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राज्यपाल द्वारा नदी जल का मसला राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत रिपेरियन सिद्धांत अनुसार हल करने की मांग

पंजाब से अन्याय एवं भेदभाव का अंत हो -राज्यपाल ने केंद्र को कहा

	राज्यपाल द्वारा नदी जल का मसला राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत रिपेरियन सिद्धांत अनुसार हल करने की मांग
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चंडीगढ़ , 08 Mar 2016

पंजाब के राज्यपाल प्रौ. कप्तान सिंह सोलंकी ने आज नदियों के पानियों की बांट को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत रिपेरियन सिद्धांत को अमल में लाकर इस मुददे के स्थायी निपटारे की मांग करते हुये कहा कि समूचे मुल्क में दरियाई  पानी के निपटारे के लिए इस सिद्धांत की ही पालना की गई है।आज 14वीं विधानसभा के पांचवे और अंतिम बजट सैशन दौरान अपने संबोधन में राज्यपाल ने कहा कि पंजाब एक कृषि प्रधान राज्य है और इसकी कृषि वाली 27 प्रतिशत जमीन सिंचाई के लिए दरियाई पानियों और 72 प्रतिशत जमीन टयूबवैल सिंचाई पर निर्भर है और यदि टयूबवैल पर सिंचाई निर्भरता बरकरार रही तो निकट भविष्य में यह सूबा मूरथल में तबदील हो जायेगा। उन्होंने कहा कि इसलिए राज्य निश्चित तौर पर टयूबवैल सिंचाई पर निर्भरता से छुटकारा पाना चाहता है और इस समस्या का एक ही हल पंजाब के दरियाओं के पानियों पर इसके अधिकारों को सुरक्षित बनाना है।पंजाब के लोगों से हुये अन्याय एवं पक्षपात की दास्तान का जिक्र करते हुये राज्यपाल ने कहा कि भारत सरकार द्वारा राज्य की राजधानी चंडीगढ़ पंजाब को तबदील ना करके घोर अन्याय किया गया है। इसी प्रकार वर्ष 1966 राज्य के पूनर्गठन समय बहुत से पंजाबी बोलते क्षेत्र उस समय राज्य से बाहर रह गये थे जिनको अभी तक पंजाब में शामिल नही किया गया। उन्होंने भारत सरकार को अपील की कि पक्षपात और अन्याय वाले ऐसे रवैये को दूर किया जाये।

पंजाब के पड़ौसी राज्यों को कर रियायतें देने से राज्य की आर्थिकता का लगे बड़े धक्के का जिक्र करते राज्यपाल ने कहा कि इन रियायतों के कारण पंजाब के उद्यमियों को पड़ोसी राज्यों के उद्यमियों के साथ मुकाबला करना असंभव हो गया है। उन्होंने कहा कि सरकार किसी भी राज्य को रियायतें दिये जाने के खिलाफ नही है पर यह सब कुछ हमारे संवेदनशील सीमावर्ती राज्य की आर्थिकता के साथ धक्का करके नही किया जाना चाहिए औेर यह रियायतें पंजाब को भी दी जाए। स्वंतत्र भारत के इतिहास के घिन्नौने कत्लेआम के पीडि़तों को न्याय और राहत मुहैया करवाने क ी काफी पुरानी मांग का जिक्र करते राज्यपाल ने कहा कि अक्तूबर-नवंबर 1984 में हजारों बे कसूर सिक्खो का कत्लेआम इसकी सब से बड़ा उदाहरण है ओैर पीडि़त अभी भी ल बे समय से न्याय की प्रतिक्षा में है। उन्होंने कहा कि इन दुखदायी घटनाओं के पु ता सबूत है और उस समय के बड़े व ताकतवर  व्यक्तियों की प्रत्यक्ष रूप से शमूलियत के भी स्पष्ट सबूत मौजूद है पर राजनीतिक रूतबे के कारण इस गंभीर मानवीय दुखांत के कातिलों, लूटरो, बलात्कारियों और गड़बड़ करने वालों के खिलाफ अभी तक कोई कार्यवाही नही की गई। उन्होंने कहा कि ना केवल कसूरवारों को कोई सजा दी गई बल्कि उस समय की शासक पार्टी द्वारा ऐसे लोगो को सरकार में केबिनेट स्तर के रूतबों समेत अह्म पदों से नवाजा गया। उन्होंने कहा, मेरी सरकार 1984 के कत्लेआम के दोषियों को बिना किसी देरी से स त सजाएं देने की मांग करती है। इस दौरान राज्यपाल ने इस दुखंात के पीडि़तों के लिए बड़ी राहत व मुआवजे की मांग की ताकि इन लोगो का भरोसा पुन: बहाल हो सकें।

केन्द्र में एन डी ए सरकार द्वारा पीडि़तों के लिए मुआवजे की रकम बढ़ाकर पांच लाख रूपये करने के प्रयास का स्वागत करते प्रो. सोलंकी ने कहा कि इस तरफ अभी बहुत कुछ किये जाने की आवश्यकता है।सिक्खों के धार्मिक विश्वास और भावनाओं के साथ संबंधित ध्यान योगय कई प्रमुख मुददो का जिक्र करते राज्यपाल ने भारत सरकार को अपील की कि बहादुर और देश भक्त सिक्खों के सभी जायज़ मसलों का निपटारा शीघ्र अति शीघ्र किया जाए। इन में धार्मिक पहचान संबंधी मामले और अन्य कई देशों में उन के द्वारा झेली जा रही मुश्किले, पाकिस्तान में उनके धार्मिक स्थानों जैसे करतारपुर साहिब तक सीधी पहुंच, सवैधानिक पहचान, उनके धार्मिक और सांस्कृतिक पर पराओं की संभाल के मुद्दे शामिल है। राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार का यह दृढ़ विश्वास है कि वि िान्न सांस्कृतिक, धर्मो, भाषाएं आदि के साथ भरपूर हमारे इस बड़े देश के लिए संघीय ढांचा सबसे बढिय़ा ढांचा है। उन्होंने देश को वास्तविक रूप में संघीय देश बनाने के लिए की गई पहलकदमी के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को सलाम किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने शब्दों का समर्थन योजना आयोग को समाप्त करने की ठोस कार्यवाही करके और उसके जगह पर नीति आयोग का लाकर व मु यमंत्रियों को राष्ट्रीय योजना प्रत्यक्ष भागीदार बनाकर किया। यह हमारी शासन प्रणाली को गत सरकारो की बहुत अधिक केन्द्रीय करण की नीति से आज़ाद करने की भारत सरकार की एक घोषणा थी। उन्होंने कहा की इस संघीय ढांचे को ओर उपर लेजाने के लिए कई अन्य कदम उठाये गये है जिनमें सबसे प्रमुख कदम केन्द्रीय करों में राज्यों के हिस्से को 32 प्रतिशत से बढ़ाकर 42 प्रतिशत करना है। उन्होंने कहा कि सरकार का यह विचार है कि यह हमारी सवैधानिक प्रणाली को वास्तविक रूप में संघीय बनाने की तरफ आवश्यक शुरूआती कदम है। उन्होंने कहा कि माली स्वंतत्रता व प्रशासकीय तथा राजनीतिक विकेन्द्रीकरण की प्रक्रिया को इसके अंतिम प्राकृतिक लक्ष्य, देश में स पूर्ण व वास्तविक संघीय ढांचा स्थापित करने के लक्ष्य तक आगे लेजाने की आवश्यकता है।  

श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी की बेअदवी संबधी हाल ही में घटित घटनाओ पर गहरा दुख जाहिर क रते राज्यपाल ने कहा, गत् कुछ महीनों में घटित इन घटनाओं के साथ पंजाब और देश का मन, शरीर तथा आत्मा झिझौड़ी गई। वास्तव में समूची मानवता के लिए शांति, प्यार, संवेदना तथा मानवीय भाईचारे के पवित्र प्रकाश स्त भ, श्री गुरू ग्रंथ साहिब विरूद्ध धार्मिक उल्लघंना की  सदमाजनक और दुखदायी  कार्रवाईयों के साथ पूरी मानवता सदमे में आ  गई थी।धार्मिक बेअदबी की इन कार्रवाईयों को बहुत ही घिनौनी तथा सार्वजनिक शांति के लिए गंभीर चुनौती बताते हुए प्रो.सोलंकी ने कहा कि राज्य सरकार ने इन खौ$फनाक कार्रवाईयां करने वाले आरोपियों विरूद्ध कठोर कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि सरकार के मज़बूत समर्थन के परिणाम स्वरूप श्री गुरू गं्रथ साहिब की धार्मिक बेअदबी के कुल 13 केसों में से 7 का पहले ही पता लगाकर आरोपियों को गिरफतार कर कानून के शिकंजे में लाया गया है। उन्होंने कहा कि शेष रहते 6 ऐसे केसों में से 2 केस देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी सी बी आई को सौंपे गए हैं। पवित्र गुरद्वारे की दीवारों पर आपत्तिजनक पोस्टर लगाने से संबंधित एक अन्य केस की जांच भी एजेंसी द्वारा की जाएगी।  राज्यपाल ने कहा कि शेष रहते सभी केसों की जांच प्राथमिकता के आधार पर बड़ी सरगर्मी से की जा रही है।राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार कानून के तहत इस संगीन अपराध के आरोपियों को कठोर से कठोर सजा दिलाने को यकीनी बनाने के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में मज़बूत कदम उठाने के लिए राज्य के मंत्रिमंडल ने आई पी सी की धारा 295 ए अधीन ऐसी कार्रवाईयों के लिए सजा तीन वर्षों से बढ़ाकर उमर कैद करने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि मेरी सरकार जोरदार शब्दों द्वारा पंजाब के लोगों को यह भरोसा दिलाती है कि ऐसे गंभीर अपराधों के आरोपियों को कानून के कठोर से कठोर उपबंधों अधीन निपटा जाएगा और आरोपी पाए गए व्यक्तियों को किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा।

राज्यपाल ने कहा कि बीते वर्ष दौरान पंजाब के लोगों ने सीमापार से फिदायीन और दूसरे दुशमनों की गंभीर चुनौतियों को भी झेला है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने मज़बूत प्रबंधकी कार्रवाई, राजनीतिक पवित्रता और लोगों के सहयोग से इन चुनौतियों पर काबू पाया है। दीनानगर एवं पठानकोट के हमलों को पंजाब पुलिस और सुरक्षा सेनाओं के विभिन्न विंगों द्वारा संयुक्त रूप् में प्रभावशाली तरीके से असफल बनाया गया है। राज्यपाल ने कहा कि दीनानगर में लीडरशिप और पंजाब पुलिस के नौजवानों ने शहर के लोगों के साथ मिलकर पेशेवर रूप में शिक्षित कातिलों के समूह के खतरनाक हमले का सफलतापूर्वक मुकाबला किया और ताकतवर हार दी। उन्होंने कहा कि पठानकोट हवाई अडडे में सफलतापूर्वक मुकाबला दूसरी एजेंसियों जैसे कि पंजाब पुलिस के साथ मिलकर कार्य कर रही सशस्त्र सेनाओं की बहादुरी की उत्तम मिसाल है। पंजाब पुलिस ने आगामी रूप में उचित, भरोसे योग्य और पुख्ता जानकारी मुहैया करवाई जिसके परिणाम स्वरूप यह देश में अपनी किस्म का पहला सुरक्षा ऑप्रेशन बन गया। जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड, हमलावरों के पहुंचने से पूर्व ही सेना तैनाती करने में सफल हो गया था। प्रौ. सोलंकी ने कहा कि यह सदन हमारे बहादुर और सेना के देशभक्त अधिकारियों विशेष तौर पर पंजाब पुलिस सहित अन्य सुरक्षा एजेंसियों के जवानों द्वारा दिखाई बेजोड़ और शानदार बहादुरी के लिए पंजाबियों और राष्ट्र के गौरव की गवाही देता है। उन्होंने कहा कि मैं दीनानगर और पठानकोट के लोगों को भी सलाम करता हूं जोकि इस समय सेना और पुलिस की सहायता के लिए बहादुरी पूर्वक सामने आये। 

राज्यपाल ने कहा कि खडूर साहिब उपचुनाव का परिणाम गत् चार वर्षो के दौरान राज्य सरकार में गठजोड़ भागीदारों द्वारा कायम रखी गई विजेता प्रवृति की निरंतरता का परिणाम है। उन्होंने कहा कि गठजोड़ भागीदारों ने वर्ष 2012 से लेकर अबतक हुये राज्य विधानसभा के छ: उपचुनावों में भी 5 पर विजय प्राप्त की है। इनमें से अधिकतर उपचुनावों में अधिक सीटें अन्य पार्टियों से तबदील होकर राज्य के पक्ष में आई हैं। राज्य सरकार राज्य प्रबंध के लिए नाकारत्मक एजेंडे से प्रेरित है। यह एजेंडा पहली बार राज्य में 1997 के विधानसभा चुनावों से पूर्व पंजाब के लोगों के सामने लाया गया था। गत् लगभग 20 वर्षो से चार संपूर्ण विधानसभा चुनावों में पंजाब के लोगों ने इन पवित्र सिद्धांतों में सरकार की गंभीरता तथा वचनबद्धता के प्रति अपने निर्णय लिये हैं। इन चार अवसरों में से तीन बार या इन बीस वर्षो में से 15 वर्षो में पंजाबियों ने शिअद-भाजपा की गठजोड़ वाली सरकार में अपना संपूर्ण भरोसा व्यक्त किया है और गठजोड़ भागीदारों को पूरे अंक दिये हैं जोकि राज्य के इतिहास में एक बेजोड़ मिसाल है। पंजाब के लोगों की सेवा करने के लिए और बेमिसाल जनादेश की प्राप्ति के लिए गठजोड़ भागीदारों को 2012 में निराधार कुप्रचार का सामना करना पड़ा।

राज्यपाल ने कहा कि इस समय दौरान ही सरकार के गठजोड़ भागेदार ने प्रत्येक शहरी चुनाव जैसेकि निगम और पंचायती चुनावों में पंजाबियों से बेमिसाल और महत्वूपर्ण समर्थन प्राप्त किया है जिससे राज्य के ग्रामीण और शहरी तबकों में सरकार और पंजाबियों के बीच बहुत ही गहरे और सुदढ संबंधों की भावना देखने को मिली है। प्रौ. सोलंकी ने कहा कि यह बड़ी दुखदायी और दुर्भाग्य वाली बात है कि कुछ पक्षों ने लोगों के प्रति अपनी जिम्मेवारी से भागते हुये खडूर साहिब उपचुनाव का बॉयकाट किया परंतु इस पवित्र शहर के लोगों ने शांति, संप्रदायिक भाईचारे और विकास में अपनी प्राथमिकता को दर्ज करते हुये रूकावटों वाली राजनीति, अराजकता और नाकारत्मक विचारों को ठुकराया। इस पवित्र शहर के लोगों ने 58 प्रतिशत वोटों से बॉयकाट की इस धारणा को नकार दिया।राज्यपाल ने कहा कि यह सदन को ही नही बल्कि प्रत्येक पंजाबी को पता है कि राज्य की बागडौर एक ऐसे प्रतिभाशील रूतबे वाले व्यक्ति के हाथों में है जिसकों मानवता से प्रेम है। मेरे से पहले पदाधिकारी द्वारा स. बादल को एक संत राजनीतिज्ञ भी कहा गया था। उनकी समर्पण तथा कार्य के प्रति लगन एवं राज्य के लोगों के प्रति नम्रता  उनको संत के तौर पर प्रमाणित करती है। उनकी अपने राज्य को प्रत्येक क्षेत्र में उंचाईयों की शिखर पर लेकर जाने वाली दूरदर्शी और नीतिगत रहनुमाई पर प्रत्येक पंजाबी को गर्व है। इसलिए किसी को भी इस बात की हैरानी नही हुई थी जब उनको देश का दूसरा सर्वोच्च पुरस्कार पदम विभुषण दिया गया था। 

राज्यपाल ने आगे कहा कि केंद्र में एनडीए सरकार बनने के बाद पंजाब ने  कुछ प्रमुख और महत्वपूर्ण विकास और अन्य परियोजनाओं प्राप्त की है। इनमें श्री अमृतसर साहिब की विकसित शहर के तौर पर चयन, सांस्कृतिक विश्व विरासती स्थानों में जलियां वाला बाग को शामिल के अतिरिक् त राज्य में पोस्ट ग्रेजुएट बागवानी अनुसंधान एवं शिक्षा केंद्र और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और आई आई एम की स्वीकृति देना भी शामिल है। उन्होंने कहा कि समूचे रूप में यह प्रयास विभिन्न क्षेत्रों में राज्य को उच्च विकास की तरफ लाने के प्रयासों में शामिल है। प्रो. सोलंकी ने कहा कि  राज्य में पहले ही आईएसबी और आईआईटी हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016-17 के लिए केन्द्र सरकार ने बजट में  दसवें गुरू श्री गुरू गोबिंद सिंह जी के शताब्दी समारोह के लिए 100 करोड़ रुपये की आध्यात्मिक महत्वाकांक्षी परियोजना को लाया गया है। पंजाब बहादुर और मेहनती किसानों और कृषि पर अधिक जोर दिया जाना भी खुशी की बात है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा पंजाब के लिए सबसे महत्वपूर्ण 1000 करोड़ रुपये की लागत से लुधियाना के लिए स्मार्ट सिटी परियोजना की घोषणा की है। पंजाब के औद्योगिक शहर को देश के 20 शहरों की सूची में चयनित किया गया है। 

इसी तरह, अमृत योजना के तहत पंजाब के 16 नगर निगम  शहरों के लिए  4228 करोड़ आरक्षित रखे गये हैं।राज्यपाल ने कहा कि सरकार को दृढ़ विश्वास है कि लोकतंत्र में नागरिक ही राजा है और उसको अधिकार है कि चौबीस घंटे सरकार से जवाबदेही, विनम्र, पारदर्शी और सरल पहुंच योग्य अधिकार की उम्मीद रखे। उन्होंने कहा कि संगत दर्शन कार्यक्रम की पहलकदमी सही अर्थो में आम आदमीकी प्रमुखता को दर्शाती है जिस द्वारा सरकार उनकी समस्याओं के समाधान के लिए उनकी सेवक के रूप में कार्य करती है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा आरंभ किये गये महत्वपूर्ण शासन सुधारों से  भी यह नजरिया स्पष्ट होता है। यह सुधार इस बात की तरफ सेधित हैं कि यह यकीनी बनाया जाये कि लोग अपने अधिकार के तौर पर बिना किसी रूकावट से अपने घरों में बैठे ही इन सुविधाओं को प्राप्त करें उन्होंने कहा कि यह हम सभी के लिए गर्व की बात है कि बहुत से अन्य राज्यों और यहा तक की भारत सरकार ने भी अपनाने के लिए इन सुधारों के अध्ययन में तीव्र दिलचस्पी दिखाई है।हाल के वर्षों में यह नए परिवर्तन सामने आये हैं कि कैसे दुनिया भर में लोगों को आज के पंजाब की तरफ देखना आरंभ किया है। इस संबंध में वह इस अजीम सदन को यह बताते हुये प्रसन्नता महसूस करते हैं कि राज्य ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ख्याति के हर क्षेत्र में संस्थागत और संगठनात्मक स्तर पर एक महत्वपूर्ण नाम कमाया है। विश्व बैंक ने अपनी वर्ष 2015 की रिपोर्ट में नये  व्यवसाय स्थापित करने में आसानी, में पंजाब को  नंबर एक राज्य के रूप में परिभाषित किया है। व्यापार के आसानी को बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार ने  उच्च दर्जे 11 का राज प्रबंध, कानून और व्यवस्था, बिजली आपूर्ति, सड़क, रेल, वायु और इंटरनेट कनेक्टिविटी, औद्योगिक वातावरण और मानव संसाधन विकास और उपलब्धता प्राप्त की है। राज्य इन सभी क्षेत्रों में गुणवत्ता पुरस्कार जीता है।

भारत सरकार द्वारा गुणवत्ता और प्रदर्शन संबंधी राज्य सरकार को दिये गये बेहतर पुरस्कार से बेहतर कोई अन्य उदाहरण नही है। पंजाब अब बिजली सरप्लस राज्य और इसने भारत सरकार से ए पल्स दर्जा प्राप्त किया है। सरकार ने स्वच्छ ऊर्जा पर विशेष बल देने से अक्षय ऊर्जा में बेहतर प्रदर्शन कर राज्य का उच्च दर्जा प्राप्त किया है। कृषि उत्पादन में उत्पादन में प्रर्दशन के उत्तम स्तरों पर पहुंचने के बावजूद राज्य ने पॉलिसी लीडरशिप अवार्ड 2013 प्राप्त करके  उत्पादकता क्षेत्र में नई उम्मीदें पैदा की हैं। वर्ष 2013-14 वर्ष के लिए महत्वपूर्ण कृषि कर्मण पुरस्कार प्राप्त करना पंजाब के मेहनती किसानों के लिए एक सम्मान की बात है और इसके साथ यह राज्य के मुख्यमंत्री स. प्रकाश सिंह बादल के विवेकपूर्ण दृष्टिकोण का प्रतीक है।

इस बीच, राज्यपाल ने कृषि, पशुधन, डेयरी, मत्स्य पालन, ऊर्जा, उद्योग और व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान, गृह मंत्रालय, न्याय और जेलों, स्थानीय सरकार, अनुसूचित जातियों और पिछड़े वर्गों का कल्याण, सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास, वित्त, सिंचाई और जल निकासी, जल आपूर्ति और स्वच्छता, ग्रामीण विकास, राजस्व एवं पुनर्वास, कर एवं आबकारी, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले, सहकारिता, आवास और शहरी विकास, रक्षा सेवाओं के कल्याण, स्वतंत्रता सेनानियों, नागरिक उड्डयन, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण, श्रम, रोजगार सृजन और प्रशिक्षण, तकनीकी प्रशिक्षण और औद्योगिक प्रशिक्षण, परिवहन, प्रवासी मामले, पर्सोनल,  नई एवं नवीनीकरण उर्जा, खेल एवं युवा कल्याण, पर्यटन, सांस्कृतिक मामले एवं प्रशासकीय सुधार विभागों की उपलब्धियों का भी संक्षेप में उल्लेख किया ।

राज्यपाल ने अपने भाषण को समेटते हुये कहा कि सरकार की प्राथमिकताएं स्पष्ट रूप में उल्लेखित, इसकी पहुंच सकारात्मक और इसका दृष्टिकोण बहुत ही बढिय़ा और दूरदर्शी है। शुरुआत से, इसने राज्य को शांति, सांप्रदायिक सौहार्द और सर्वपक्षीय विकास का केंद्र बनाना चाहा है। प्रतिरोध माहौल को समाप्त और राजनीतिक आम सहमति को उत्साहित करना और आपसी सहयोग सरकार की सैद्धांतिक प्राथमिकतांए रही हैं जोकि भविष्यमें भी निरंतर जारी रहेंगी।प्रो. सोलंकी ने कहा कि राज्य सरकार विपक्ष की आवाज का सम्मान करती हैं और लोकतंत्र में इसकी रचनात्मक भूमिका को संपूर्ण रूप में स्वीकार करती है। यह भरोसा  और प्रतिबद्धता भविष्य में भी सभी क्षेत्रों में सरकार के इरादों के आधार रहेगी। इस बीच, राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार लोगों को यह विश्वास दिलाती है कि शांति तथा संप्रदायिक भाईचारा निरंतर रूप् में इसकी मुख्य प्राथमिकता रहेगा। शांति को हर कीमत पर कायम रखा जायेगा।राज्यपाल ने कहा कि संपूर्ण रूप में अहसास करते हुये कि यह समूचे पंजाबियों का पवित्र कार्य है, सरकार ने प्रत्येक संगठन, प्रत्येक संस्था, प्रत्येक व्यक्ति, प्रत्येक पार्टी के पास सहयोग के लिए पहुंच की है ताकि पंजाब जिसको इसके अतीत पर फख्र और वर्तमान एवं भूतकाल पर भरोसा है, को आहला दर्जै का राज्य बनाया जा सके।राज्यपाल ने अंत में अपने भाषण में कहा, मुझे इस बात का पक्का यकीन है कि आप सभी लोगों के विद्वान प्रतिनिधियों के तौर पर सकारत्मक और सम्मानपूर्वक विचार विमर्श और वाद विवाद द्वारा हमारे राज्य की सफलता तथा शान के लिए अपना योगदान डालते रहोंगे। मै आप सभी के लिए आने वाले सकारात्मक और प्रसन्नता भरे समय की कामना करता हूं।

 

Tags: Kaptan Singh Solanki

 

 

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