जम्मू एवं कश्मीर के लोग शनिवार को जहां लोहड़ी का त्योहार मनाने की तैयारियों में जुटे हैं, वहीं घाटी में शीतलहर का प्रकोप और तेज हो गया है। लोहड़ी का त्योहार मौसम बदलने का सूचक होता है।जम्मू में शाम को लोहड़ी का अलाव जलाया जाएगा, जिसके आसपास लोग एकजुट होकर आने वाले गर्म दिनों का स्वागत करेंगे।कश्मीर घाटी के लोग हालांकि, 40 दिल लंबी कड़ाके की ठंड की अवधि 'चिल्लई कलां' का सामना कर रहे हैं, जो 30 जनवरी को समाप्त होगी।घाटी में इस वर्ष 'चिल्लई कलां' के दौरान भारी बर्फबारी होने की संभावना कम नजर आ रही है।इस अवधि के दौरान होने वाली बर्फबारी से कश्मीर के बारहमासी जलाशय भर जाते हैं, जिससे गर्मी के दौरान इनमें पानी भरा रहता है।मौसम विभाग ने कहा, "अगले दो हफ्तों के दौरान भारी बर्फबारी की संभावना बहुत कम है। इस दौरान राज्य में ठंडा और शुष्क मौसम बना रहेगा।"श्रीनगर में न्यूनतम तापमान शून्य से 4.6 डिग्री कम, पहलगाम में शून्य से 6.1 डिग्री कम और गुलमर्ग में 4.5 डिग्री सेल्सियस कम रहा।लद्दाख क्षेत्र के लेह शहर में न्यूनतम तापमान शून्य से 15 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।जम्मू शहर में तापमान 6.8 डिग्री, कटरा में 6.9 डिग्री, बोटोटे में 2.9 डिग्री, बानिहाल में शून्य से 1.2 डिग्री नीचे, भदरवाह में 0.9 डिग्री और उधमपुर में 2.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।