पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कृषि ऋणों संबंधी सुखबीर सिंह बादल द्वारा लगाऐ गऐ दोषों को आधारहीन और बेतुका बताकर रद्द कर दिया है और शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष की तीखी आलोचना करते हुए कहा है कि वह सभी दोष राज्य सरकार पर थोपकर अपने झूठे और व्यर्थ बयानों से किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है।सुखबीर के दोषों पर तीखी प्रतिक्रिया प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि शिरोमणी अकाली दल और भाजपा सरकार ने अपने 10 साल के शासन के दौरान राज्य के किसान समुदाय के लिए कुछ किया होता तो आज किसान समुदाय जितना बोझ तले दबा है उतना नहीं होता।मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार संकट में घिरे किसानों को इस स्थिति से निकालने के लिए हर कोशिश कर रही है और बादलों की तरफ से विरासत में छोड़ी गई अति बुरी वित्तीय स्थिति तुरंत किसानों को समूची राहत उपलब्ध करवाने में अड़चन बन रही है। इसलिए किसानों को तुरंत समूची राहत देने के लिए केंद्र के दख़ल की ज़रूरत है।कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि चाहे वह किसानों के एक मुश्त कजऱ्े माफ करने के लिए केंद्र के दख़ल और समर्थन की माँग कर रहे हैं परन्तु फिर भी उनकी सरकार ने किसानों के कजऱ् का बोझ घटाने के लिए अपनी कोशिशें नहीं छोड़ीं जिस बोझ को बादलों ने बढऩे दिया और इस पर कोई नियंत्रण नहीं किया। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने स्पष्ट किया है कि कजऱ् माफी की उनकी सरकार की स्कीम जारी रहेगी और वह कृषि ऋणों की माफी संबंधी अपनी वचनबद्धता को हर हाल में निभाएंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि चाहे उनकी सरकार को पिछली सरकार से विरासत में भारी वित्तीय संकट मिला है परन्तु फिर भी उनकी सरकार ने 2,02,186 किसानों का 999.98 करोड़ का सहकारी बैंकों का कजऱ् पहले ही माफ कर दिया है और इस श्रेणी के बाकी बचते किसानों का कजऱ् इस साल नवंबर तक माफ कर दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने अपने लहजे में पूछा कि क्या केंद्रीय सरकार की किसानों के प्रति कोई जि़म्मेवारी नहीं है? उन्होंने आगे फिर पूछा कि वह किसानों के प्रति अपनी इस जि़म्मेवारी से कैसे पक्ष बदल सकती है जब कृषि की समस्या एक राष्ट्रीय संकट बन गई है।उन्होंने कहा कि न तो शिरोमणी अकाली दल और न ही भाजपा ने कभी किसानों की मुसीबतों के प्रति रत्ती भर भी चिंता दिखाई है। उन्होंने कहा कि सुखबीर का हालिया बयान एक बार फिर यह दर्शाता है कि वह किसानी भाईचार के सम्बन्ध में क्या खिचड़ी पकाते रहे हैं।कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि सुखबीर अपनी सहयोगी भाजपा और उसके नेतृत्व वाली केंद्र सरकार, जिसमें उनकी पत्नी ख़ुद मंत्री है को किसानों की मुश्किलों संबंधी राज्य सरकार की तरफ से शुरू किये गये प्रोग्रामों में मदद करने के लिए कहने की जगह राज्य सरकार की तरफ से किये जा रहे यत्नों को घटा के पेश करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ता।कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि पंजाब के लोग विशेषकर संकट में घिरे किसान सुखबीर और उसकी पत्नी हरसिमरत कौर की तरफ देख रहे हैं कि वह किसान भाईचारे को बचाने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव डालें परन्तु बादल इस नाजुक मुद्दे पर संकुचित राजनीति कर रहे हैं जोकि किसानों के लिए जीने-मरने का सवाल बना हुआ है।मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की हालत के प्रति सुखबीर संवेदनहीनता दिखा रहा है। उन्होंने कहा कि बादलों ने पंजाब के किसानों की भलाई में कभी भी रूचि नहीं दिखाई और वह कजऱ्े में दबे किसानों को लगातार पीठ दिखा रहे हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि हाल ही की निरंतर हारों से बादलों ने कोई सबक नहीं सीखा।मुख्यमंत्री ने कहा कि चाहे उनकी सरकार अपने वादे के मुताबिक किसानों का कजऱ् क्षमा करने के लिए लगातार तौर-तरीके निकाल रही है परन्तु किसानी भाईचारे को बादलों के नेतृत्व वाली पिछली सरकार की तरफ से आपनाए गए व्यवहार को न ही भूलना चाहिए और न ही बादलों को माफ करना चाहिए।