलाकात की और उन्हें सितंबर माह दौरान सेंट त्रोपे में महाराजा रणजीत सिंह जी का बुत लगाने के अवसर पर फ्रांस आने का निमंत्रण दिया।इस अवसर पर स.ठंडल ने बताया कि श्री हैनरी प्रेवोस्त एलार्ड महाराजा रणजीत सिंह जी की सेना को प्रशिक्षण देने वाले जरनैल एलार्ड के वंश में से हैं। श्री हैनरी एलार्ड उनकी पांचवीं पीढ़ी में से हैं। उन्होंने कहा कि महाराजा रणजीत सिंह जी के प्रति आदर स मान व्यक्त करने के लिए श्री हैनरी एलार्ड द्वारा यह पहलकदमी की गई है। उन्होंने कहा कि यह पंजाब के लिए बड़े गौरव वाली बात है कि महाराजा रणजीत सिंह जी का बुत सेंट त्रोपे में लगाया जाएगा। इससे पंजाब और फ्रांस मे नई सांझ विकसित होगी और पर्यटन उत्साहित होगा।
स.ठंडल ने आगे बताया कि महाराजा रणजीत सिंह का बुत पंजाब सरकार द्वारा देश के प्रमुख मूर्तिकार द्वारा तैयार करवा कर सेंट त्रोपे सरकार को भेंट किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस बुत का लोकार्पण औपचारिकता के अवसर पर 17 सितंबर को सेंट त्रोपे आने के लिए श्री हैनरी एलार्ड ने निजी तौर पर मु यमंत्री पंजाब और पर्यटन विभाग के मंत्री एवं अधिकारियों को निमंत्रण देने आए हैं। इस अवसर पर श्री हैनरी प्रेवोस्त एलार्ड ने बताया कि 16, 17 और 18 सितंबर को भारत के दूतावास द्वारा फ्रांस मे नमस्ते फ्रांस का आयोजन किया जा रहा है और सेंट त्रोपे में इस श्रृ़खला के तहत लगाए जाने वाले तीन दिवसीय मेले दौरान पंजाब संबंधी लगाई जाएगी प्रदर्शनी, महाराजा रणजीत सिंह, जरनैल एलार्ड व उनकी पत्नी बन्नो पन्नदई के बुत लगाए जाएंगे, कांफ्रेसों का आयोजन होगा एवं फिल्में दिखाई जाएगी। उन्होंने पंजाब सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा कि पंजाब सरकार द्वारा भेंट किए महाराजा रणजीत सिंह का बुत के लिए सेंट त्रोपे उनका तहदिल से धन्यवादी हैं।इस अवसर पर सेंट त्रोपे से विशेष तौर से आए पर्यटन विभाग के निदेशक श्री क्लोैड मनिसकालको ने कहा कि इस समागम के अवसर पर पूरे विश्व से बड़ी सं या में पर्यटक आएंगे और पंजाब के महान जरनैल संबंधी जानकारी प्राप्त करेंगे। इस अवसर पर अन्य के अतिरिक्त प्रधान सचिव पर्यटन श्रीमती अंजलि भावड़ा, श्री एन एस रंधावा निदेशक पर्यटन और समागम के कोऑर्डिनेटर स.जगदीप सिंह चीमा उपस्थित थे।