इंडो ग्लोबल कॉलेज ने राष्ट्रीय बचाव ऊर्जा दिवस पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसके साथ देश के विकास के मद्देनजर विकास की ईच्छा के लिए काम करते हुए ऊर्जा परिवर्तन व उसकी देखभाल पर भारत की प्राप्तियों का प्रदर्शन करने का लक्ष्य रखा गया। छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए चेयरमैन सुखदेव सिंगला ने कहा कि हम ऊर्जा को बचाने में बेहद जरुरी काम करते हैं जैसे कि अनावश्यक रूप से चलने वाले प्रशंसकों, रोशनी, पनडूब्बी, हीटर, कार यात्रा या रोजाना इस्तेमाल की अन्य बिजली की चीजों का प्रयोग करना इसमें शामिल है। ऊर्जा के अतिरिक्त उपयोग को बचाने के लिए यह ज्यादा आसान और कुशल तरीका है इसलिए नेशनल ऊर्जा बचाव की मुहिम के प्रति यह महान भूमिका निभा रहे है।
सीईओ मानव सिंगला ने कहा कि इस समय ईंधन, कच्चा तेल, कोयला, प्राकृतिक गैस और दैनिक जीवन में उपयोग के इस्तेमाल के लिए यह काफी ऊर्जा उत्पन्न करते हैं, लेकिन इसकी रोजाना की मांगों को बढ़ाते हुए कुदरती स्त्रोतों को घटाने का डर पैदा होता है। ऊर्जा को बचाने का एक ही रास्ता है जो अक्षय ऊर्जा के साथ ऊर्जा के गैर-नवीकरणीय संसाधनों को बदलने में मदद करता है। उनके अनुसार लोगों को यह जानना चाहिए कि उनके कार्य के कारण उनकी रोशनी, तनाव, सिरदर्द, रक्तचाप, थकान और श्रमिकों की कार्य कुशलता कम होती है। जबकि, प्राकृतिक श्रमिकों की उत्पादकता स्तर को बढ़ाती है और ऊर्जा खपत को कम करती है।नेशनल ऊर्जा बचाव की मुहिम को अधिक प्रभावी बनाने के लिए, ऊर्जा बचाव प्रतियोगिताओं की किस्मों का आयोजन किया गया। प्रतिभागियों को एक विषय दिया गया था जैसे कि ऊर्जा की ज्यादा बचत, आज की ऊर्जा की बर्बादी कल की ऊर्जा की कमी है, बचाई हुई ऊर्जा से भविष्य बचाना आदि विषय पर विचार विमर्श हुआ।