संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अगर चाहें तो उनके पास ईरान परमाणु समझौते को तोड़ने का अधिकार और औचित्य है। निक्की ने एक कार्यक्रम में कहा, "पूरी दुनिया सोचती है कि जेसीपीओए (संयुक्त व्यापक कार्ययोजना) अटूट है, लेकिन ऐसा नहीं है।"ईरान परमाणु समझौते का उल्लेख करते हुए निक्की ने कहा, "अगर राष्ट्रपति ने ईरानी अनुपालन को प्रमाणित नहीं करने का चुनाव किया है तो इसका मतलब यह नहीं है कि अमेरिका जेसीपीओए से हट रहा है।" परमाणु हथियारों को ईरान द्वारा न बनाने और इसके बदले में उसे कुछ रियायतें देने से जुड़े इस समझौते में ईरान और छह प्रमुख देश अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, रूस, फ्रांस और जर्मनी शामिल हैं। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने निक्की के हवाले से बताया, "ऐसा हो सकता है कि सरकार का मानना हो कि ईरान इस सौदे का उल्लंघन कर रहा है या ईरान के खिलाफ प्रतिबंधों को हटाना उचित नहीं है या फिर प्रतिबंधों को हटाना अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में नहीं है।" यह समझौता ईरान की परमाणु गतिविधियों को सीमित करता है और ईरान स्थित परमाणु स्थलों के नियमित निरीक्षण की अनुमति देता है।