आम आदमी पार्टी के सुनाम से विधायक अमन अरोड़ा ने शुक्रवार को मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह को पत्र लिखते हुए विधान सभा के पवित्र सदन में झूठ बोलने का आरोप लगाया। पत्रकारों को संबोधन करते हुए अरोड़ा ने कहा कि उनके द्वारा विधान सभा में लगाए गए प्रश्न नंबर 150 का उतर देते बजट शैसन दौरान मुख्य मंत्री ने उसी सवाल की आरटीआई के द्वारा प्राप्त की जानकारी के बिल्कुल उलट झूठा जवाब पेश किया। इस मुद्दे पर हैरान कर देने वाले तथ्य और सुनाम से आरटीआई एक्टीविस्ट राजेश अग्रवाल द्वारा प्राप्त जानकारी पेश करते अरोड़ा ने कहा कि पंजाब मंडी बोर्ड की डीएमआई स्कीम संबंधी जानकारी देते मुख्य मंत्री ने कहा था कि इस अधीन पंजाब भर में मानसा समेत 32 वे-ब्रिज लगाए गए हैं। जब कि मार्केट समिति मानसा ने पत्र नंबर 1772 तिथि 19 -12 -2017 के द्वारा ऐसे किसी वे-ब्रिज लगाए जाने से इन्कार किया है। इसी तरह मुख्य मंत्री के बयान के बिल्कुल उलट पंजाब मंडी बोर्ड द्वारा डायरैक्टर फूड सप्लाई को लिखे पत्र प्रोजैक्ट -/2384 तिथि 15 -03 -2018 में इन वे -ब्रिजों की संख्या 39 बताई गई है। उन्होंने कहा कि अलग -अलग समय पर प्राप्त की आरटीआई जानकारी में यह संख्या कभी 49, 32, 39, 55 और 56 दिखाई गई है।
एक सवाल के जवाब में कहा कि वे-ब्रिज चालू हैं तो मुख्य मंत्री ने इसकी पुष्टि करते कहा कि सभी वे -ब्रिज कार्य कर रहे हैं और यह सुविधा किसानों को बिना किसी कीमत के प्रदान की जा रही है। जबकि आरटीआई द्वारा प्राप्त जानकारी मुख्य मंत्री के इस बयान को झूठलाते किसी भी मंडी में इसकी चालू होने की पुष्टि नहीं करता। यहां तक कि मार्केट समिति अजनाला ने पत्र नंबर 1126 तिथि 18 -12 -2017 और राजपुरा ने पत्र नंबर 2035 तिथि 20 -08 -2017 के द्वारा यह साफ किया है कि अब तक वे-ब्रिज पर कोई कार्य नहीं किया और इस सम्बन्धित कोई रिकार्ड होने से भी इन्कार किया है। अरोड़ा ने आगे कहा कि डीेएमआई स्कीम के अधीन हर वे -ब्रिज लगाने के लिए 8.50 लाख की राशि निर्धारित की गई, परंतु मुख्य मंत्री के अपने जवाब अनुसार इन पर प्रति वे -ब्रिज 15.31 लाख की राशि इस्तेमाल की गई है जो कि अपने आप में 333.69 लाख रुपए का घोटाला है। मुख्य मंत्री के जवाब संबंधी आगे बोलते अरोड़ा ने कहा कि मुख्य मंत्री ने कहा था कि नये लगाए गए 32 वे-ब्रिज 5 हज़ार रुपए प्रति महीने की राशि पर लीज पर दिए गए हैं जो कि 60 हज़ार रुपए प्रति साल बनती है। जबकि फरीदकोट मंडी में 1983 में लगाया गया वे -ब्रिज 288200 प्रति साल लीज पर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि इस से साफ़ जाहर होता है कि मंडी बोर्ड ने डीएमआई स्कीम अधीन घोटाला करते सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगाया है। मुख्य मंत्री द्वारा विधान सभा के पवित्र सदन में झूठ बोलने को मन्दभागा, ग़ैर कानूनन और ग़ैर कानून्नू बताते अपने विशेष अधिकार के हनण या आरटीआई के द्वारा गलत जानकारी देने से लोगों के अधिकार का हनण होने की बात करते अरोड़ा ने मुख्य मंत्री को इस मुद्दे पर स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा। इस मामले में निष्पक्ष विजीलैंस जांच की मांग करते अरोड़ा ने कहा कि इस सम्बन्धित आधिकारियों की जिम्मेदारी निर्धारित करते उनके खिलाफ गलत जानकारी देने के लिए कार्यवाही करने की मांग की। उन्होंने कहा कि पंजाब के लोगों को यह जानने का अधिकार है कि कौन उनको झूठ बोल रहा है इस लिए मुख्य मंत्री इस सम्बन्धित जवाब दें। उन्होंने कहा कि दोनों मामलों में ही लोगों के विशेष अधिकारों का हनण हो रहा है सो इस सम्बन्धित छानबीन अति जरूरी है।