पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उद्योगपतियों को समाज कल्याण का एजेंडा लागू करने के लिए राज्य सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाने का न्योता देते हुए हाल ही में स्थापित किये सामाजिक सुरक्षा फंड के लिए कॉर्पोरेट सामाजिक जि़म्मेदारी के अंतर्गत अपना योगदान डालने के लिए कहा है । मुख्यमंत्री ने नई औद्योगिक नीति के दिशा -निर्देशों को अंतिम रूप दिए जाने से पहले उद्योगपतियों के विचार और फीडबैक जानने के लिए शनिवार की शाम राज्य के कुछ बड़े उद्योगपतियों से अनोपचारिक बातचीत की । मुख्यमंत्री ने समाज के कमज़ोर वर्गों ख़ासकर दलितों के लिए सामाजिक सुरक्षा के ढांचे के निर्माण के लिए उद्योगपतियों को राज्य सरकार से हाथ मिलाने का विचार पेश किया । मीटिंग के बाद एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि औद्योगिक दिग्गजों ने इस सुझाव के साथ सहमति व्यक्त की जिससे राज्य सरकार बचत का फिर निवेश कर सकेगी जो औद्योगिक प्रौत्साहन के लिए बुनियादी ढांचे के विकास पर खर्चा जा सकेगा । राज्य भर के फोकल प्वाइंटों में सड़कों के बुनियादी ढांचे की हालत सुधारने पर उद्योगपति एकमत थे । मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों को अपनी कॉर्पोरेट सामाजिक जि़म्मेदारी के हिस्से के तौर पर इक_े मिलकर राज्य में एक आई.टी.आई. स्थापित करने के लिए कहा । उन्होंने कहा कि उद्योग नौजवानों के कौशल विकास के लिए सहयोग कर सकता है जिससे राज्य में नौकरी के मौके पैदा करने को बड़ा प्रौत्साहन मिलेगा । उद्योगपतियों ने इन सुझावों पर काम करने के लिए सहमति व्यक्त करते हुए माना कि इससे राज्य की आर्थिकता को पुन: राह पर लाया जा सकता है । मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों को नई औद्योगिक नीति पर बिना किसी संकोच से अपने विचार और सुझाव पेश करने का न्योता दिया जिससे उद्योगपतियों की चिंताओं और माँगों के अनुकूल दिशा -निर्देशों को और मज़बूत बनाकर अधिक से अधिक निवेश लाया जा सके । मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा उद्योग के लिए दिशा -निर्देशों की पालना को समयबद्ध करने का प्रस्ताव है जिससे अलग -अलग स्वीकृतियों का निपटारा तत्काल किया जा सके ।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि चाहे राज्य वित्तीय तंगी के मद्देनजऱ इस हालत में नहीं है कि उद्योग के लिए दी जा चुकी बिजली सब्सिडी के अलावा और वित्तीय रियायतों के सके परंतु उनकी सरकार व्यापार और अन्य संबंधी प्रक्रिया को आसान बना कर साकारात्मक माहौल सृजन करने के लिए हर संभव कदम उठाऐगी । एवन साइकिल के चेयरमैन और एम.डी. श्री ऊँकार पाहवा ने बिजली सब्सिडी के बावजूद छोटे स्तर की औद्योगिक इकाईयों के लिए बिजली की कीमत अधिक रहने पर अपनी चिंता ज़ाहिर की जिसके जवाब में मुख्यमंत्री ने अपने मुख्य प्रमुख सचिव सुरेश कुमार को यह खर्चा घटाने के लिए रास्ता ढूँढने के लिए एस.एम.ई.एस. के साथ मामला उठाने के लिए कहा । ट्राइडेंट ग्रुप के चेयरमैन राजिन्दर गुप्ता ने सूबो में कपड़ा कारोबार को मज़बूत करने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया जिसकी वस्तुओं की निर्यात से बड़ा सामर्थ्य उभर रहा है । मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार द्वारा इस सैक्टर को पूरा सहयोग देने का भरोसा दिया । आईवी हैल्थकेयर गुप के चैयरमैन स. गुरतेज सिंह के सुझाव पर मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य संभाल उद्योग को अैोर लाभ देने पर विचार करने का भरोसा दिया । चाहे कि नई औद्योगिक नीति में बिजली संबंधी इस सैक्टर को भी दूसरे विभिन्न उद्योग की तरह सहूलतें देने के उपबंधें को शामिल किया गया है । मीटिंग में राज्य में मैडीकल पर्यटन को ओैर उत्साहित करने के लिए कई कदमों पर विचार -चर्चा की गई । वर्धमान गुप के एग्जैक्टिव डायरैक्टर सचित जैन ने पंजाब में शिक्षा ढांचे को सुधारने के लिए उद्योगपतियों को सरकार के यत्नों को सहयोग करने के लिए मुख्यमंत्री के सुझाव का स्वागत किया। मुख्य मंत्री ने उद्योगों द्वारा स्कूल में प्रगति की निगरानी करने का विचार भी मीटिंग में रखा । श्री जैन जो सी.आई.आई. के उत्तरी क्षेत्र के चेयरमैन भी हैं, ने बिजली दरें घटाने की सराहना करते हुए राज्य में मौजूदा उद्योग के विस्तार को उत्साहित करने के लिए निवेश के लिए ओैर रियायतों देने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया।
मिस बैकटरज फूड स्पैशलिटीज़ लिम. के एम.डी. अनूप कुमार ने 100 प्रतिशत निर्यात करने वाले यूनिट को सरकार से रियायत देने के लिए कहा । इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट प्रमोशन कौंसल (नॉरद इंडिया) की चेयरमैन कामना अग्रवाल ने इस बात पर ज़ोर दिया कि सूक्ष्म, छोटे और मध्यम उद्योगों को प्रौत्साहन देने के लिए उद्योग विभाग को ओैर सक्रियता से काम करने की ज़रूरत है । मुख्यमंत्री ने बताया कि उनकी सरकार द्वारा 'निवेश पंजाबÓ के पाँच जि़ला स्तरीय दफ़्तर स्थापित करने का प्रस्ताव है जिससे सूक्ष्म, छोटे और मध्यम उद्योगो को प्रौत्साहन देने के साथ-साथ उद्योगों के लिए प्रक्रियाओंं को और आसान बनाया जा सके । सोनालिका आई.टी.एल. के चेयरमैन एल.डी. मित्तल ने कृषि यंत्रों जैसी वस्तुओं के लिए इनपुट और आउटपुट के लिए जी.एस.टी. में अन्तर होने का मुद्दा उठाया जबकि महिंदरा एंड महिंदरा के स्वराज ट्रैक्टर डिवीजऩ के सी.ओ.ओ. वीरेन पोपली ने कहा कि औद्योगिक नीति में खोज और विकास को उत्साहित करने के लिए रियायतें शामिल न करने का नुक्सान पहुँचा है । मुख्यमंत्री ने कहा कि वह सभी सुझावों पर मंथन करेंगे और उद्योगपतियों द्वारा ज़ाहिर की गई चिंताएं और दिए गए सुझावों के मुताबिक औद्योगिक नीति के दिशा -निर्देशों को तय करने को यकीनी बनाऐंगे। उन्होंने सूबे में औद्योगिक विकास को फिर पटड़ी पर चढ़ाने के लिए सभी ज़रुरी कदम उठाने के प्रति अपनी सरकार की वचनबद्धता दोहराते हुए कहा कि इन कदमों स्वरूप ही सूबे की आर्थिक तरक्की को बुलन्दियों पर ले जाया जा सकता है । मीटिंग में मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव तेजवीर सिंह, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रमुख सचिव गिरीश दयालन और प्रोटोकोल अफ़सर एस.पी. गर्ग उपस्थित थे । इस मौके पर प्रसिद्ध उद्योगपतियों में नाहर इंटरप्राईज़ लिम.के उप-चेयरमैन और एम.डी. कमल ओसवाल, कुआरकसिटी मोहाली के चेयरमैन फरैंड्ड इब्राहीमी, करीमिका फूड इंडस्ट्रीज लिम. के एम.डी. अकश्य बैकटर, कंधारी बेवरेज लिम. जसपाल कंधारी और आई.टी.सी. के एम.डी. सचिद मदान भी उपस्थित थे ।