राज्य के किसानों की पशुपालन जैसे सहायक व्यवसायों द्वारा आय मे वृिद्ध करने के लिए पंजाब सरकार द्वारा पाकिस्तान से भैंसों की नीली रावी और गायों की साहीवाल नस्ल का सीमन मंगवाया जाएगा। इस संबध में पंजाब के मुख्यमँत्री द्वारा प्रधानमँत्री को पत्र लिखकर स्वीकृति देने की मांग की गई है यह जानकारी आज यहां पंजाब के पशुपालन, मछली पालन और डेयरी विकास मँत्री गुलजार सिंह रणीके ने पंजाब सरकार द्वारा पटियाला-नाभा सड़क पर गांव रोणी के समीप लगभग 32 एकड़ जमीन में 42 करोड़ रूपये की लागत से नये बनाये मार्डन डेयरी फार्म (संैटर आफ एक्सीलैंस आन कैटल डिवैलपमैंट रोणी) का उदघाटन करने के अवसर पर राज्य भर मे से पहुंचे बड़ी संख्या में सफल पशुपालकों व किसानो के एक भारी एकत्र को संबोधन करते हुये किया।स. रणीके ने कहा कि हमारे पडोसी देश पाकिस्तान में रावी नस्ल की भैंसे और साहीवाल नस्ल की गाय बहु ज्यादा दूध देने के कारण पशुपालकों के लिए बहुत लाभप्रद है। इसलिए पंजाब सरकार द्वारा शीघ्र ही इन नस्लों का सीमन पाकिस्तान से आयात किया जाएगा।
स. रणीके ने बताया कि पटियाला के समीप रौणी में बनाया मार्डन डेयरी फार्म भारत का पहला केन्द्र है जहां अंतराष्ट्रीय स्तर के मापदंडों का अपनाकर बुनियादी ढांचा व अन्य साजो सामान प्रदान किया गया है। उन्होने बताया कि करीब 32 एकड़ में बनाये इस डेयरी फार्म में 360 गाय और 180 विदेशी व देसी नस्लों के बछड़े और बछडिय़ो को रखने की विशेष सुविधा प्रदान की गई है। इस सैंटर में नवीनतम तकनीक का भ्रुण तबादला सैंटर ,आटोमैटिक फीड प्लांट,पशुओ का चारा तैयार करने का मिल्किंग पार्लर,गोबर गैस प्लांट, आटोमैटिग साफ सफाई , सीमन वितरण केन्द्र और प्रशिक्षण संस्था मौजूद है। उन्होने बताया कि इस मार्डन फार्म में बहु कीमती गायों के रहने वाले स्थान की सुरक्षा के लिए बायो सिक्योरटी सिस्टम लगाया गया है।
स. रणीके ने बताया कि मुख्यमँत्री स. प्रकाश सिंह बादल के यत्नों के कारण पशुपालन विभाग द्वारा राज्य भर में लगभग 19 करोड़ की लागत से जिला स्तर पर 12 वेटरनरी पोलीक्लीनिक का निर्माण किया गया है। जबकि तहसील स्तर पर 20.35 करोड़ की लागत से 42 पशु अस्पताल बनाये गये है। उन्होने बताया कि नाभा सहित पंजाब में तीन सुअर फार्मो पर लगभग दो करोड़ रूपये खर्चे गये है। जबकि पटियाल-चीका सड़क पर कुलेमाजरा में लगभग बीस करोड़ की लागत से बकरी फार्म का निर्माण किया जा रहा है। जहां बिटल नस्ल बकरी की नस्ल की संभाल की जाएगी। किसानों को सहायक व्यवसाय के लिए बकरी बिटल नस्ल उपलब्ध करवाई जाएगी।
स. रणीके ने बताया कि खराब नस्लो के सीमन के कारोबार से पशुपालकों की हो रही लूट को रोकने के लिए पंजाब सरकार द्वारा इस संबधी विधान सभा में बिल पास किया गया है। जिस तहत विभाग की इजाजत के बिना सीमन सप्लाई करने वालों विरूद्ध सजा की व्यवस्था रखी गई है। स. रणीके ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा पशु पालन विभाग के रिक्त पड़े 1800 पद भरने को भी स्वीकृति दे दी है और शीघ्र ही यह भर्ती प्रक्रिया आरंभ कर दी जाएगी।उन्होंने बताया कि रामपुरा फूल में 92 करोड़ की लागत से वैटनरी कालेज की स्थापना की जा रही है और 20 करोड़ की लागत से लुधियाना में वैटानरी वैक्सीन इंस्टीच्यूट तैयार किया गया है।इस अवसर पर पंजाब के कैबिनेट मंत्री स.सुरजीत सिंह रखड़ा ने इस सैंटर की स्थापना करने पर मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री का धन्यवाद करते हुए कहा कि यह सैंटर पशु पालकों के लिए मार्गदर्शन होगा। उन्होंने नवयुवकों को न्यौता दिया कि गेंहू व धान की रिवायती फसलें अब लाभप्रद ना होने के कारण वह पशु पालन, मत्स्य पालन तथा मुर्गी पालन जैसे सहायक व्यवसाय अपनाएं उन्होंने कहा कि यह मार्डन डेयरी फार्म सहायक व्यवसायों की प्रफूल्लता के लिए बड़ा सहायक होगा।
जिला परिषद के चेयरमैन स.जसपाल सिंह कल्याण ने कहा कि यह मार्डन डेयरी फार्म क्षेत्र के पशु पालकों के साथ-साथ पूरे राज्य के पशु पालकों को निर्देश देगाा। पशु पालन विभाग के निदेशक डा. एच एस संधा ने समागम में पहुंची शख़्िसयतों का स्वागत किया और विभाग की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर स.गुलजार सिंह रणीके, स.सुरजीत सिंह रखड़ा, स. सुरजीत सिंह अबलोवाल चेयरमैन पंजाब पर्यटन, स.जसपाल सिंह कल्याण, स.तेजिंदरपाल सिंह संधू पूर्व चेयरमैन एस एस बोर्ड, मार्किट कमेटी के चेयरमैन स.हरिन्द्रपाल सिंह टोहड़ा, स.मक्खन सिंह लालका, अतिरिक्त मुख्य सचिव पशु पालन स.मनदीप संधू, पशु पालन विभाग के सलाहकार श्री पी के उप्पल, डिप्टी कमिश्रर स.रामवीर सिंह, सीनीयर आर्कीटैक्ट स.सुरेन्द्रपाल सिंह, एक्सीयन लोक निर्माण विभाग श्री दीपक गोयल, स. हरविंदर सिंह हरपालपुर, संयुक्त निदेशक डा.अमरजीत सिंह को विशेष तौर पर सम्मानित किया गया जबकि समागम दौरान श्री अजय थापर, स. कुलदीप सिंह अलहौरा सदस्य जिला परिषद, स.सुरेन्द्र सिंह पहलवान, श्री बिट्टू चट्ठा, जत्थेदार सोैदागर सिंह, पशु पालन के डिप्टी डायरैक्टर डा.हर्षमोहन वालिया, डा. परमपाल सिंह समेत बड़ी संख्या में अधिकारी पशु पालन व किसान भी उपस्थित थे।