पंजाब ने केंद्र सरकार से राज्य को आर्थिक संकट में से निकालने के लिए 15000 करोड़ रुपये की विशेष वित्तीय मदद की मांग की है। इसके साथ ही पंजाब के मालवा क्षेत्र में कैंसर जैसी नामुराद बिमारी के प्रकोप को रोकने के लिए भी 100 करोड़ रुपये की विशेष सहायता राशि की मांग की गई है। यह मांग पंजाब के वित्त मंत्री स. परमिंदर सिंह ढींडसा द्वारा अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त श्री डी पी रैड्डी के साथ बजट से पूर्व राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेतली की बैठक में रखी गई।
इस बातचीत के दौरान वित्तीय वर्ष 2016-17 में सी एस टी मुआवजा देने के लिए भी केंद्र के पास आवश्यक वित्तीय मदद मांगी गई। बैठक के दौरान बोलते हुये श्री ढींडसा ने कहा कि पंजाब में भारत की खाद्य समस्या को निपटने में केंद्रीय भूमिका अदा की है और पंजाब द्वारा की गई मेहनत के स्वरूप ही भारत खाद्य सुरक्षा को यकीनी बना सका है। उन्होंने कहा कि इस अग्रणीय भूमिका को अदा करते हुये पंजाब के प्राकृतिक स्त्रोतों को भारी क्षति हुई है जिसके साथ-साथ प्राकृतिक स्त्रोतो के अतिरिक्त इस्तेमाल के कारण प्रदूषण की समस्या भी विकराल रूपधारण कर चुकी है। उन्होंने कहा कि इन परिस्थितियों में मानवीय जीवन को गंभीर चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। पंजाब की मिट्टी और पानी का प्रदूषण खतरे के निशान तक पहुंच गया है जिस कारण अन्न की पैदावार घट रही है। परिणाम स्वरूप किसानी और मज़दूरों का जीवन दुशवार होता जा रहा है और किसान आत्महत्या करने के लिए मज़बूर हो रहें हैं।
स. ढींडसा ने कहा कि खेती संकट के साथ-साथ गंभीर औद्योगिक संकट भी पैदा हो गया है जस कारण केंद्र द्वारा पंजाब के पड़ौसी राज्यों विशेषकर पहाड़ी राज्यको उुद्योग में टैक्स रियायतें दिये जाने के कारण पंजाब का औद्योगिक क्षेत्र दम तोड़ रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब के 274 औद्योगिक संस्थान पंजाब में से पलायन कर अन्य राज्यों में चले गये हैं जिस कारण पंजाब को कम से कम 3675 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि इन दोनो उत्पादकीय क्षेत्रों में आई स्थिरता के कारण निवेश के साथ-साथ नवयुवकों के लिए नौकरियों और रोज़गार के संसाधन बुरी तरह घट गये हैं। स. ढींडसा ने कहा कि पंजाब केरल और पश्चिमी बंगाल के साथ ऋृण माफी के लिए एक उचित केस था। उन्होंने कहा कि यह वायदा किया था कि पंजाब का ऋण माफी का मामला 14वें वित्तीय आयोग द्वारा हमदर्दी से विचारा जायेगा जबकि हुआ इसके विपरित। उन्होंने कहा कि पंजाब को ऋण माफी के लिए इस कारण इंकार किया गया क्योंकि पंजाब में खेती सैक्टर को निशुल्क बिजली सप्लाई की जााती है। उन्होंने कहा कि अब गत् दिवस प्रधान मंत्री द्वारा खेती सैक्टर के लिए दी जाती सब्सिडी को जायज़ करार दिये जाने के बाद पंजाब का ऋृण माफी का के स और मज़बूत हो जाता है।
पंजाब के वित्त मंत्री ने राज्य में नीम सैनिक बलों की तैनाती के कारण पंजाब पर 298 करोड़ रुपये की राशि के भुगतान से माफी की भी मांग की। स.ढींडसा ने 14वें वित्त आयोग द्वारा प्रौफेशनल टैक्स की सीमा वार्षिक 2500 से बढ़ोकर 12 हजार रुपये करने की सिफारिश करने का जिक्र करते हुये यह मांग रखी कि यह सीमा सभी राज्यों में एक समान ही लागू की जानी चाहिए और आवास निर्माण मंहगा हो जाने के मद्देनज़र स. ढींडसा ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा आवास निर्माण के लिए लोन 30 लाख रुपये और रिपेयर के लिए 1 लाख रुपये की लगाई रोक को बढ़ा कर 50 लाख रुपये आवास निर्माण के लिए और 10 लाख रुपये मुरम्मत करने की मांग भी रखी।