कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा अनाधिकृत भवनों के निर्माण को रोकने के लिए नया मोबाइल एप और वेब पोर्टल जारी
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चंडीगढ़ , 20 Dec 2017
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने लीक से हटकर दो पहलकदमियां करते हुये अनाधिकृत निर्माण रोकने के लिए मोबाइल एप जारी करते हुये भूमि प्रयोग की तबदीली इलेक्ट्रानिक विधि से करने के लिए भवन निर्माण विभाग का नया वैब पोर्टल भी जारी किया। ये पहलकदमियां कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा शासन प्रणाली में और अधिक पारदर्शिता एवं जवाबदेही लाने की वचनबद्धता का हिस्सा हैं। मोबाइल एप किसी भी जगह पर हो रही अवैध निर्माण को तुरंत रोकने में समर्थ है और वैब पोर्टल (pbhousing.gov.in) से भूमि प्रयोग की तबदीली सुविधाजनक होगी और किसी भी तरह की तबदीली पर भी नागरिक नजऱ रख सकेंगे।इस संबंधी प्रवक्ता ने बताया कि विभाग द्वारा मोहाली, फतेहगढ़ साहिब और रोपड़ जिलों में पहले ही एक पायलट प्रोजैक्ट के तौर पर पुड्डा-यू.ली.आई.सी. के तौर पर ऐंडरॉयड आधारित एप को इस्तेमाल किया जा रहा है और इसको गमाडा के अधीन क्षेत्र में भी आज सार्वजनिक प्रयोग के लिए खोल दिया गया है।इस एप को नागरिक अपने मोबाइल फ़ोन पर डाउनलोड कर सकेंगे। इस एप के ज़रिये फील्ड स्टाफ और लोग अनाधिकृत तौर पर हो रहे निर्माण की तस्वीरें खींच कर आगामी कार्यवाही के लिए अपलोड कर सकेंगे।सैटेलाइट आधारित यह एप जगह संबंधी विस्तृत जानकारी देगा जिसमें खसरा नंबर, मुसतिल नंबर और भूमि का प्रयोग आदि शामिल होगा। इससे कर्मचारी उस भूमि पर चल रहे अवैध निर्माण और अवैध कलोनी को रोकने के लिए तत्काल कदम उठा सकेंगे।प्रवक्ता ने आगे बताया कि जी.आई.एस. और जी.पी.एस. लोकेशन पर अधारित शिकायत संबंधित कर्मचारियों को अपने-आप मिल जायेगी तथा एस.एम.एस. और ई-मेल द्वारा संबंधित कर्मचारियों को संकेत चला जायेगा।इस प्रणाली के द्वारा नागरिक और संबंधित आधिकारियों को लगातार जानकारी मिलती रहेगी जबकि प्रशासन सैटेलाइट के द्वारा तस्वीरों के साथ रिपोर्टें देख सकेगा।प्रवक्ता ने बताया कि संबंधित अधिकारी एप में अपनी टिप्पणियां देगा और यह सूचना ई-मेल द्वारा तुरंत जि़ला टाऊन प्लानर और मुख्य प्रशासक को भेज दी जाया करेगी। इसके पश्चात अवैध निर्माण को रोकने के लिए रेगुलेटरी विंग द्वारा कार्यवाही शुरू की जायेगी।इसके अलावा यह एप ग़ैर-मंज़ूरशुदा निर्माण और अवैध कलोनियों पर भी निगाह रखने के साथ-साथ फील्ड स्टाफ को ड्यूटी के दौरान किसी भी मौके वाली जगह से ही अपनी हाजिऱी लगाने योग्य बनाऐगी। इस एप से तकनीकी फील्ड स्टाफ को भी और अधिक सुविधा मिलेगी और उनको सिफऱ् हाजिऱी लगाने के लिए ही कार्यालय नहीं आना पड़ेगा और वह फील्ड से ही अपनी हाजिऱी लगाकर अपने कार्य को और अधिक सुचारू ढंग से संपूर्ण करने को यकीनी बना सकेंगे।भवन निर्माण और शहरी विकास विभाग द्वारा डिवैल्परों की सुविधा के लिए एक वेब पोर्टल तैयार किया गया है जिसके द्वारा वह बिना किसी कार्यालय के चक्कर लगाऐ ऑनलाइन सी.एल.यू. प्राप्त कर सकेंगे। इस पोर्टल के द्वारा डिवैल्परों को उनकी तरफ से ख़ुद स्तयापित विवरणों के आधार पर अस्थायी सी.एल.यू. मुहैया करवा दिया जायेगा जबकि विभाग की तरफ से ज़रुरी दस्तावेज़ों की पड़ताल के पश्चात स्थायी सी.ऐल.यू. 30 दिनों के अंदर-अंदर जारी कर दिया जायेगा। यह सारी प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है जिसके द्वारा प्रत्येक स्तर पर डिवेल्परों को एस.एम.एस. और ईमेल के द्वारा अपेक्षित सूचना दी जायेगी। ई-सी.एल.यू. की जहां डिवेल्परों को सुविधा होगी, वहां साथ ही इससे संबंधित विभाग की प्रक्रियाएं को भी सरल बनायेगा। पायलट प्रोजैक्ट के तौर पर यह पोर्टल शुरुआती तौर पर लालड़ू मास्टर प्लान के साथ जोड़ा गया है जोकि जल्द ही दूसरे मास्टर प्लान वाले शहरों के साथ जोड़ा जायेगा।