पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान व लोकसभा सदस्य सुनील जाखड़ ने कहा है कि अगर भाजपा के नेतृत्व वाली मोदी सरकार राफेल सौदे में अपने आप को पाक साफ समझती है, तो फिर इस मामले की संयुक्त पारलीमानी समिति से जांच करवाने से क्यों भाग रही है। आज यहां से जारी एक बयान में जाखड़ ने कहा कि देश की सुरक्षा के साथ जुड़े इस संवेदनशील मसले की जांच के लिए संयुक्त पारलीमानी समिति की जांच ही सबसे बेहतर विकल्प है। उन्होंने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले की भाजपा द्वारा गलत व्याख्या की जा रही है। उन्होंने कहा कि अदालती फैसले में बिल्कुल नहीं कहा गया कि इस मामले की कोई और जांच नहीं हो सकती बल्कि अदालत ने तो माना है कि कुछ विषय अदालती नजरसानी से आगे के हैं। उन्होंने कहा कि अदालत ने भी माना है कि कुछ प्रश्नों की समीक्षा उसके न्यायिक दायरे में नहीं आती व उसकी अपनी कुछ सीमाएं हैं। जाखड़ ने कहा कि मोदी सरकार ने न्यायालय के पास भी झूठे तथ्य पेश किए हैं। उन्होंने कहा कि अदालत को मोदी सरकार द्वारा मनघंडत जानकारियां देते हुए बताया गया के जहाजों की कीमत की जानकारी कैग को दी गई थी जिसको पार्लिमेंट की पब्लिक अकाउंट कमेटी पीएसी द्वारा भी देखा गया है।
उन्होंने कहा कि पीएसी के चेयरमैन तो कांग्रेस पार्टी के लोकसभा में नेता श्री मलिकार्जुन खडगे हैं व उनकी कमेटी द्वारा ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं देखी गई है, इससे स्पष्ट होता है कि मोदी सरकार न केवल पूरे देश को इस मुद्दे पर अंधेरे में रख रही है बल्कि उसने माननीय न्यायालय को भी गुमराहकुन जानकारियां पेश की है। लोकसभा सदस्य ने कहा कि सारे मामले में सरकार ने पारदर्शिता नहीं रखी है व बड़े ही नाटकीय ढंग के साथ सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को अलग करके एक नई कंपनी को शामिल कर लिया गया जिसको रक्षा सामान बनाने का कोई अनुभव भी नहीं है जब के एच ए एल के पास रक्षा उत्पादों के निर्माण का बड़ा लंबा अनुभव है। जाखड़ ने कहा कि यूपीए सरकार ने 126 राफेल खरीदने का सौदा किया था जिसमें से 18 जहाज तैयार होकर मिलने थे जबकि शेष 108 भारत में बनाने थे पर मोदी सरकार ने 2015 में यह सौदा रद्द कर के जहाजों का नया सौदा कर लिया। उन्होंने कहा कि नए सौदे में 2 दिन पहले तक बार सरकार के अधिकारी कह रहे थे कि सौदे में एचएएल शामिल है पर फिर 2 दिनों में क्या घटित हुआ के एचएल को सौदे में से निकाल कर एक नई कंपनी को शामिल कर लिया गया जो के बड़े संदेह पैदा करता है।
श्री जाखड़ ने कहा कि कांग्रेस पार्टी जहाजों की कीमत में वृद्धि करने, एचएएल कसे सौदे से बाहर करने, देश में जहाजों के निर्माण के रोजगार पैदा करने वाले फैसले को बदलने, व कथित कैग की पीएसी के समक्ष पेश की गई रिपोर्ट के पीछे हुए घपले की जांच की मांग कर रही है। श्री जाखड़ ने कहा कि संयुक्त पारलीमानी कमेटी की जांच रक्षा सौदों की जांच के लिए सबसे उचित है क्योंकि जेपीसी जांच पूरी तरह से गुप्त होती है व देश की सुरक्षा के जुड़े मुद्दों की जांच गुप्त तरीके से ही होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश में घटित इस बड़े घपले की जेपीसी की जांच की मांग पर कांग्रेस द्वड है। उन्होंने कहा कि जेपीसी की जांच के लिए राजी न होना व संसद में इस विषय पर चर्चा करने के लिए तैयार नहीं होना सरकार के द्वारा कोई घपला किए जाने का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे को अंजाम तक लेकर जाएगी।